चंडीगढ़: हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा (keshni anand arora) ने कहा कि गुरुग्राम में भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने व वेस्ट वाटर के प्रबंधन के लिए अच्छे एक्शन प्लान को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने की जरूरत है, तभी सुखद परिणाम सामने आएंगे. वे आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुग्राम जिले के वाटर प्लान को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थी. बैठक में गुरुग्राम जिले के उपायुक्त डॉ. यश गर्ग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण व गुरुग्राम जिले में जल संचयन के लिए कार्य कर रही स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी जुड़े थे.
केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम शहर में वेस्ट वाटर का सदुपयोग करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मिलेनियम सिटी का दर्जा प्राप्त गुरुग्राम शहर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने के साथ ही प्रदेश की आर्थिक राजधानी भी है. ऐसे में यहां जल संचयन के लिए विशेष फोकस किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में घटते भूजल स्तर व जल संचयन को लेकर ठोस रणनीति अपनानी होगी. इसके लिए जल संचयन से जुड़े विभागों को गंभीरता से कार्य करने के साथ साथ जल संचयन प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. एनजीओ व अन्य संस्थानों से सहयोग लेना चाहिए.
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बैठक में एच.डब्ल्यू.आर.ए के मेंबर संजय मारवाह ने कहा कि हमें गुरुग्राम में सभी बड़े संस्थानों की बिल्डिंग से निकलने वाले वेस्ट वाटर का उपयोग उसी के कैचमेंट एरिया में करना होगा. इस दौरान सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता डॉ. शिवसिंह रावत ने दमदमा झील के जीर्णोद्धार को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए. बैठक में गुरुग्राम के उपायुक्त डॉ. यश गर्ग ने बताया कि जल संचयन नियमों के उल्लंघन पर जिला प्रशासन नजर रखे हुए है, जिस पर केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि जल संचयन नियमों की अनदेखी करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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