ETV Bharat / state

बेटे के एक गुनाह ने खत्म कर दिया सीएम के दावेदार पिता का राजनीतिक करियर!

author img

By

Published : Jun 2, 2020, 6:29 PM IST

Updated : Jun 2, 2020, 7:20 PM IST

साल 1999 में विनोद शर्मा राजनीति करियर की बुलंदियों पर थे, लेकिन जेसिका लाल मर्डर केस में उनके बड़े बेटे को दोषी पाया गया, जिस वजह से आज तक उनका सीएम बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया.

inside story of jessica lal murder by manu sharma ruined vinod sharma political carrier
बेटे के एक गुनाह ने खत्म कर दिया सीएम के दावेदार पिता का राजनीतिक करियर

चंडीगढ़: विनोद शर्मा किसी जमाने में हरियाणा कांग्रेस में करीब-करीब वही कद रखते थे जो आज भूपेंद्र सिंह हुड्डा रखते हैं. पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में विनोद शर्मा की गिनती होती थी.

पार्टी को इन पर इतना भरोसा था कि साल 1980 में पार्टी ने विनोद शर्मा को पंजाब के बनूड़ सीट से विधानसभा का चुनाव लड़वाया और विनोद शर्मा जीते भी. 1992 में कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा भी भेजा गया. उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया. जिस वक्त विनोद शर्मा सियासी रसूख की ऊंचाइयों पर थे उसी वक्त उनके बड़े बेटे सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा के एक गुनाह ने उनका राजनीतिक तबाह कर दिया.

विनोद शर्मा 1990-1999 तक राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ रहे थे. वो पिछले 40 साल से पार्टी में बने हुए थे. आलाकमान भी उन पर काफी भरोसा करता था, लेकिन जेसिका लाल हत्या कांड में शामिल बेटे मनु शर्मा की वजह से केंद्रीय पार्टी ने विनोद शर्मा से किनारा करना शुरू कर दिया और आखिरकार उन्हें पार्टी से इस्तीफा तक देना पड़ा.

inside story of jessica lal murder by manu sharma ruined vinod sharma political carrier
मनु शर्मा को पेशी के लिए ले जाती हुई पुलिस (फाइल फोटो)

दो बार चुनाव जीते, फिर भी नहीं मिला बड़ा पद

विनोद शर्मा 1999 से लेकर 2004 तक पर्दे के पीछे से ही राजनीति कर रहे थे. वो मानों सब खो चुके थे, लेकिन 2004 में उन्होंने कांग्रेस में फिर वापसी की, 2005 में वो हरियाणा में अंबाला सिटी विधानसभा से विधायक भी बने. 2006 में निचली अदालत ने मनु शर्मा को बरी भी कर दिया. लेकिन ऊपरी अदालत में अपील के बाद केस दोबारा खुला और 2006 में मनु शर्मा को जेसिका लाल की हत्या का दोषी करार दिया गया. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

मनु शर्मा को सजा के बावजूद विनोद शर्मा विधायक बने रहे, वो 2009 चुनाव भी जीते और पार्टी में बनें रहे, लेकिन शायद उनकी राजनीतिक इच्छाएं पूरी नहीं हुई. कहा जाता है कि अगर जेसिका लाल हत्या कांड ना होता तो विनोद शर्मा कांग्रेस के कार्यकाल में काफी बड़े ओहदे पर होते. उन्हें एक समय हरियाणा में मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जाने लगा था.

सक्रिय राजनीति से गायब हो गए विनोद शर्मा

साल 2014 में पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से उन्हें निष्कासित कर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने खुद विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया और खुद की 'जन चेतना पार्टी' नाम से एक नई पार्टी बनाई और चुनाव लड़े, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाए.

क्या हुआ था वारदात की रात?

साल 1999 में महरौली के कुतुब कालेनेड के एक रेस्टोरेंट में "थर्सडे स्पेशल नाइट्स" नाम की पार्टी हुआ करती थी. इसी रेस्टोरेंट में 29 अप्रैल 1999 को बीना रमानी ने अपने पति के विदेश यात्रा के लिए पार्टी का आयोजन किया था. जिसमें बीना की बेटी मालिनी रमानी अपने दोस्तों के साथ और कई मॉडल्स के साथ बार में ड्रिंक सर्व कर रही थीं. जेसिका इस बार में उस रात बतौर बार टेंडर थी.

इस पार्टी में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा का 24 साल का बेटा मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ भी कई दोस्तों के साथ पार्टी में जा पहुंचा. रात करीब 2 बजे मनु ने जेसिका से शराब सर्व करने के लिए कहा, लेकिन जेसिका ने बार बंद होने का हवाला देकर मना कर दिया. मना करने से गुस्साए मनु शर्मा ने जेसिका को गोली मार दी.

