चंडीगढ़: हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा नवंबर, 2020 के दौरान 5 जांचें दर्ज की गईं और 7 जांचें पूरी कर सरकार को रिपोर्ट भेजी गई. पूर्ण की गई 7 जांचों में से 4 जांचों में आरोप सिद्ध हुए हैं, जिनमें ब्यूरो ने 6 राजपत्रित अधिकारियों और 2 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने तथा एक अराजपत्रित अधिकारी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की है.
ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन जांचों में ब्यूरो ने 5 राजपत्रित अधिकारियों व 2 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है और एक प्राइवेट व्यक्ति से 2,34,398 रुपये की राशि वसूलने की सिफारिश की है.
इसके अलावा, चौथी जांच में, एक अराजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने और एक राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है. ब्यूरो के अनुसार इस अवधि के दौरान 8 अधिकारियों व कर्मचारियों को 500 रुपये से 80,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं.
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इनमें जिला पलवल में तैनात सहायक उप निरीक्षक मोहम्मद ईकबाल और थाना मुंडकती जिला पलवल के मुख्य सिपाही धर्मेंद्र को 80,000 रुपये, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, मंडी आदमपुर, जिला हिसार के सहायक सचिव संजीव कुमार बत्रा को 500 रुपये.
गांव जौरासी तहसील तावडू जिला नूंह के वी.एल.डी.ए खुर्शिद कुमार और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के एजेंट तरूण कुमार को 2,300 रुपये, जिला करनाल के चकबन्दी पटवारी परमजीत को 5,000 रुपये तथा वक्फ बोर्ड, रोहतक के संपदा अधिकारी अलोकपथ व रेंट कलेक्टर नसिर को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है.
ब्यूरो द्वारा 2 विशेष चैकिंग व तकनीकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई जिनमें ब्यूरो ने 3 राजपत्रित अधिकारियों व 2 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है, साथ ही, संबंधित ठेकेदार से 1,02,600 रुपये की राशि वसूलने की भी सिफारिश की है.
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