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घटता भू-जल स्तर: मुख्यमंत्री ने दिए पानी निगरानी प्रणाली तैयार करने के निर्देश

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Published : Jun 13, 2021, 8:36 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 12:09 PM IST

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को किसानों को भू जल, नदियों के पानी और शोधित जल की सुचारू उपलब्धता के लिए आगामी 2 सालों के लिए पानी निगरानी प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

Haryana Water Resources Authority first meeting
मुख्यमंत्री ने दिए पानी निगरानी प्रणाली तैयार करने के निर्देश

चंडीगढ़: हरियाणा में भू जल स्तर लगातार घट रहा है. साल 2020 में 141 ब्लॉक में से 85 ब्लॉक रेड कैटेगरी में आ चुके हैं, जबकि साल 2004 में 114 ब्लॉकों में से 55 ब्लॉक रेड कैटेगरी में आए थे. ये जानकारी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा वॉटर रिसोर्स अथॉरिटी की पहली बैठक में दी गई.

इसके अलावा बैठक में ये भी बताया गया कि 22 जिलों में से 14 जिलों में भूजल दोहन से उत्पन्न समस्या ने भी विकराल रूप ले लिया है. बैठक में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में गिरते भू जल स्तर के उत्थान के लिए वॉटर रिचार्ज और उपयोग संबंधी एक समायोजित योजना की आवश्यकता है ताकि लोगों को खेती और घरेलू उपयोग के लिए उचित मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके.

सीएम ने अधिकारियों को आदेश दिए की इस योजना को जल्द लागू कर, इसे लोगों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से गांव स्तर तक बढ़ाया जाए ताकि भावी पीढ़ी को लंबे समय तक पानी की उपलब्ध में दिक्कत न उठानी पड़े.

ये भी पढ़िए: किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे, कहां तक पहुंची 'अन्नादाता' के संघर्ष की लड़ाई

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच दशकों में राज्य के कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और पानीपत सहित कुछ जिलों में भूजल का स्तर 80 फुट तक नीचे चला गया है जो कि गंभीर समस्या है. जहां भूजल का स्तर नीचे जा रहा है वहीं किसानों की भू जल पर निर्भरता और दोहन लगातार बढ़ रहा है, पानी के तर्कसंगत उपयोग और अभाव वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना होगा.

ये भी पढ़िए: हरियाणा में 82 फीसदी फ्रंट लाइनर्स की हो चुकी है पहली डोज वैक्सीनेशन, विभाग ने जारी किए आंकड़े

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को भू जल, नदियों का पानी और शोधित जल की सुचारू उपलब्धता के लिए 2 सालों के लिए प्रदेश में केंद्रीय कृत पानी निगरानी प्रणाली तैयार की जाए, जिसमें जिलों ब्लॉक और गांवों को शामिल किया जाए. उन्होंने अधिकारियों को जल्द योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ में अगले हफ्ते शुरू होगी बच्चों की सीरो सर्वे, ढाई हजार बच्चों के किया जाएगा शामिल

वहीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर योजना बनाई जाए और प्रत्येक गांव का जल उपलब्धता सूचकांक तैयार करें जिससे लोगों को उनके जलीय भविष्य की जानकारी मिल सके.

चंडीगढ़: हरियाणा में भू जल स्तर लगातार घट रहा है. साल 2020 में 141 ब्लॉक में से 85 ब्लॉक रेड कैटेगरी में आ चुके हैं, जबकि साल 2004 में 114 ब्लॉकों में से 55 ब्लॉक रेड कैटेगरी में आए थे. ये जानकारी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा वॉटर रिसोर्स अथॉरिटी की पहली बैठक में दी गई.

इसके अलावा बैठक में ये भी बताया गया कि 22 जिलों में से 14 जिलों में भूजल दोहन से उत्पन्न समस्या ने भी विकराल रूप ले लिया है. बैठक में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में गिरते भू जल स्तर के उत्थान के लिए वॉटर रिचार्ज और उपयोग संबंधी एक समायोजित योजना की आवश्यकता है ताकि लोगों को खेती और घरेलू उपयोग के लिए उचित मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके.

सीएम ने अधिकारियों को आदेश दिए की इस योजना को जल्द लागू कर, इसे लोगों और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से गांव स्तर तक बढ़ाया जाए ताकि भावी पीढ़ी को लंबे समय तक पानी की उपलब्ध में दिक्कत न उठानी पड़े.

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बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच दशकों में राज्य के कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और पानीपत सहित कुछ जिलों में भूजल का स्तर 80 फुट तक नीचे चला गया है जो कि गंभीर समस्या है. जहां भूजल का स्तर नीचे जा रहा है वहीं किसानों की भू जल पर निर्भरता और दोहन लगातार बढ़ रहा है, पानी के तर्कसंगत उपयोग और अभाव वाले क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना होगा.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को भू जल, नदियों का पानी और शोधित जल की सुचारू उपलब्धता के लिए 2 सालों के लिए प्रदेश में केंद्रीय कृत पानी निगरानी प्रणाली तैयार की जाए, जिसमें जिलों ब्लॉक और गांवों को शामिल किया जाए. उन्होंने अधिकारियों को जल्द योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

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वहीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर योजना बनाई जाए और प्रत्येक गांव का जल उपलब्धता सूचकांक तैयार करें जिससे लोगों को उनके जलीय भविष्य की जानकारी मिल सके.

Last Updated : Jun 14, 2021, 12:09 PM IST
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