ETV Bharat / state

हरियाणा में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगाने के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा के कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर रखा है. इसी के खिलाफ अब हिसार के डॉक्टर ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि हरियाणा सरकार का ये फैसला जनता के ऊपर अन्याय है.

author img

By

Published : Feb 1, 2021, 9:15 PM IST

highcourt haryana internet service suspended
highcourt haryana internet service suspended

चंडीगढ़: कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के कारण प्रदेश सरकार ने कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी है. इसी के खिलाफ अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.

हिसार के डॉक्टर संदीप कुमार सिंहमार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिखकर इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है. डॉ. संदीप कुमार सिंहमार ने तर्क दिया है कि किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा प्रदेश में कहीं भी उग्र प्रदर्शन या हिंसा नहीं हुई.

पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा है. ये संभावनाओं को देखते हुए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाना गलत है. वर्तमान में जब केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का सपना संजो रही है तब बिना किसी ठोस वजह के पूर्ण रूप से इंटरनेट सेवा बंद करना किसी अन्याय से कम नहीं है.

ये भी पढे़ं- हरियाणा के इन 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल, अब 7 जिलों में है रोक

उन्होंने कहा कि इंटरनेट आज के समय में हर किसी नागरिक की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. इतना ही नहीं, इंटरनेट डिजिटल इंडिया की लाइफलाइन है. उन्होंने कहा कि ना केवल आम आदमी की दैनिक क्रियाएं बल्कि कॉरपोरेट पर सरकारी क्षेत्रों की सभी सेवाएं ऑनलाइन हैं.

डॉक्टर सिंहमार का आरोप है कि सरकार ने बिना सोचे समझे सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से संबंधित अफवाहें फैलाने और फेक न्यूज की संभावना जताते हुए इंटरनेट सेवाओं को पब्लिक पब्लिक सेफ्टी एक्ट 2017 के नियमों के बहाने से बंद कर दिया. जबकि इसी इंटरनेट से कई जरूरी सेवाएं भी चल रही हैं. जिसमें शिक्षा, व्यापार और सरकारी सेवा भी शामिल है.

ये भी पढ़ें- 2020 में पुलिस को मिली शिकायतों की जांच से 85 फीसदी लोग संतुष्ट

चंडीगढ़: कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन के कारण प्रदेश सरकार ने कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी है. इसी के खिलाफ अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.

हिसार के डॉक्टर संदीप कुमार सिंहमार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को पत्र लिखकर इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है. डॉ. संदीप कुमार सिंहमार ने तर्क दिया है कि किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा प्रदेश में कहीं भी उग्र प्रदर्शन या हिंसा नहीं हुई.

पूरे प्रदेश में शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा है. ये संभावनाओं को देखते हुए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाना गलत है. वर्तमान में जब केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का सपना संजो रही है तब बिना किसी ठोस वजह के पूर्ण रूप से इंटरनेट सेवा बंद करना किसी अन्याय से कम नहीं है.

ये भी पढे़ं- हरियाणा के इन 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल, अब 7 जिलों में है रोक

उन्होंने कहा कि इंटरनेट आज के समय में हर किसी नागरिक की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. इतना ही नहीं, इंटरनेट डिजिटल इंडिया की लाइफलाइन है. उन्होंने कहा कि ना केवल आम आदमी की दैनिक क्रियाएं बल्कि कॉरपोरेट पर सरकारी क्षेत्रों की सभी सेवाएं ऑनलाइन हैं.

डॉक्टर सिंहमार का आरोप है कि सरकार ने बिना सोचे समझे सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से संबंधित अफवाहें फैलाने और फेक न्यूज की संभावना जताते हुए इंटरनेट सेवाओं को पब्लिक पब्लिक सेफ्टी एक्ट 2017 के नियमों के बहाने से बंद कर दिया. जबकि इसी इंटरनेट से कई जरूरी सेवाएं भी चल रही हैं. जिसमें शिक्षा, व्यापार और सरकारी सेवा भी शामिल है.

ये भी पढ़ें- 2020 में पुलिस को मिली शिकायतों की जांच से 85 फीसदी लोग संतुष्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.