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चंडीगढ़: पंजाब या हरियाणा किसकी राजधानी है चंडीगढ़? हाइकोर्ट नें केंद्र सरकार से मांगा जवाब

एक दायर याचिका पर सुनुवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूंछा है कि चंडीगढ़ किस राज्य की राजधानी है. इससे संबंधित जानकारी अगली सुनुवाई तक मांगी है.

हाइकोर्ट नें केंद्र सरकार से मांगा जवाब
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Published : Aug 30, 2019, 10:23 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब की तरफ से कहा जाता है कि चंडीगढ़ उनकी राजधानी है. लेकिन दोनों ही राज्य कई मामलों में चंडीगढ़ के लोगों को अपने राज्य का हिस्सा नहीं मानते हैं. ऐसे ही एक मामले में चंडीगढ़ के नागरिक फूल सिंह ने हरियाणा एवं पंजाब हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

क्या है मामला

याचिका में फूल सिंह ने बताया है कि दोनों ही राज्य उसे अपने राज्य का हिस्सा मानने से इनकार कर रहे हैं. जिसके चलते अनुसूचित जाति का होने के बावजूद भी दोनो ही राज्य उसे आरक्षण देने से इनकार कर रहे हैं. जिसके चलते उसने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

इस याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ को हरियाणा और पंजाब दोनों ही अपनी राजधानी बताते हैं. लेकिन जब बात चंडीगढ़ के लोगों को सुविधाएं देने की आती हैं तो दोनों अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.

हाइकोर्ट: पंजाब या हरियाणा किसकी राजधानी है चंडीगढ़?

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

हाइकोर्ट ने इस मामले में सुनुवाई करते हुए जब कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी है, इसका नोटिफिकेशन दोनों राज्य दिखाएं. इस पर पंजाब ने चंडीगढ़ को अपनी राजधानी तो एक तरफ बताया लेकिन ऐसा कोई नोटिफिकेशन उनके पास है इससे इनकार कर दिया. पंजाब ने कहा कि इस मामले में चंडीगढ़ के प्रशासन के पास इससे संबंधित कोई नोटिफिकेशन हो सकता है.

हरियाणा का पक्ष

हालांकि हरियाणा ने इस मामले में कहा कि केंद्र सरकार से इस मामले में उन्होंने जानकारी मांगी है. जिसके लिए उन्हे समय चाहिए. वहीं हाइकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर अगली सुनुवाई तक जवाब मांगा है.

वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम के मुताबिक

गौरतलब है कि दोनों राज्यों की दलीलें सुनने के बाद हाइकोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से नोटिफिकेशन के मामले में अगली सुनुवाई तक जवाब मांगा है. वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम ने कहा कि 1952 में चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी थी. मगर 1 नवंबर 1966 में जब हरियाणा हिमाचल,पंजाब और चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी बन गया. उसके बाद से चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा का हिस्सा नहीं है. जबकि दोनो राज्य उसे अपना हिस्सा बताते हैं.

ये भी पढ़ें: बुंदेलखंड का 'जलियांवाला बाग' कांड

हैरान करने वाली बात

यहां हैरानी की बात यह है कि एक तरफ तो दोनो राज्य चंडीगढ़ को अपना हिस्सा बताने पर अड़े हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ फूल सिंह मामले में दोनों ही राज्य अपना हाथ पीछे खींचने में लगे हुए हैं.

याचिका का आधार

आपको बता दें कि एक एडमिशन मामले में जिसमें एमबीबीएस के छात्र जिन्होंने चंडीगढ़ से 12वीं पास की थी. उसे पंजाब राज्य मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल रहा था. क्योंकि पंजाब ने उसे अपने यहां का मानने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और पंजाब का हिस्सा है. इसलिए पंजाब मेडिकल कॉलेज में उसे दाखिला मिलना चाहिए. इस फैसले को आधार मान कर ही ने फूल सिंह ने अपनी याचिका दायर की थी.

चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब की तरफ से कहा जाता है कि चंडीगढ़ उनकी राजधानी है. लेकिन दोनों ही राज्य कई मामलों में चंडीगढ़ के लोगों को अपने राज्य का हिस्सा नहीं मानते हैं. ऐसे ही एक मामले में चंडीगढ़ के नागरिक फूल सिंह ने हरियाणा एवं पंजाब हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

क्या है मामला

याचिका में फूल सिंह ने बताया है कि दोनों ही राज्य उसे अपने राज्य का हिस्सा मानने से इनकार कर रहे हैं. जिसके चलते अनुसूचित जाति का होने के बावजूद भी दोनो ही राज्य उसे आरक्षण देने से इनकार कर रहे हैं. जिसके चलते उसने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

इस याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ को हरियाणा और पंजाब दोनों ही अपनी राजधानी बताते हैं. लेकिन जब बात चंडीगढ़ के लोगों को सुविधाएं देने की आती हैं तो दोनों अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.

हाइकोर्ट: पंजाब या हरियाणा किसकी राजधानी है चंडीगढ़?

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

हाइकोर्ट ने इस मामले में सुनुवाई करते हुए जब कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी है, इसका नोटिफिकेशन दोनों राज्य दिखाएं. इस पर पंजाब ने चंडीगढ़ को अपनी राजधानी तो एक तरफ बताया लेकिन ऐसा कोई नोटिफिकेशन उनके पास है इससे इनकार कर दिया. पंजाब ने कहा कि इस मामले में चंडीगढ़ के प्रशासन के पास इससे संबंधित कोई नोटिफिकेशन हो सकता है.

हरियाणा का पक्ष

हालांकि हरियाणा ने इस मामले में कहा कि केंद्र सरकार से इस मामले में उन्होंने जानकारी मांगी है. जिसके लिए उन्हे समय चाहिए. वहीं हाइकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर अगली सुनुवाई तक जवाब मांगा है.

वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम के मुताबिक

गौरतलब है कि दोनों राज्यों की दलीलें सुनने के बाद हाइकोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से नोटिफिकेशन के मामले में अगली सुनुवाई तक जवाब मांगा है. वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम ने कहा कि 1952 में चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी थी. मगर 1 नवंबर 1966 में जब हरियाणा हिमाचल,पंजाब और चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी बन गया. उसके बाद से चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा का हिस्सा नहीं है. जबकि दोनो राज्य उसे अपना हिस्सा बताते हैं.

ये भी पढ़ें: बुंदेलखंड का 'जलियांवाला बाग' कांड

हैरान करने वाली बात

यहां हैरानी की बात यह है कि एक तरफ तो दोनो राज्य चंडीगढ़ को अपना हिस्सा बताने पर अड़े हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ फूल सिंह मामले में दोनों ही राज्य अपना हाथ पीछे खींचने में लगे हुए हैं.

याचिका का आधार

आपको बता दें कि एक एडमिशन मामले में जिसमें एमबीबीएस के छात्र जिन्होंने चंडीगढ़ से 12वीं पास की थी. उसे पंजाब राज्य मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल रहा था. क्योंकि पंजाब ने उसे अपने यहां का मानने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और पंजाब का हिस्सा है. इसलिए पंजाब मेडिकल कॉलेज में उसे दाखिला मिलना चाहिए. इस फैसले को आधार मान कर ही ने फूल सिंह ने अपनी याचिका दायर की थी.

Intro:एंकर -
हरियाणा पंजाब की तरफ से चंडीगढ़ पर अपना अधिकार जताया जाता है मगर चंडीगढ़ के लोगों को कई मामलों में पंजाब और हरियाणा में अपने प्रदेश का हिस्सा नहीं माना जाता । पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी होने के बावजूद चंडीगढ़ के लोगों को अपना नागरिक नहीं मानने संबंधी एक याचिका की सुनवाई के दौरान अब चंडीगढ़ को लेकर ही सवाल खड़ा हो गया है । चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी है इसका कोई नोटिफिकेशन दोनों राज्यों के पास नहीं है । हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा दोनों को चंडीगढ़ राजधानी होने से सम्बंधित कोई नोटिफिकेशन दिखाने को कहा था । इस मामले में हैरानी की बात रही कि पंजाब ने कहा है कि अभी उनके पास ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं है मगर चंडीगढ़ के पास इससे संबंधित नोटिफिकेशन हो सकता है हालांकि हरियाणा का तर्क था कि केंद्र सरकार से इसकी जानकारी मांगी गई है जिसके लिए उन्होंने समय मांगा है । पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है ।


