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एक मंत्रालय ऐसा भी जिसके मंत्री हार जाते हैं चुनाव, लगातार जारी है सिलसिला - chandigarh hindi news

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में सबसे ज्यादा बीजपी के मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है, वहीं हरियाणा में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ऐसा है, जो भी विधायक इस मंत्रालय में मंत्री बनता है, वो अगला चुनाव हार जाता है.

haryana transport ministry lost election
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Published : Nov 2, 2019, 12:05 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी सरकार के सबसे ज्यादा मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है और वहीं अगर हरियाणा के कैबिनेट के विभागों की बात करी जाए तो एक विभाग ऐसा भी है, जिसके मंत्री की हार का सिलसिला दो दशक से जारी है.

पिछले 2 दशकों से जारी हार का सिलसिला
हरियाणा कैबिनेट में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है, जो विधायक इस मंत्रालय में आकर स्टेरिंग संभालता है, उसे जनता ने अगली बार विधायक की दौड़ से बाहर का रास्ता भी दिखा देती है. यह सिलसिला लगभग 20 सालों से जारी है.

हुड्डा के कार्यकाल के हारे दोनों परिवहन मंत्री
पिछले चार चुनावों से हरियाणा में जो भी परिवहन मंत्री बना उस नेता को जनता ने अगले चुनाव में नकार दिया. 2014 में चुनाव जीतकर बीजेपी सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री बने कृष्णलाल पंवार, 2019 में इसराना से चुनाव हार गए. हुड्डा सरकार के दूसरे कार्यकाल 2009 से 2014 तक आफताब अहमद को ट्रांसपोर्ट विभाग का जिम्मा दिया गया. लेकिन 2014 के चुनाव में जनता ने इनको भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल 2005 से 2009 तक मांगेराम गुप्ता ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे और 2009 में जनता ने उनको भी विधायक की दौड़ से बाहर कर दिया.

हरियाणा में हार का पर्यायवाची बना ट्रांसपोर्ट मंत्रालय, देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें:-हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों को पढ़ाया जाएगा गुरु नानक की शिक्षाओं का पाठ

इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अब कांग्रेस के नेता अशोक अरोड़ा चौटाला सरकार में 2000 से लेकर 2005 तक परिवहन मंत्री रहे. लेकिन 2005 के चुनाव में अरोड़ा को भी हार का मुंह देखना पड़ा. हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बड़े मंत्रियों की हार का सिलसिला दो दशकों से जारी है. वहीं ट्रांसपोर्ट मंत्रालय तो पिछले दो दशकों से हार का पर्याय बन गया है.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी सरकार के सबसे ज्यादा मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है और वहीं अगर हरियाणा के कैबिनेट के विभागों की बात करी जाए तो एक विभाग ऐसा भी है, जिसके मंत्री की हार का सिलसिला दो दशक से जारी है.

पिछले 2 दशकों से जारी हार का सिलसिला
हरियाणा कैबिनेट में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है, जो विधायक इस मंत्रालय में आकर स्टेरिंग संभालता है, उसे जनता ने अगली बार विधायक की दौड़ से बाहर का रास्ता भी दिखा देती है. यह सिलसिला लगभग 20 सालों से जारी है.

हुड्डा के कार्यकाल के हारे दोनों परिवहन मंत्री
पिछले चार चुनावों से हरियाणा में जो भी परिवहन मंत्री बना उस नेता को जनता ने अगले चुनाव में नकार दिया. 2014 में चुनाव जीतकर बीजेपी सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री बने कृष्णलाल पंवार, 2019 में इसराना से चुनाव हार गए. हुड्डा सरकार के दूसरे कार्यकाल 2009 से 2014 तक आफताब अहमद को ट्रांसपोर्ट विभाग का जिम्मा दिया गया. लेकिन 2014 के चुनाव में जनता ने इनको भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल 2005 से 2009 तक मांगेराम गुप्ता ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे और 2009 में जनता ने उनको भी विधायक की दौड़ से बाहर कर दिया.

हरियाणा में हार का पर्यायवाची बना ट्रांसपोर्ट मंत्रालय, देखें रिपोर्ट.

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इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अब कांग्रेस के नेता अशोक अरोड़ा चौटाला सरकार में 2000 से लेकर 2005 तक परिवहन मंत्री रहे. लेकिन 2005 के चुनाव में अरोड़ा को भी हार का मुंह देखना पड़ा. हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बड़े मंत्रियों की हार का सिलसिला दो दशकों से जारी है. वहीं ट्रांसपोर्ट मंत्रालय तो पिछले दो दशकों से हार का पर्याय बन गया है.

Intro:इस मे दो पीटीसी हैं जो ठीक हो उसे लगाए ।

चंडीगढ़, हरियाणा के इतिहास की बात करी जाए तो भाजपा सरकार के सबसे ज्यादा मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है और वहीं अगर हरियाणा के कैबिनेट के विभागों की बात करी जाए तो एक विवाह ऐसा भी है जिसके मंत्री की हार का सिलसिला दो दशक से जारी है ।


Body:हरियाणा कैबिनेट में ट्रांसपोर्ट विभाग एक ऐसा विभाग है जिस विधायक को इस विभाग की गाड़ी का स्टेरिंग दौड़ाने को दिया जाता है तो वही तो वह अगली बार विधायक की दौड़ से भी बाहर हो जाता है यह सिलसिला लगभग 20 सालों से जारी है ।

प्रदेश के ट्रांसपोर्ट विभाग में सबसे बड़ा महकमा रोडवेज का और इस महक में नहीं ट्रांसपोर्ट विभाग के मंत्रियों के चुनावी समीकरण को हर बार बिगाड़ के रख दिया है पिछले चार चुनावों में जो भी परिवहन मंत्री बना उस नेता को चुनाव में जनता ने सिरे से नकार दिया और ज्यादातर दिग्गजों के पास ही इस महकमे की कमान रही है । 2019 में कृष्ण लाल पंवार इसराना से चुनाव हारे हैं और बीजेपी सरकार में 2014 से लेकर 2019 तक परिवहन मंत्री रहे थे वही हुड्डा सरकार के दूसरे कार्यकाल में ट्रांसपोर्ट विभाग का जिम्मा आफताब अहमद के पास था और आफताब अहमद मेवात इलाके से के सबसे बड़े नेताओं में गिने जाते थे 2009 से 2014 तक आफताब अहमद ने परिवहन मंत्री रहते कई बड़े कदम उठाए लेकिन उन्हें भी चुनावी दौर से जनता ने बाहर कर दिया वही आफताब अहमद से पहले हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल के समय 2005 मांगेराम गुप्ता ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे 2009 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार तो बनी लेकिन गुप्ता को विधायक की दौड़ से जनता ने बाहर कर दिया । इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा चौटाला सरकार में 2000 से लेकर 2005 तक परिवहन विभाग के मुखिया थे और 2005 के चुनाव में उनको भी हार का मुंह देखना पड़ा हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बड़े मंत्रियों की हार का सिलसिला दो दशकों से जारी है वित्तमंत्री भी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर की तरह लगातार हारते आ रहे हैं अब देखना यह होगा कि यह दोनों विभाग कब तक हार के पयार्यवाची बनते रहेगे ।




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