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हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 परीक्षा मामले में SC में हुई सुनवाई, HC को दिए ये आदेश - हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 परीक्षा परिणाम

सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 की मुख्य परीक्षा के चयन और मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि चयन प्रक्रिया में विसंगति है और अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं में चयनित शीर्ष उम्मीदवार भी इस परीक्षा में पास नहीं हो सके हैं.

haryana judicial service 2017 case
हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 परीक्षा मामले में SC में हुई सुनवाई
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Published : Dec 13, 2019, 2:20 PM IST

दिल्ली/चंडीगढ़ः हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 की परीक्षा में मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को निर्देश दिए हैं कि दो पेपरों में उम्मीदवारों को 20 ग्रेस अंक देने के बाद हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 में एक नई चयन सूची तैयार करें. कोर्ट ने दो हफ्तों में सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं.

ये है मामलाः

सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सिविल सेवा(न्यायिक संभाग), 2017 की मुख्य परीक्षा के चयन और मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि चयन प्रक्रिया में विसंगति है और अन्य राज्यस्तरीय परीक्षाओं में चयनित शीर्ष उम्मीदवार भी हरियाणा में पास नहीं हो सके.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश शीर्ष अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए अंक विवरण पद्धति वाले 'स्केलिंग और मोडेरेशन पद्धति' को अपनाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः विदेश में बैठे ड्रग माफियाओं सावधान ! बन रहा है नशे को लेकर गृह मंत्री का नया मास्टर प्लान

दिल्ली/चंडीगढ़ः हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 की परीक्षा में मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को निर्देश दिए हैं कि दो पेपरों में उम्मीदवारों को 20 ग्रेस अंक देने के बाद हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 में एक नई चयन सूची तैयार करें. कोर्ट ने दो हफ्तों में सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं.

ये है मामलाः

सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सिविल सेवा(न्यायिक संभाग), 2017 की मुख्य परीक्षा के चयन और मूल्यांकन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि चयन प्रक्रिया में विसंगति है और अन्य राज्यस्तरीय परीक्षाओं में चयनित शीर्ष उम्मीदवार भी हरियाणा में पास नहीं हो सके.

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश शीर्ष अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए अंक विवरण पद्धति वाले 'स्केलिंग और मोडेरेशन पद्धति' को अपनाना चाहिए.

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