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चंडीगढ़ मेयर रविकांत शर्मा से जानिए, कैसे अलग-अलग विभागों में समन्वय बैठाता है चंडीगढ़ नगर निगम? - नगर निगम टैक्स

नगर निगम के अलग-अलग विभागों में कैसे समन्वय बैठाया जाता है और ये सभी विभाग एक साथ मिलकर कैसे किसी शहर का विकास करते हैं? ये बता रहे हैं चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा

chandigarh municipal corporation working
कैसे सभी विभागों को साथ लेकर शहर का विकास करता है नगर निगम
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Published : Jan 20, 2021, 12:24 PM IST

चंडीगढ़: किसी भी शहर के विकास की जिम्मेदारी वहां के नगर निगम के कंधों पर होती है. शहर के विकास के लिए हर तरह के होने वाले काम नगर निगम या फिर नगर परिषद के तहत ही किए जाते हैं. चाहे वो पानी की सप्लाई हो, सड़कों की मरम्मत हो, सीवरेज बनाना हो या फिर पाइप लाइन बिछानी हो.

इन विकास कार्यों के लिए नगर निगम के अंदर कई विभाग होते हैं. ऐसे में नगर निगम के अलग-अलग विभागों में कैसे समन्वय बैठाया जाता है और ये सभी विभाग एक साथ मिलकर कैसे किसी शहर का विकास करते हैं? ये बता रहे हैं चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा

कैसे अलग-अलग विभागों में समन्वय बैठाता है चंडीगढ़ नगर निगम?

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मेयर रवि कांत शर्मा ने बताया कि नगर निगम में पब्लिक हेल्थ, हेल्थ एंड सैनिटेशन, इलेक्ट्रिकल, आर्किटेक्चर, एनफोर्समेंट, टैक्सेशन, फाइनेंस एंड अकाउंट्स, हॉर्टिकल्चर समेत करीब 27 विभाग आते हैं. सभी विभाग आपस में मिलकर काम करते हैं.

कैसे समन्वय बैठाता है निगम?

उन्होंने बताया कि शहर के विकास के लिए कार्य किए जाते हैं जो अलग विभाग करते हैं, लेकिन उन कार्यों को पूरा करने के लिए सभी विभागों में बेहतर सामंजस्य का होना भी जरूरी है. चंडीगढ़ नगर निगम के सभी भाग बेहतर तालमेल के साथ काम करते हैं. इसमें अलग-अलग अधिकारी अलग-अलग विभागों को संभालते हैं.

कैसे जमा किया जाता है टैक्स?

चंडीगढ़ के मेयर ने बताया कि चंडीगढ़ में कई तरह के टैक्स और बिल लोग नगर निगम में जमा करवाते हैं. जैसे पानी का बिल, बिजली का बिल, हाउस टैक्स, सैनिटाइजेशन टैक्स. इन सभी कामों के लिए अलग-अलग विभाग बनाए गए हैं, लेकिन टैक्स और बिल जमा करने के लिए ई-संपर्क सेंटर स्थापित किए गए हैं. लोग इन सेंटर्स में जाकर सभी तरह के बिल और टैक्स जमा करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अलग-अलग विभागों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

टैक्स नहीं देने पर क्या है सजा का प्रावधान?

उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति समय पर अपना टैक्स नहीं भरता तो उसके लिए दंड का प्रावधान भी है. जैसे अगर कोई व्यक्ति बिजली या पानी का बिल नहीं भरता तो उसका कनेक्शन काट दिया जाता है, लेकिन कई बार लोग किसी मजबूरी के चलते समय पर अपना बिल नहीं भर पाते. ऐसे लोग विभाग से संपर्क कर अपनी समस्या के बारे में बता सकते हैं. जिसके बाद उन्हें विभाग की ओर से राहत प्रदान की जाती है. उन्हें बिल भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है. इन सब कामों के लिए एक बेहतर सिस्टम तैयार किया गया है.

चंडीगढ़ के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाएं:

इसके साथ ही रविकांत शर्मा ने ये भी बताया कि चंडीगढ़ नगर निगम शहर के विकास के लिए गंभीरता से काम कर रहा है और कई तरह की योजनाएं चला रहा हैं, लेकिन इसके बावजूद चंडीगढ़ में जितने भी टैक्स लगाए गए हैं वो पूरे देश में किसी भी शहर के मुकाबले सबसे कम हैं. इसके अलावा पिछले 4 सालों से कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है.

