चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब की तरफ से कहा जाता है कि चंडीगढ़ उनकी राजधानी है. लेकिन दोनों ही राज्य कई मामलों में चंडीगढ़ के लोगों को अपने राज्य का हिस्सा नहीं मानते हैं. ऐसे ही एक मामले में चंडीगढ़ के नागरिक फूल सिंह ने हरियाणा एवं पंजाब हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.
क्या है मामला
याचिका में फूल सिंह ने बताया है कि दोनों ही राज्य उसे अपने राज्य का हिस्सा मानने से इनकार कर रहे हैं. जिसके चलते अनुसूचित जाति का होने के बावजूद भी दोनो ही राज्य उसे आरक्षण देने से इनकार कर रहे हैं. जिसके चलते उसने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.
इस याचिका में कहा गया है कि चंडीगढ़ को हरियाणा और पंजाब दोनों ही अपनी राजधानी बताते हैं. लेकिन जब बात चंडीगढ़ के लोगों को सुविधाएं देने की आती हैं तो दोनों अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.
हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाइकोर्ट ने इस मामले में सुनुवाई करते हुए जब कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी है, इसका नोटिफिकेशन दोनों राज्य दिखाएं. इस पर पंजाब ने चंडीगढ़ को अपनी राजधानी तो एक तरफ बताया लेकिन ऐसा कोई नोटिफिकेशन उनके पास है इससे इनकार कर दिया. पंजाब ने कहा कि इस मामले में चंडीगढ़ के प्रशासन के पास इससे संबंधित कोई नोटिफिकेशन हो सकता है.
हरियाणा का पक्ष
हालांकि हरियाणा ने इस मामले में कहा कि केंद्र सरकार से इस मामले में उन्होंने जानकारी मांगी है. जिसके लिए उन्हे समय चाहिए. वहीं हाइकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर अगली सुनुवाई तक जवाब मांगा है.
वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम के मुताबिक
गौरतलब है कि दोनों राज्यों की दलीलें सुनने के बाद हाइकोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से नोटिफिकेशन के मामले में अगली सुनुवाई तक जवाब मांगा है. वरिष्ठ वकील राजीव आत्माराम ने कहा कि 1952 में चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी थी. मगर 1 नवंबर 1966 में जब हरियाणा हिमाचल,पंजाब और चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी बन गया. उसके बाद से चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा का हिस्सा नहीं है. जबकि दोनो राज्य उसे अपना हिस्सा बताते हैं.
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हैरान करने वाली बात
यहां हैरानी की बात यह है कि एक तरफ तो दोनो राज्य चंडीगढ़ को अपना हिस्सा बताने पर अड़े हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ फूल सिंह मामले में दोनों ही राज्य अपना हाथ पीछे खींचने में लगे हुए हैं.
याचिका का आधार
आपको बता दें कि एक एडमिशन मामले में जिसमें एमबीबीएस के छात्र जिन्होंने चंडीगढ़ से 12वीं पास की थी. उसे पंजाब राज्य मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल रहा था. क्योंकि पंजाब ने उसे अपने यहां का मानने से इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और पंजाब का हिस्सा है. इसलिए पंजाब मेडिकल कॉलेज में उसे दाखिला मिलना चाहिए. इस फैसले को आधार मान कर ही ने फूल सिंह ने अपनी याचिका दायर की थी.