चंडीगढ़: कोरोना का नया यूके स्ट्रेन भारत में पहुंच चुका है. यह स्ट्रेन चंडीगढ़ के पॉजिटिव मरीजों में भी पाया गया है. कोरोना का यह स्ट्रेन पुराने कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. यह सिर्फ इंसान के फेफड़ों पर ज्यादा बुरा असर डालता है, बल्कि ज्यादा जानलेवा भी है. इसको लेकर हमने जाने-माने पल्मनोलॉजिस्ट डॉक्टर एसके जिंदल से बातचीत की.
डॉ. एसके जिंदल ने कहा कि इस समय दुनिया में कोरोनावायरस के सैकड़ों स्ट्रेन मौजूद हैं लेकिन कुछ स्ट्रेन ज्यादा घातक साबित हो रहे हैं जैसे- यूके स्ट्रेन, ब्राजीलियंस स्ट्रेन, अफ्रीकन स्ट्रेन, लेकिन यूके स्ट्रेन सबसे ज्यादा घातक सिद्ध हो रहा है.
दोगुना खतरनाक है नया स्ट्रेन
कोरोना का यूके स्ट्रेन तेजी से अपने मेकैनिज्म को बदल रहा है. जब एंटीबॉडी इस स्ट्रेन को खत्म करने के लिए खुद को तैयार करती है. तब तक यह अपने स्वरूप को बदल देता है. जिससे वो एंटीबॉडी इसे खत्म नहीं कर पाती. पुराना वायरस अगर 14 दिनों में फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता था तो यह है वायरस 7 दिनों में ही उससे दोगुना नुकसान पहुंचा देता.
टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आने की कई वजह
उन्होंने कहा यह भी देखा जा रहा है कि कोई मरीज में नए स्ट्रेन की वजह से कोरोना के लक्षण देखे जा रहे हैं और वह कोरोना पॉज़िटिव भी है. लेकिन टेस्ट में उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है. के अन्य भी कई कारण है. अगर टेस्ट सही तरीके से ना किया गया हो तब भी रिपोर्ट नेगेटिव आती है या अगर टेस्ट शुरुआती दिनों में किया गया हो तब भी रिपोर्ट नेगेटिव आ सकती है. अगर किसी परिवार के एक सदस्य की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो हम परिवार के बाकी सदस्यों की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भीपॉजिटिव मान के चलते हैं . इसलिए उन्हें भी क्वारंटाइन किया जाता है.
एंटीजन और पीसीआर में कौन सी टेस्टिंग तकनीक बेहतर
करोना टेस्टिंग की तकनीकों के बारे में बात करते हुए डॉक्टर जिंदल ने कहा कि दोनों तकनीकों में आर टी पी सी आर ज्यादा विश्वसनीय है. क्योंकि एंटीजन रैपिड टेस्टिंग टेक्निक है. इसलिए कई बार इससे सही परिणाम नहीं मिल पाते इसलिए सही रिजल्ट के लिए आरटी-पीसीआर ही सही तकनीक है. एंटीजन तकनीक से अंदाजा लग जाता है कि व्यक्ति पॉजिटिव है, लेकिन आरटी पीसीआर टेक्निक ज्यादा अविश्वसनीय है. लेकिन नया स्ट्रेन आने के बाद करीब 20 फीसदी मामले एसिडिटी जा रहे हैं, जिनमें आरटीपीसीआर भी सही परिणाम नहीं दे पाती.
चंडीगढ़ में मिले थे 681 एच म्यूटेंट संक्रमित मरीज
हाल ही में चंडीगढ़ पीजीआई की ओर से भेजे गए सैंपल्स में से 70 फीसदी सैंपल्स में कोरोना का नया स्ट्रेन पाया गया है. पीजीआई की ओर से मार्च महीने में 60 सैंपल्स को दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) लैब में भेजा गया था, इन सैंपल्स में से ज्दातर सैंपल चंडीगढ़ के रहने वाले लोगों के थे. भेजे गए सैंपल्स में सिर्फ 20 फीसदी में कोविड के 681 एच म्यूटेंट की पुष्टि हुई है, बाकी सैंपल में डब्ल म्यूटेंट की पुष्टि हुई है. कोरोना की दूसरी लहर में मामलों के तेजी से बढ़ने के पीछे नया स्ट्रेन हो सकता है.
'गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करना ही बचाव है'
नया वायरस ज्यादा तेजी से फैलता है और फेफड़ों को नुकसान भी ज्यादा पहुंचाता है. इससे बचने के लिए कोई ठोस उपाय तो नहीं है, लेकिन निर्देशों का गंभीरता से पालन किया जाए, मास्क पहना जाए, सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए और अपनी इम्यूनिटी को बेहतर किया जाए तो इस से बचा जा सकता है.
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