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इन छात्रों का रोका गया 10वीं कक्षा का रिजल्ट, हाई कोर्ट ने BSEH से मांगा जवाब

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को 10वीं कक्षा के कुछ छात्रों का रिजल्ट रोकने पर जवाब तलब किया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर दो दिन में बोर्ड ने जवाब नहीं दिया तो रिजल्ट जारी करने आदेश दिए जाएंगे.

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Published : Jul 21, 2020, 10:37 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं कक्षा के बच्चों का रिजल्ट रोके जाने के मामले पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने हरियाणा विद्यालय बोर्ड को 2 दिन में जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा बोर्ड ने जवाब नहीं दिया तो हाई कोर्ट रिजल्ट जारी करने के आदेश दे देगा.

ये है मामला

जिन छात्रों का रिजल्ट रोका गया उन्होंने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि शिक्षा बोर्ड ने ऐसे स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट रोक लिया जिन्होंने बोर्ड प्रशासन द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किया था.

छात्रों की तरफ से वकील संचित पूनिया ने कहा कि ये मामला स्कूल प्रशासन और शिक्षा बोर्ड के बीच का है. इसमें बच्चों की कोई भूमिका या गलती नहीं है. ऐसे में बच्चों का रिजल्ट रोकना न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि उनके हितों से खिलवाड़ है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमण में ट्रायल कोर्ट को जल्द सुनवाई के निर्देश नहीं दे सकते: HC

कोर्ट ने इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई 23 जुलाई निर्धारित की है. साथ ही कहा कि शिक्षा बोर्ड मामले पर जवाब दे. दो दिन में जवाब न देने पर हाई कोर्ट रिजल्ट जारी करने के आदेश दे देगा. जिससे बच्चे आगे 11वीं कक्षा में अपने पसंदीदा स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे.

चंडीगढ़: हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं कक्षा के बच्चों का रिजल्ट रोके जाने के मामले पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने हरियाणा विद्यालय बोर्ड को 2 दिन में जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि शिक्षा बोर्ड ने जवाब नहीं दिया तो हाई कोर्ट रिजल्ट जारी करने के आदेश दे देगा.

ये है मामला

जिन छात्रों का रिजल्ट रोका गया उन्होंने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि शिक्षा बोर्ड ने ऐसे स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट रोक लिया जिन्होंने बोर्ड प्रशासन द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किया था.

छात्रों की तरफ से वकील संचित पूनिया ने कहा कि ये मामला स्कूल प्रशासन और शिक्षा बोर्ड के बीच का है. इसमें बच्चों की कोई भूमिका या गलती नहीं है. ऐसे में बच्चों का रिजल्ट रोकना न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि उनके हितों से खिलवाड़ है.

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कोर्ट ने इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई 23 जुलाई निर्धारित की है. साथ ही कहा कि शिक्षा बोर्ड मामले पर जवाब दे. दो दिन में जवाब न देने पर हाई कोर्ट रिजल्ट जारी करने के आदेश दे देगा. जिससे बच्चे आगे 11वीं कक्षा में अपने पसंदीदा स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे.

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