देहरादून/चंडीगढ़: गणतंत्र दिवस के मौके पर सीएम धामी ने हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील कुमार, कंडक्टर परमजीत और 2 अन्य- निशु और रजत को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन्हें सम्मानित किया. सुशील कुमार की तरफ से उनकी पत्नी रितु और परमजीत के पिता सुरेश कुमार ने उनकी ओर से ये सम्मान लिया. इन सभी ने 30 दिसंबर को दुर्घटना के बाद क्रिकेटर ऋषभ पंत की मदद की थी.
बता दें 30 दिसंबर को रुड़की में सुशील कुमार और परमजीत के सामने ही ऋषभ की कार दो तीन बार पलटी, उसके बाद दोनों ने ऋषभ को कार से बाहर निकाला था. जिसके बाद हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील कुमार, कंडक्टर परमजीत और 2 अन्य- निशु और रजत ने क्रिकेटर ऋषभ पंत की मदद की थी.रजत और निशु ने पुलिस को पंत से जुड़े सामान भी सौंपे थे. ऋषभ पंत से मिलने दोनों मैक्स अस्पताल भी पहुंचे थे. बाद में पंत ने दोनों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए उनका आभार जताया था.
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत पिछले साल सड़क एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पंत का पहले देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में हुआ था. फिर उन्हें बेहतर इलाज के लिए मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था. इसी महीने कोकिलाबेन हॉस्पिटल में पंत की सर्जरी भी हुई थी
हरियाणा सरकार ने ऋषभ पंत की जान बचाने वाले चालक और परिचालक को किया सम्मानित: 74वें गणतंत्रता दिवस पर यमुनानगर में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बैट्समैन ऋषभ पंत की जान बचाने वाले रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर को हरियाणा सरकार ने सम्मानित किया. ड्राइवर सुशील और कंडक्टर परमजीत खुद यमुनानगर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने उन्हें प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया.
प्रशंसा पत्र में तारीख गलत: बता दें कि उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में दोनों के परिजन पहुंचे थे. जहां उत्तराखंडे के सीएम धामी ने प्रशंसा पत्र देने के साथ 50-50 हजार रुपए भी दिए. लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए प्रशंसा पत्र पर हादसे की तारीख गलत लिखी हुई है. उस पर 31 दिसंबर को हुए हादसे में क्रिकेटर को बचाने पर सम्मान देने के बारे में लिखा हुआ है.
कब हुआ था हादसा: बता दें कि नई दिल्ली से उत्तराखंड अपने घर जाते वक्त ऋषभ पंत की कार बीएमडब्ल्यू 30 दिसंबर सुबह 4:00 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. हरिद्वार से वापस लौट रही हरियाणा रोडवेज की बस कंडक्टर के सामने यह हादसा हुआ था. जिन्होंने ऋषभ पंत को आग लगी हुई कार से बाहर निकाला था. बहादुरी के चलते आज ड्राइवर सुशील कुमार और परिचालक परमजीत को सम्मानित किया गया. हादसे 30 दिसंबर को हुआ था और हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए प्रशंसा पत्र पर तारीख 31 दिसंबर लिखी गई है.
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ऋषभ पंत ने दिल्ली से की करियर की शुरुआत: ऋषभ पंत उत्तराखंड के रहने वाले हैं, लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत दिल्ली से की थी. ऋषभ दिल्ली से ही जूनियर क्रिकेट खेले. बाद में सीनियर लेवल पर ऋषभ पंत दिल्ली रणजी टीम से राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेले. इसी कारण डीडीसीए यानी दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन की टीम ऋषभ का हालचाल लेने देहरादून आई थी.