चंडीगढ़: हिमाचल प्रदेश में बीजेपी सत्ता में थी और रिवाज बदलने का दावा कर रही थी. लेकिन हिमाचल की जनता ने रिवाज नहीं बदला और राज बदलकर कांग्रेस (himachal pradesh election results) पार्टी को सत्ता में काबिज कर दिया. इन सबके बीच हरियाणा में भी बीजेपी सत्ता में है और 2024 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. हालांकि उससे पहले 2024 में लोकसभा के चुनाव भी होंगे. हरियाणा में पहले से ही जहां कई मंत्रियों को बदलने की चर्चा हो रही है तो वहीं हिमाचल प्रदेश में मिली हार के बाद इसको और ज्यादा हवा मिलने लगी है.
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हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सत्ता में काबिज होना चाहेगी. इसलिए हिमाचल में कांग्रेस को मिली जीत हरियाणा में भी सियासी समीकरण बदल सकती है. हिमाचल प्रदेश में मिली हार से बीजेपी कोई ना कोई सबक जरूर लेगी. ऐसे में अब नॉन परफॉर्मर मंत्रियों का पत्ता कट जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है. यानी तीसरी बार हरियाणा में सत्ता पाने के लिए बीजेपी बड़े स्तर पर पार्टी में फेरबदल कर सकती है. इसके तहत पार्टी सरकार और संगठन दोनों में भी बदलाव करें तो कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी.
बीजेपी ने जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं विधानसभा चुनाव में 40 सीटों के साथ बहुमत से दूर रह गई थी. सरकार बनाने के लिए उसे 10 विधायकों वाली जेजेपी के साथ गठबंधन करना पड़ा. ऐसे में बीजेपी पर विधानसभा चुनाव में परफॉर्मेंस को बेहतर करने का और लोकसभा चुनाव में फिर से उसी स्तर के प्रदर्शन का काफी दबाव होगा.
राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी राज्य के चुनावी नतीजे उसके पड़ोसी राज्यों पर भी असर करते हैं. हरियाणा में विधानसभा के चुनाव 2024 में होंगे. इसलिए हरियाणा में हिमाचल के नतीजों का प्रभाव देखने को मिल सकता है. हिमाचल की हार से सबक लेते हुए बीजेपी हरियाणा में सरकार और संगठन में बदलाव कर सकती है. क्योंकि बीजेपी जहां पिछले चुनावों के नतीजों को बेहतर करना चाहेगी, वहीं हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर इतिहास रचना चाहेगी.
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