चंडीगढ़/नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाला कथित भाषण देने के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 7 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया.
6 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाला कथित भाषण देने देने के मामले में मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है. स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि खट्टर का वीडियो चंडीगढ़ में रिकार्ड किया गया है, जो दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र के बाहर है.
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18 नवंबर को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था. याचिका वकील अमित साहनी ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें मनोहर लाल खट्टर (manohar lal khattar viral video) अपने चंडीगढ़ निवास पर बीजेपी किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ अपने निवास पर बैठक कर रहे हैं. उस बैठक में खट्टर हिंसा भड़काने वाला भाषण दे रहे हैं.
बैठक में मनोहर लाल खट्टर कह रहे हैं कि वॉलंटियर तैयार करो और दो से छह महीने तक जेल जाने से मत डरो. आप बैठकों में ज्यादा कुछ नहीं सीखेंगे, लेकिन जेल में जाने के बाद आप बड़े नेता हो जाएंगे और इतिहास में आपका नाम दर्ज होगा. याचिका में कहा गया कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को समाज में वैमनस्य, घृणा और हिंसा पैदा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. याचिका में खट्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 153, 153ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई.
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