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छात्रों को नहीं जमा करवानी होगी फीस, सूचना आयुक्त ने जारी किया ये पत्र - information commissioner

आर.टी.आई. के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करने के लिए अब छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा तय फीस नहीं जमा करवानी होगी. हरियाणा के सूचना आयुक्त ने इस दिशा में अहम आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी द्वारा लगाई गई 500 रुपए की फीस गैरवाजिब है.

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Published : Feb 18, 2019, 10:25 AM IST

चंडीगढ़: आर.टी.आई. के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करने के लिए अब छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा तय फीस नहीं जमा करवानी होगी. हरियाणा के सूचना आयुक्त ने इस दिशा में अहम आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी द्वारा लगाई गई 500 रुपए की फीस गैरवाजिब है.

आपको बता दें कि आर.टी.आई. के तहत मांगी गई सूचना और प्रतियां 2 रुपये प्रति पृष्ठ के हिसाब से दी जाती हैं और यही उत्तर पुस्तिका पर भी लागू होता है. गौरतलब है कि इस मामले में सूचना आयुक्त के सामने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में लॉ के छात्र ने कहा कि देश के करोड़ों छात्रों का भविष्य परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंकों पर निर्भर करता है.

ऐसे में कई छात्रों की शिकायत होती है कि उन्हें उम्मीद से कम अंक मिले हैं. कई बार ये शिकायत वाजिब भी होती है, लेकिन परीक्षा लेने वाली संस्थाएं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर पुस्तिका छात्रों को देने लिए बाध्य तो हैं, मगर छात्रों को उत्तर पुस्तिका की प्रति लेने के लिए इतनी ज्यादा फीस की कहीं कोई गुंजाइश नजर नहीं आती.

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चंडीगढ़: आर.टी.आई. के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करने के लिए अब छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा तय फीस नहीं जमा करवानी होगी. हरियाणा के सूचना आयुक्त ने इस दिशा में अहम आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी द्वारा लगाई गई 500 रुपए की फीस गैरवाजिब है.

आपको बता दें कि आर.टी.आई. के तहत मांगी गई सूचना और प्रतियां 2 रुपये प्रति पृष्ठ के हिसाब से दी जाती हैं और यही उत्तर पुस्तिका पर भी लागू होता है. गौरतलब है कि इस मामले में सूचना आयुक्त के सामने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में लॉ के छात्र ने कहा कि देश के करोड़ों छात्रों का भविष्य परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंकों पर निर्भर करता है.

ऐसे में कई छात्रों की शिकायत होती है कि उन्हें उम्मीद से कम अंक मिले हैं. कई बार ये शिकायत वाजिब भी होती है, लेकिन परीक्षा लेने वाली संस्थाएं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर पुस्तिका छात्रों को देने लिए बाध्य तो हैं, मगर छात्रों को उत्तर पुस्तिका की प्रति लेने के लिए इतनी ज्यादा फीस की कहीं कोई गुंजाइश नजर नहीं आती.

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आर.टी.आई. से आंसर शीट पर हरियाणा के सूचना आयुक्त का  फैसला 

आर.टी.आई. के जरिए मांगी गई उत्तर पुस्तिका के लिए फीस निर्धारित नहीं कर सकती यूनिवर्सिटी : सूचना आयुक्त 

-अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की प्रति 2 रुपए प्रति पन्ने के हिसाब से आर.टी.आई. के जरिए पा सकेंगे छात्र 

-कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को 2 रुपए प्रति पन्ने के हिसाब से छात्रों की उत्तर पुस्तिका की प्रति उपलब्ध करवाने के आदेश 

-यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करवाने के लिए मांगी गई थी 500 रुपए फीस 

चंडीगढ़

आर.टी.आई. के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करने के लिए अब छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा तय फीस नहीं जमा करवानी होगी। हरियाणा के सूचना आयुक्त ने इस दिशा में अहम आदेश जारी करते हुए यह स्पष्ट किया कि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी द्वारा लगाई गई 500 रुपए की फीस गैरवाजिब है। आर.टी.आई. के तहत मांगी गई सूचना और प्रतियां 2 रुपए प्रति पृष्ठ के हिसाब से दी जाती हैं और यही उत्तर पुस्तिका पर भी लागू होता है। 

मामले में सूचना आयुक्त के सामने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में लॉ के छात्र ने कहा कि देश के करोड़ों छात्रों का भविष्य परीक्षा में प्राप्त होने वाले अंकों पर निर्भर करता है। ऐसे में कई छात्रों की शिकायत होती है कि उन्हें उम्मीद से कम अंक मिले हैं। कई बार ये शिकायत वाजिब भी होती है। लेकिन परीक्षा लेने वाली संस्थाएं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तरपुस्तिका छात्रों को देने लिए बाध्य तो हैं लेकिन छात्रों को उत्तरपुस्तिका की प्रति लेने के लिए निरुत्साहित करने के उदेश्य से फीस इतनी अधिक निर्धारित कर देती हैं जो देना छात्रों की पहुँच से बाहर होती है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि संकाय के छात्र मोहित का ऐसा ही मामला सूचना आयोग के सामने आया । दरअसल जब विधि संकाय के छात्र को अपने एक पेपर में म्मीद से कम अंक मिले तो उसने आर.टी.आई लगाकर अपनी उत्तरपुस्तिका की प्रति विश्वविद्यालय से मांगी, लेकिन उत्तरपुस्तिका देने के लिए विश्वविद्यालय अपने नियमों का हवाला देते हुए ने छात्र से 500 रुपये जमा करवाने को कहा जिसकी शिकायत छात्र सुचना आयोग को की ।  दलील देते हुए कहा कि सूचना के अधिकार के बाद किसी भी नियम का हवाला देकर सूचना के अधिकार के तहत निर्धारित फीस से ज्यादा की मांग नहीं की जा सकती, क्योंकि सूचना का अधिकार क़ानून के बाद अन्य कानूनों का प्रभाव निरस्त हो जाता है । और इतनी अधिक फीस की मांग करना छात्र हितों के साथ खिलवाड़ है । वहीं विश्वविद्यालय के वकील ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा बनाये गए नियमों के तहत परीक्षा लेने वाली संस्था को सूचना के अधिकार में निर्धारित फीस से ज्यादा शुल्क लेने का अधिकार है। सुचना आयुक्त ने याचिकर्ता छात्र  की दलीलों से सहमत होते हुए छात्रों की हित में महत्वपूर्ण फैंसला देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय सुचना के अधिकार कानून के तहत निर्धारित दस रुपये की मूलभूत फीस व दो रुपये प्रति पेज से ज्यादा की मांग छात्र से नहीं कर सकता । सूचना आयोग ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को  सूचना के अधिकार कानून के तहत निर्धारित फीस लेकर उत्तरपुस्तिका की प्रति प्रदान करने के आदेश दिए हैं। 

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