चंडीगढ़: हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. पहला युवा दिवस 1999 में मनाया गया था. जब संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने लिस्बन में युवाओं के लिए जिम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा की गई सिफारिश को स्वीकार करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था. ऐसे में दुनिया भर में युवाओं को प्रभावित करने वाली विभिन्न चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ हर साल 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व: हर साल 12 अगस्त को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस, युवाओं के गुणों, एक राष्ट्र और पूरे विश्व के विकास के लिए उनकी क्षमता का सम्मान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है. ये दिन उनके सामने आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार करता है और मुद्दों को खत्म करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करता है. युवाओं द्वारा सामुदायिक विकास, पर्यावरण की सुरक्षा और विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं पर योगदान दिया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस दुनिया भर में युवाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली कठिनाइयों पर केंद्रित है. ऐसे में आज हम बात करेंगे चंडीगढ़ की 29 वर्षीय खिलाड़ी मोनिका की. उन्होंने 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया था, तब से वो भारतीय टीम का अभिन्न अंग हैं. वो 2014 में इंचियोन साउथ में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थीं. कोरिया और 2016 के रियो ओलंपिक खेलों में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया.
मोनिका 2022 में, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की ऐतिहासिक कांस्य पदक उपलब्धि का हिस्सा थीं और एफआईएच नेशंस कप जीतने वाली टीम में भी शामिल थीं, इस प्रकार उन्होंने एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2023-24 के लिए योग्यता हासिल की. मोनिका युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है. उनको देखकर शहर की बाकी लड़कियां भी हॉकी की ट्रेनिंग ले रही हैं.
मोनिका का जन्म 5 नवंबर 1993 को हरियाणा के सोनीपत जिले के गामड़ी गांव में हुआ था. मोनिका के पिता चंडीगढ़ पुलिस में कार्यरत हैं. इसलिए वो चंडीगढ़ ही शिफ्ट हो गए. पढ़ाई के साथ मोनिका का खेल से काफी लगाव था. स्कूल में हॉकी के खेल में वो हमेशा आगे रहती थी. मोनिका के मुताबिक उनके पिता ने उनका बखूबी साथ दिया. परिजनों के साथ के चलते वो इस मुकाम पर पहुंच पाई हैं.