चंडीगढ़ः यूटी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार सुबह इंडस्ट्रियल एरिया फेस 2 के प्लॉट नंबर 153 स्थित मैपल टेक नामक कंपनी के लैब पर छापेमारी की. विशेष रूप से गठित पुलिस टीम ने आईटीआई इंस्ट्रक्टर के पेपर लीक मामले में मैनेजर को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पुलिस ने एक महिला समेत उन दस परीक्षार्थियों को भी राउंड-अप किया है, जिन्हें लीक पेपर दिखाने और उसे रटाने के लिए 12-14 लाख रूपये दिए गए थे.
गिरफ्तार आरोपी मैनेजर की पहचान नीतेश के रूप में हुई है. वहीं, पुलिस की छापेमारी होने पर लैब का मालिक हरियाणा निवासी राकेश मौके से फरार हो गया. गुरुवार की सुबह एचएसएससी की आईटीआई इंस्ट्रक्टर पद के लिए हरियाणा और चंडीगढ़ के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा होनी थी.
परीक्षा से पहले लीक हुआ पेपर
चंडीगढ़ स्थित उक्त लैब, परीक्षा केंद्र में भी परीक्षा होनी थी. लेकिन इससे पहले ही पेपर लीक हो गया और इस पेपर को चंडीगढ़ की उक्त लैब में लाकर परीक्षार्थियों को दिखाया जाना था. ताकि पेपर के लिए 12 से 14 लाख रुपये देने वाले परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हो सकें.
आरोपियों के बयान दर्ज
चंडीगढ़ पुलिस को इससे पहले ही पेपर लीक होने की गुप्त सूचना मिल गई. फिर सुबह-सुबह ही यूटी पुलिस की एक विशेष टीम उस लैब में परीक्षा केंद्र पर पहुंची और आरोपी मैनेजर नीतेश को गिरफ्तार कर लिया. मौके से पुलिस ने कई दस्तावेज और अन्य सामान भी बरामद किया है. पुलिस ने आरोपी नितेश से पूछताछ कर उसके बयान दर्ज किए. साथ ही पेपर लीक के लिए लाखों रुपये देने वाले परीक्षार्थियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं.
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आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
मामले में थाना 31 में आईपीसी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है. अब पुलिस टीम ये पता लगाने में जुटी है कि पेपर किस जगह और किन लॉगिन के माध्यम से लीक हुआ. साथ ही परीक्षार्थियों से लिए गए लाखों रूपये किन-किन लोगों को किस माध्यम से दिए गए.
पुलिस इस मामले में आरोपी नीतेश के अलावा अन्य बिचौलियों और दलालों का पता लगाने में भी जुटी है. बता दें कि ये परीक्षा गुरुवार को हरियाणा और चंडीगढ़ के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन ली जानी थी.