चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी सरकार के सबसे ज्यादा मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है और वहीं अगर हरियाणा के कैबिनेट के विभागों की बात करी जाए तो एक विभाग ऐसा भी है, जिसके मंत्री की हार का सिलसिला दो दशक से जारी है.
पिछले 2 दशकों से जारी हार का सिलसिला
हरियाणा कैबिनेट में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है, जो विधायक इस मंत्रालय में आकर स्टेरिंग संभालता है, उसे जनता ने अगली बार विधायक की दौड़ से बाहर का रास्ता भी दिखा देती है. यह सिलसिला लगभग 20 सालों से जारी है.
हुड्डा के कार्यकाल के हारे दोनों परिवहन मंत्री
पिछले चार चुनावों से हरियाणा में जो भी परिवहन मंत्री बना उस नेता को जनता ने अगले चुनाव में नकार दिया. 2014 में चुनाव जीतकर बीजेपी सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री बने कृष्णलाल पंवार, 2019 में इसराना से चुनाव हार गए. हुड्डा सरकार के दूसरे कार्यकाल 2009 से 2014 तक आफताब अहमद को ट्रांसपोर्ट विभाग का जिम्मा दिया गया. लेकिन 2014 के चुनाव में जनता ने इनको भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल 2005 से 2009 तक मांगेराम गुप्ता ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे और 2009 में जनता ने उनको भी विधायक की दौड़ से बाहर कर दिया.
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इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अब कांग्रेस के नेता अशोक अरोड़ा चौटाला सरकार में 2000 से लेकर 2005 तक परिवहन मंत्री रहे. लेकिन 2005 के चुनाव में अरोड़ा को भी हार का मुंह देखना पड़ा. हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बड़े मंत्रियों की हार का सिलसिला दो दशकों से जारी है. वहीं ट्रांसपोर्ट मंत्रालय तो पिछले दो दशकों से हार का पर्याय बन गया है.