ये भी पढ़िए: कोरोना के वार से उबर रहा पर्यटन कारोबार, 'धर्मनगरी' में बढ़ने लगी सैलानियों की रौनक

नगर निगम की ओर से सिर्फ गाय सेस लगाया गया था, जो बिजली के बिल पर प्रति यूनिट 10 पैसे ही लगाया गया था. इससे किसी भी व्यक्ति पर बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे आए पैसों से गौशालाओं में रह रही गायों की सेवा के लिए सहायता मिलेगी. नगर निगम एक नई गौशाला भी बनाने जा रहा है जिसमें करीब 2000 गायों की सेवा होगी.

चंडीगढ़: किसी भी शहर के विकास की जिम्मेदारी वहां के नगर निगम के कंधों पर होती है. शहर के विकास के लिए हर तरह के होने वाले काम नगर निगम या फिर नगर परिषद के तहत ही किए जाते हैं. चाहे वो पानी की सप्लाई हो, सड़कों की मरम्मत हो, सीवरेज बनाना हो या फिर पाइप लाइन बिछानी हो.

इन विकास कार्यों के लिए नगर निगम के अंदर कई विभाग होते हैं. ऐसे में नगर निगम के अलग-अलग विभागों में कैसे समन्वय बैठाया जाता है और ये सभी विभाग एक साथ मिलकर कैसे किसी शहर का विकास करते हैं? ये बता रहे हैं चंडीगढ़ के मेयर रविकांत शर्मा

कैसे अलग-अलग विभागों में समन्वय बैठाता है चंडीगढ़ नगर निगम?

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान मेयर रवि कांत शर्मा ने बताया कि नगर निगम में पब्लिक हेल्थ, हेल्थ एंड सैनिटेशन, इलेक्ट्रिकल, आर्किटेक्चर, एनफोर्समेंट, टैक्सेशन, फाइनेंस एंड अकाउंट्स, हॉर्टिकल्चर समेत करीब 27 विभाग आते हैं. सभी विभाग आपस में मिलकर काम करते हैं.

कैसे समन्वय बैठाता है निगम?

उन्होंने बताया कि शहर के विकास के लिए कार्य किए जाते हैं जो अलग विभाग करते हैं, लेकिन उन कार्यों को पूरा करने के लिए सभी विभागों में बेहतर सामंजस्य का होना भी जरूरी है. चंडीगढ़ नगर निगम के सभी भाग बेहतर तालमेल के साथ काम करते हैं. इसमें अलग-अलग अधिकारी अलग-अलग विभागों को संभालते हैं.

कैसे जमा किया जाता है टैक्स?

चंडीगढ़ के मेयर ने बताया कि चंडीगढ़ में कई तरह के टैक्स और बिल लोग नगर निगम में जमा करवाते हैं. जैसे पानी का बिल, बिजली का बिल, हाउस टैक्स, सैनिटाइजेशन टैक्स. इन सभी कामों के लिए अलग-अलग विभाग बनाए गए हैं, लेकिन टैक्स और बिल जमा करने के लिए ई-संपर्क सेंटर स्थापित किए गए हैं. लोग इन सेंटर्स में जाकर सभी तरह के बिल और टैक्स जमा करवा सकते हैं. इसके लिए उन्हें अलग-अलग विभागों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

टैक्स नहीं देने पर क्या है सजा का प्रावधान?

उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति समय पर अपना टैक्स नहीं भरता तो उसके लिए दंड का प्रावधान भी है. जैसे अगर कोई व्यक्ति बिजली या पानी का बिल नहीं भरता तो उसका कनेक्शन काट दिया जाता है, लेकिन कई बार लोग किसी मजबूरी के चलते समय पर अपना बिल नहीं भर पाते. ऐसे लोग विभाग से संपर्क कर अपनी समस्या के बारे में बता सकते हैं. जिसके बाद उन्हें विभाग की ओर से राहत प्रदान की जाती है. उन्हें बिल भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है. इन सब कामों के लिए एक बेहतर सिस्टम तैयार किया गया है.

चंडीगढ़ के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाएं:

इसके साथ ही रविकांत शर्मा ने ये भी बताया कि चंडीगढ़ नगर निगम शहर के विकास के लिए गंभीरता से काम कर रहा है और कई तरह की योजनाएं चला रहा हैं, लेकिन इसके बावजूद चंडीगढ़ में जितने भी टैक्स लगाए गए हैं वो पूरे देश में किसी भी शहर के मुकाबले सबसे कम हैं. इसके अलावा पिछले 4 सालों से कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है.

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नगर निगम की ओर से सिर्फ गाय सेस लगाया गया था, जो बिजली के बिल पर प्रति यूनिट 10 पैसे ही लगाया गया था. इससे किसी भी व्यक्ति पर बोझ नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे आए पैसों से गौशालाओं में रह रही गायों की सेवा के लिए सहायता मिलेगी. नगर निगम एक नई गौशाला भी बनाने जा रहा है जिसमें करीब 2000 गायों की सेवा होगी.

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