मनु शर्मा ने जेसिका लाल पर बहुत नजदीक से दो गोलियां चलाई, पहली गोली छत पर जा कर लगी. दूसरी जेसिका की कनपटी पर लग गई. गोली लगते ही जेसिका गिर पड़ी. बीस मिनट बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

ये भी पढे़ं- जेसिका लाल हत्याकांड: जेल से रिहा होगा मनु शर्मा, LG ने दिया आदेश

चंडीगढ़: विनोद शर्मा किसी जमाने में हरियाणा कांग्रेस में करीब-करीब वही कद रखते थे जो आज भूपेंद्र सिंह हुड्डा रखते हैं. पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में विनोद शर्मा की गिनती होती थी.

पार्टी को इन पर इतना भरोसा था कि साल 1980 में पार्टी ने विनोद शर्मा को पंजाब के बनूड़ सीट से विधानसभा का चुनाव लड़वाया और विनोद शर्मा जीते भी. 1992 में कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा भी भेजा गया. उन्हें केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया. जिस वक्त विनोद शर्मा सियासी रसूख की ऊंचाइयों पर थे उसी वक्त उनके बड़े बेटे सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा के एक गुनाह ने उनका राजनीतिक तबाह कर दिया.

विनोद शर्मा 1990-1999 तक राजनीतिक तौर पर आगे बढ़ रहे थे. वो पिछले 40 साल से पार्टी में बने हुए थे. आलाकमान भी उन पर काफी भरोसा करता था, लेकिन जेसिका लाल हत्या कांड में शामिल बेटे मनु शर्मा की वजह से केंद्रीय पार्टी ने विनोद शर्मा से किनारा करना शुरू कर दिया और आखिरकार उन्हें पार्टी से इस्तीफा तक देना पड़ा.

inside story of jessica lal murder by manu sharma ruined vinod sharma political carrier
मनु शर्मा को पेशी के लिए ले जाती हुई पुलिस (फाइल फोटो)

दो बार चुनाव जीते, फिर भी नहीं मिला बड़ा पद

विनोद शर्मा 1999 से लेकर 2004 तक पर्दे के पीछे से ही राजनीति कर रहे थे. वो मानों सब खो चुके थे, लेकिन 2004 में उन्होंने कांग्रेस में फिर वापसी की, 2005 में वो हरियाणा में अंबाला सिटी विधानसभा से विधायक भी बने. 2006 में निचली अदालत ने मनु शर्मा को बरी भी कर दिया. लेकिन ऊपरी अदालत में अपील के बाद केस दोबारा खुला और 2006 में मनु शर्मा को जेसिका लाल की हत्या का दोषी करार दिया गया. उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

मनु शर्मा को सजा के बावजूद विनोद शर्मा विधायक बने रहे, वो 2009 चुनाव भी जीते और पार्टी में बनें रहे, लेकिन शायद उनकी राजनीतिक इच्छाएं पूरी नहीं हुई. कहा जाता है कि अगर जेसिका लाल हत्या कांड ना होता तो विनोद शर्मा कांग्रेस के कार्यकाल में काफी बड़े ओहदे पर होते. उन्हें एक समय हरियाणा में मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जाने लगा था.

सक्रिय राजनीति से गायब हो गए विनोद शर्मा

साल 2014 में पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से उन्हें निष्कासित कर दिया गया. जिसके बाद उन्होंने खुद विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया और खुद की 'जन चेतना पार्टी' नाम से एक नई पार्टी बनाई और चुनाव लड़े, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाए.

क्या हुआ था वारदात की रात?

साल 1999 में महरौली के कुतुब कालेनेड के एक रेस्टोरेंट में "थर्सडे स्पेशल नाइट्स" नाम की पार्टी हुआ करती थी. इसी रेस्टोरेंट में 29 अप्रैल 1999 को बीना रमानी ने अपने पति के विदेश यात्रा के लिए पार्टी का आयोजन किया था. जिसमें बीना की बेटी मालिनी रमानी अपने दोस्तों के साथ और कई मॉडल्स के साथ बार में ड्रिंक सर्व कर रही थीं. जेसिका इस बार में उस रात बतौर बार टेंडर थी.

इस पार्टी में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा का 24 साल का बेटा मनु शर्मा उर्फ सिद्धार्थ वशिष्ठ भी कई दोस्तों के साथ पार्टी में जा पहुंचा. रात करीब 2 बजे मनु ने जेसिका से शराब सर्व करने के लिए कहा, लेकिन जेसिका ने बार बंद होने का हवाला देकर मना कर दिया. मना करने से गुस्साए मनु शर्मा ने जेसिका को गोली मार दी.

मनु शर्मा ने जेसिका लाल पर बहुत नजदीक से दो गोलियां चलाई, पहली गोली छत पर जा कर लगी. दूसरी जेसिका की कनपटी पर लग गई. गोली लगते ही जेसिका गिर पड़ी. बीस मिनट बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

ये भी पढे़ं- जेसिका लाल हत्याकांड: जेल से रिहा होगा मनु शर्मा, LG ने दिया आदेश

Last Updated : Jun 2, 2020, 7:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.