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नफरत की बढ़ती खाई के बीच मोहब्बत की मिसाल, हिंदू-मुस्लिम ने ऐसे बचाई एक-दूसरे की जान - दो धर्मों की बेटियों ने किडनी दान की

चंडीगढ़ में हिंदू और मुस्लिम दो परिवारों ने भाईचारे की एक नई मिसाल पेश की है. जानें पूरी खबर-

hindu and muslim families donate kidney
नफरत की बढ़ती खाई के बीच मोहब्बत की मिसाल
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Published : Mar 4, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Mar 5, 2020, 12:01 AM IST

चंडीगढ़: कश्मीर की मुस्लिम बेटी और हरियाणा की एक हिंदू बेटी ने वो कर दिखाया जो गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. कश्मीर की रहने वाली इफरा जान ने यमुनानगर के 33 साल के अजय कुमार को अपनी किडनी दान दी. तो अजय की पत्नी गीता ने इफरा की मां जुबैदा बानो को अपनी किडनी दान देकर उनकी जान बचाई.

ईटीवी भारत ने दोनों परिवार से खास बातचीत की

हिंदू-मुस्लिम परिवारों ने दी एकता की मिसाल

दरअसल, चंडीगढ़ में हिंदू और मुस्लिम दो परिवारों ने भाईचारे की एक नई मिसाल पेश की है. चंडीगढ़ में कश्मीर से आई जुबैदा बानो कि दोनों किडनी खराब हो गई थी और उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की बेहद जरूरत थी. वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले अजय की भी दोनों किडनी खराब हो चुकी थी और उन्हें भी किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी.

ऐसे में डाक्टरों ने स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट का विकल्प रखा. जिसके बाद दोनों परिवार एक दूसरे से मिला और इसके बाद डाक्टरी जांच में दोनों के ग्रुप एक दूसरे से मैच हो गए और एक दूसरे के परिजनों की जान बचाने के लिए दोनो घरों की बेटियों ने किडनी की अदला-बदली का फैसला लिया. इंसानियत भी यही कहती है कि हमें एक दूसरे के सुख-दुख में हमेशा काम आना चाहिए, चाहे हम किसी भी मजहब के हों.

ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ पीजीआई के डॉ.जेएस ठाकुर से जानें कोरोना वायरस से बचाव के उपाय

चंडीगढ़: कश्मीर की मुस्लिम बेटी और हरियाणा की एक हिंदू बेटी ने वो कर दिखाया जो गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. कश्मीर की रहने वाली इफरा जान ने यमुनानगर के 33 साल के अजय कुमार को अपनी किडनी दान दी. तो अजय की पत्नी गीता ने इफरा की मां जुबैदा बानो को अपनी किडनी दान देकर उनकी जान बचाई.

ईटीवी भारत ने दोनों परिवार से खास बातचीत की

हिंदू-मुस्लिम परिवारों ने दी एकता की मिसाल

दरअसल, चंडीगढ़ में हिंदू और मुस्लिम दो परिवारों ने भाईचारे की एक नई मिसाल पेश की है. चंडीगढ़ में कश्मीर से आई जुबैदा बानो कि दोनों किडनी खराब हो गई थी और उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की बेहद जरूरत थी. वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले अजय की भी दोनों किडनी खराब हो चुकी थी और उन्हें भी किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी.

ऐसे में डाक्टरों ने स्वैप किडनी ट्रांसप्लांट का विकल्प रखा. जिसके बाद दोनों परिवार एक दूसरे से मिला और इसके बाद डाक्टरी जांच में दोनों के ग्रुप एक दूसरे से मैच हो गए और एक दूसरे के परिजनों की जान बचाने के लिए दोनो घरों की बेटियों ने किडनी की अदला-बदली का फैसला लिया. इंसानियत भी यही कहती है कि हमें एक दूसरे के सुख-दुख में हमेशा काम आना चाहिए, चाहे हम किसी भी मजहब के हों.

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Last Updated : Mar 5, 2020, 12:01 AM IST
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