Body:एक दूसरे से बढ़कर चंडीगढ़ पर अपना अधिकार बताने वाले पंजाब और हरियाणा दोनों ही राज्यों के पास चंडीगढ़ उनकी राजधानी है अभी कोई नोटिफिकेशन मौजूद नहीं है । हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान जब हाई कोर्ट की तरफ से पंजाब और हरियाणा से नोटिफिकेशन दिखाने के लिए कहा गया तो दोनों ही राज्य बात दूसरों पर डालते नजर आए । पंजाब ने हाईकोर्ट में कहा है कि फिलहाल उनके पास कोई नोटिफिकेशन इसको लेकर रही है मगर चंडीगढ़ के पास नोटिफिकेशन हो सकता है । जबकि हरियाणा ने हाईकोर्ट में बताया कि उन्होंने इससे संबंधित जानकारी केंद्र से मांगी है अब हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी कर अगली सुनवाई पर जवाब मांगा है ।
बाइट - वरिष्ठ वकील राजीव आत्मा राम , याचिकाकर्ता पक्ष के वकील
वीओ -
वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम ने बताया कि सुनवाई के दौरान पंजाब के जी ने कहा कि अभी तक उनके पास कोई नोटिफिकेशन नहीं है उन्हें विश्वास है कि चंडीगढ़ प्रशासन के पास नोटिफिकेशन हो सकता है दूसरी तरफ हरियाणा ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को जानकारी के लिए लिखा है और उन्हें समय चाहिए । दोनों प्रदेशों की बात सुनने के बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई तक जवाब मांगा है । वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम ने कहा कि 1952 में चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी थी मगर 1 नवंबर 1966 में जब हरियाणा हिमाचल पंजाब और चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी बन गया । तो चंडीगढ़ अलग टेरिटरी है , ऐसे में पंजाब और हरियाणा का चंडीगढ़ हिस्सा नहीं है जबकि दोनों राज्य चंडीगढ़ को अपना हिस्सा मान रहे हैं ।
बाइट - वरिष्ठ वकील राजीव आत्मा राम , याचिकाकर्ता पक्ष के वकील


Conclusion:गौरतलब है कि चंडीगढ़ निवासी फूल सिंह जिन्होंने जिला अदालत में जज के लिए आवेदन किया था वह दोनों ही राज्यों में मेरिट पर थे मगर दोनों ही राज्यों हरियाणा और पंजाब कहते हैं कि उन्हें ही शेड्यूल कास्ट माना जाएगा जो उनके राज्य का हिस्सा है । याचिकाकर्ता पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है जिसमें एमबीबीएस के छात्र जिन्होंने चंडीगढ़ से 12वीं पास की थी वह पंजाब में योग्य नहीं माने जाते थे इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और पंजाब का हिस्सा है इसलिए पंजाब मेडिकल कॉलेज में उन्हें एडमिशन के लिए योग्य माना जाए । इस फैसले को आधार मानकर ही फूल सिंह मामले में याचिका दायर की गई थी । इसमें कहा गया था कि चंडीगढ़ जिला अदालत में न्यायाधीश अधिकारियों का अपना-अपना कोई कोटा नहीं है और यहां पंजाब और हरियाणा के न्याय अधिकारियों की नियुक्ति होती है , दोनों ही राज्य चंडीगढ़ के अनुसूचित जाति के आवेदकों को आरक्षण नहीं देते जबकि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है ।
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