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आईएएस रानी नगर को नहीं मिला सरकारी आवास, फेसबुक पर पोस्ट कर साझा किए हालात

रानी नागर ने जब से दोबारा कार्यभार संभाला है वो घर नहीं गई हैं. वो गुर्जर भवन में रह रही हैं, उनपर पहले कई हमले हो चुके हैं.

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आईएएस रानी नगर को नहीं मिला सरकारी आवास
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Published : Feb 6, 2021, 8:50 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर लंबे समय से चंडीगढ़ के गुर्जर भवन में रह रही हैं. रानी नगर के दोबारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद से उन्हें सरकारी आवास नहीं मिला है. रानी नागर ने ग्यारह नवंबर को कार्यभार ग्रहण किया था. इसको लेकर रानी नगर ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया है.

फेसबुक पर दी जानकारी

आईएएस अधिकारी रानी नागर ने अपने वॉल पर लिखा है कि यह सवाल पिछले काफी समय से मेरे बुजुर्ग और बंधु पूछ रहे हैं कि मैं वर्तमान में कहां हूं और क्या कर रही हूं. इसके बारे में दोबारा बताना चाहती कि मैंने 11 नवंबर, 2020 से हरियाणा सरकार में कार्यभार ग्रहण कर लिया है वर्तमान में मैं अतिरिक्त सचिव हरियाणा सरकार नागरिक संसाधन सूचना विभाग के पद पर हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में कार्यरत हूं.

अभी सरकारी आवास उपलब्ध नहीं होने के कारण मैंने अपने गुर्जर समाज के गुज्जर भवन सेक्टर 28बी चंडीगढ़ में निवास कर रही हूं. रानी नागर ने लिखा कि मैं ईश्वर एवं अपने समाज की आजीवन आभारी रहूंगी साथ में मैं अपना पोस्टिंग आर्डर संगलन कर रही हूं. इसके साथ रानी नगर ने अपने आदेशों की कॉपी भी साथ में डाली है.

IAS Rani Nagar did not get government accommodation, shared the situation by posting on Facebook
आईएएस रानी नागर की वॉल पोस्ट का स्क्रीनशॉट

गौरतलब है कि रानी नागर ने बीते साल अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने और केंद्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया. हरियाणा सरकार की तरफ से एक 11 नवंबर 2020 को अतिरिक्त सचिव हरियाणा सरकार नागरिक संसाधन सूचना विभाग के पद पर नियुक्ति दी गई थी.

ये पढ़ें- IAS रानी नागर और उनकी बहन पर गाजियाबाद में हुआ हमला, आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान करीब 7 महीने पहले अपने पद से इस्तीफा देने के बाद रानी नागर ने इस्तीफा वापस ले लिया था. उसके बाद उन्हें नागरिक संसाधन सूचना विभाग में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है.

सुरक्षा कारण को लेकर 4 मई, 2020 को दिया था इस्तीफा

बता दें कि, आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाई कोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी. पिछले साल 4 मई को रानी नागर ने हरियाणा की मुख्य सचिव को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी थी. हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया था.

ये पढ़ें- IAS रानी नागर के इस्तीफे से दुखी केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर

पहले भी सुर्खियों में रही हैं रानी नागर

रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. मामला सीएम खट्टर तक पहुंचा था. गुलाटी ने आरोपों को नकारते हुए सरकार को भी जवाब दे दिया था. इसके अलावा रानी नागर एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकी हैं. वहीं, उन्होंने डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था और डीजीपी को शिकायत दी थी.

चंडीगढ़: हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर लंबे समय से चंडीगढ़ के गुर्जर भवन में रह रही हैं. रानी नगर के दोबारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद से उन्हें सरकारी आवास नहीं मिला है. रानी नागर ने ग्यारह नवंबर को कार्यभार ग्रहण किया था. इसको लेकर रानी नगर ने अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया है.

फेसबुक पर दी जानकारी

आईएएस अधिकारी रानी नागर ने अपने वॉल पर लिखा है कि यह सवाल पिछले काफी समय से मेरे बुजुर्ग और बंधु पूछ रहे हैं कि मैं वर्तमान में कहां हूं और क्या कर रही हूं. इसके बारे में दोबारा बताना चाहती कि मैंने 11 नवंबर, 2020 से हरियाणा सरकार में कार्यभार ग्रहण कर लिया है वर्तमान में मैं अतिरिक्त सचिव हरियाणा सरकार नागरिक संसाधन सूचना विभाग के पद पर हरियाणा सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में कार्यरत हूं.

अभी सरकारी आवास उपलब्ध नहीं होने के कारण मैंने अपने गुर्जर समाज के गुज्जर भवन सेक्टर 28बी चंडीगढ़ में निवास कर रही हूं. रानी नागर ने लिखा कि मैं ईश्वर एवं अपने समाज की आजीवन आभारी रहूंगी साथ में मैं अपना पोस्टिंग आर्डर संगलन कर रही हूं. इसके साथ रानी नगर ने अपने आदेशों की कॉपी भी साथ में डाली है.

IAS Rani Nagar did not get government accommodation, shared the situation by posting on Facebook
आईएएस रानी नागर की वॉल पोस्ट का स्क्रीनशॉट

गौरतलब है कि रानी नागर ने बीते साल अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने और केंद्र सरकार ने स्वीकार नहीं किया. हरियाणा सरकार की तरफ से एक 11 नवंबर 2020 को अतिरिक्त सचिव हरियाणा सरकार नागरिक संसाधन सूचना विभाग के पद पर नियुक्ति दी गई थी.

ये पढ़ें- IAS रानी नागर और उनकी बहन पर गाजियाबाद में हुआ हमला, आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान करीब 7 महीने पहले अपने पद से इस्तीफा देने के बाद रानी नागर ने इस्तीफा वापस ले लिया था. उसके बाद उन्हें नागरिक संसाधन सूचना विभाग में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है.

सुरक्षा कारण को लेकर 4 मई, 2020 को दिया था इस्तीफा

बता दें कि, आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाई कोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी. पिछले साल 4 मई को रानी नागर ने हरियाणा की मुख्य सचिव को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी थी. हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया था.

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पहले भी सुर्खियों में रही हैं रानी नागर

रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. मामला सीएम खट्टर तक पहुंचा था. गुलाटी ने आरोपों को नकारते हुए सरकार को भी जवाब दे दिया था. इसके अलावा रानी नागर एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकी हैं. वहीं, उन्होंने डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था और डीजीपी को शिकायत दी थी.

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