सोनीपत: जैवलिन थ्रो F-64 कैटेगरी में हरियाणा के पैरा-एथलीट संदीप ने गोल्ड और सुमित ने सिल्वर मेडल जीते. दोनों ने अपने-अपने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी सुधारे हैं. संदीप और सुमित दोनों हादसे के कारण दिव्यांग हो गए थे.
दुबई में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में संदीप ने 66.18 मीटर जैवलिन थ्रो किया और एफ 44 कैटेगरी का 65.80 मीटर में अपना रिकॉर्ड सुधारा. वहीं सुमित ने 62.88 मीटर की थ्रो के साथ अपना एफ 64 का 60.45 मीटर का रिकॉर्ड बेहतर किया. दोनों ने अगले साल टोक्यो में में होने वाले पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई किया.
पिता ने किया मोटिवेट
गुरुग्राम के संदीप जब 12 साल के थे, तब उन्होंने हादसे में पैर गंवा दिए थे. संदीप का कहना है कि एक बार तो यूं लगा था, मानो जिंदगी खत्म ही हो गई है, लेकिन फौजी पिता ने बचपन से ही सीख दी थी कि अंतिम दम तक हार नहीं माननी है. उनकी इस सीख ने ही संदीप को हौसला दिया और खेल से जोड़ दिया.
रियो पैरालिंपिक में हार
संदीप बताते हैं, 'परिवार और कोच के भरोसे के कारण ही मैं यहां तक पहुंच सका हूं. कोच नवल सिंह 2014 से मेरे साथ हैं. मैं रियो पैरालिंपिक में मामूली अंतर से मेडल चूक गया था और चौथे नंबर पर रहा था. जब भारत लौटा तो लगा कि चौथे और 40वें नंबर में कोई फर्क नहीं है.
जब तक आप पोडियम फिनिश नहीं करते, तब तक मेहनत करते रहनी चाहिए. मैंने अपनी हार को मोटिवेशन के रूप में लिया और कड़ी मेहनत की. कोच ने फिनलैंड में मेरी टेक्नीक पर लगभग डेढ़ महीने तक काम किया. इससे मेरा खेल बिलकुल ही बदल गया. मैंने पिछले साल एशियन गेम्स और अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता.
ये भी पढे़ं:-मिसेज यूनाइटेड नेशन प्रतियोगिता में फर्स्ट रनरअप रही चंडीगढ़ की डॉक्टर विभा
सुमित पैरा एथलीट बनकर किया सपना पूरा
वहीं सोनीपत के सुमित पहलवान थे. उनका सपना था कि कुश्ती में वर्ल्ड चैंपियन बने, लेकिन करीब चार साल पहले दुर्घटना का शिकार हो गए, जिससे घुटने का निचला हिस्सा काटना पड़ा. सामान्य कैटेगरी में चैंपियन नहीं बन सके तो पैरा खेल से जुड़े, ताकि सपना पूरा कर सकें.
सुमित ने जीता सिल्वर मेडल
सुमित के जीजाजी वीरेंद्र धनकड़ भी पैरा एथलीट जैवलिन थ्रोअर हैं. उन्होंने सुमित को हौसला दिया और शुरुआती कोचिंग दी. इसके बाद द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह के पास दिल्ली भेज दिया. इसके बाद सुमित ने एशियन गेम्स के लिए क्वालिफाई किया. इस बार उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ सिल्वर जीता.