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सरकार ने सभी सवालों का दिया जवाब, बेवजह हंगामा करना विपक्ष की आदत- रणजीत चौटाला - बिजली मंत्री रणजीत चौटाला

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (haryana assembly monsoon session) का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. विपक्ष ने जहां सत्ता पक्ष पर सवालों के सही जवाब न देने का आरोप लगाया तो वहीं सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष पर बेवजह हंगामा करने का आरोप मढ़ा गया.

haryana minister ranjit chautala
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Published : Aug 20, 2021, 8:48 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (haryana assembly monsoon session) का शुक्रवार से आगाज़ हो गया. ये सत्र तीन दिन तक चलेगा. वहीं सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. कांग्रेस ने जहां सत्र के पहले विधानसभा परिसर में भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन (haryana congress protest) किया तो वहीं विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान भी सरकार को घेरने की कोशिश. नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई कांग्रेसी विधायकों ने सरकार पर सवालों से भागने का आरोप लगाया.

वहीं विपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी करारा जवाब दिया. सत्र और विपक्ष के आरोपों को लेकर बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (ranjit chautala) ने बताया कि विपक्ष की ओर से जितने भी सवाल पूछे गए थे सरकार ने उनका सटीक जवाब दिया, लेकिन इसके बावजूद भी विपक्षी नेता सभा में हंगामा करते रहे. हंगामा करना और सरकार का विरोध करना विपक्ष की आदत है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर सवाल पूछा था.

सुनिए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का बयान

ये भी पढ़ें- कांग्रेस विधायकों के साथ पुलिस ने की धक्का मुक्की, हुड्डा ने स्पीकर से की जांच की मांग

उन्होंने पूछा था कि जब किसानों ने ट्यूबवेल कनेक्शन के पैसे जमा करवा दिए हैं तो उन्हें अब तक ट्यूबवेल कनेक्शन क्यों नहीं दिया गया. इस पर मैंने उनका जवाब देते हुए कहा कि जून 2021 तक करीब 30,000 किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन दे दिए गए थे और जिन लोगों ने भी पैसे जमा कराए हैं जून 2022 तक उन सभी को कनेक्शन दे दिया जाएगा, लेकिन जवाब मिलने के बाद भी वे हंगामा करते रहे. सत्र के पहले दिन प्रदेश में कम हो रहे जलस्तर को लेकर भी काफी हंगामा हुआ जिस पर बिजली मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी तो सबके सामने है.

उन्होंने कहा कि हर साल किसानों को अपने ट्यूबेल में एक नया पाइप डालना पड़ रहा है, जल स्तर लगातार कम हो रहा है और सरकार इसके लिए बेहद गंभीर है. इसके लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं क्योंकि पीने के पानी का स्तर कम होना एक बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस ने सभा में सरकार को किसानों पर दर्ज हुए देशद्रोह के मामलों को लेकर भी घेरने की कोशिश की. जब इस बारे में बिजली मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आंदोलन की भी कुछ सीमाएं होती हैं. जब मुख्यमंत्री या प्रदेश का कोई मंत्री अपने हेलीकॉप्टर में कहीं जाता है तो आंदोलनकारी हेलीकॉप्टर को नीचे नहीं उतरने देते और हिंसा पर उतर आते हैं.

ये भी पढ़ें- मानसून सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस का प्रदर्शन, किरण चौधरी ने सरकार को घेरा

आंदोलनकारी आंदोलन करने की किसी भी सीमा को तोड़ने में परहेज नहीं करते. पिछले दिनों विधानसभा के डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर हमला हुआ. उनकी गाड़ी तोड़ी गई, गाड़ी पर लाठियां बरसाई गई. अगर आंदोलनकारी किसी व्यक्ति का नुकसान करेंगे तो वह व्यक्ति उनके खिलाफ मामला दर्ज तो करवाएगा ही और पुलिस को भी मामला दर्ज करना ही पड़ेगा.

कांग्रेस ने सत्र के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा भी उठाया. जिस पर बात करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि हमने सभा में विपक्ष को यह जवाब दे दिया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रही. हरियाणा में बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आए, लेकिन किसी भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई. उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ऑक्सीजन की सप्लाई को देख रहा था. मेरे पास प्रदेश के 2 जिले थे और हमने हर जिले में और हर अस्पताल में जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जिससे प्रदेश में एक भी दिन ऑक्सीजन की कमी देखने को नहीं मिली.

ये भी पढ़ें- पहले दिन बैकफुट पर दिखी मनोहर सरकार, किसी भी सवाल का नहीं दे पाई जवाब: कांग्रेस

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र (haryana assembly monsoon session) का शुक्रवार से आगाज़ हो गया. ये सत्र तीन दिन तक चलेगा. वहीं सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. कांग्रेस ने जहां सत्र के पहले विधानसभा परिसर में भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन (haryana congress protest) किया तो वहीं विधानसभा सत्र की कार्यवाही के दौरान भी सरकार को घेरने की कोशिश. नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई कांग्रेसी विधायकों ने सरकार पर सवालों से भागने का आरोप लगाया.

वहीं विपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी करारा जवाब दिया. सत्र और विपक्ष के आरोपों को लेकर बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (ranjit chautala) ने बताया कि विपक्ष की ओर से जितने भी सवाल पूछे गए थे सरकार ने उनका सटीक जवाब दिया, लेकिन इसके बावजूद भी विपक्षी नेता सभा में हंगामा करते रहे. हंगामा करना और सरकार का विरोध करना विपक्ष की आदत है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर सवाल पूछा था.

सुनिए बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का बयान

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उन्होंने पूछा था कि जब किसानों ने ट्यूबवेल कनेक्शन के पैसे जमा करवा दिए हैं तो उन्हें अब तक ट्यूबवेल कनेक्शन क्यों नहीं दिया गया. इस पर मैंने उनका जवाब देते हुए कहा कि जून 2021 तक करीब 30,000 किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन दे दिए गए थे और जिन लोगों ने भी पैसे जमा कराए हैं जून 2022 तक उन सभी को कनेक्शन दे दिया जाएगा, लेकिन जवाब मिलने के बाद भी वे हंगामा करते रहे. सत्र के पहले दिन प्रदेश में कम हो रहे जलस्तर को लेकर भी काफी हंगामा हुआ जिस पर बिजली मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी तो सबके सामने है.

उन्होंने कहा कि हर साल किसानों को अपने ट्यूबेल में एक नया पाइप डालना पड़ रहा है, जल स्तर लगातार कम हो रहा है और सरकार इसके लिए बेहद गंभीर है. इसके लिए जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं क्योंकि पीने के पानी का स्तर कम होना एक बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस ने सभा में सरकार को किसानों पर दर्ज हुए देशद्रोह के मामलों को लेकर भी घेरने की कोशिश की. जब इस बारे में बिजली मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आंदोलन की भी कुछ सीमाएं होती हैं. जब मुख्यमंत्री या प्रदेश का कोई मंत्री अपने हेलीकॉप्टर में कहीं जाता है तो आंदोलनकारी हेलीकॉप्टर को नीचे नहीं उतरने देते और हिंसा पर उतर आते हैं.

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आंदोलनकारी आंदोलन करने की किसी भी सीमा को तोड़ने में परहेज नहीं करते. पिछले दिनों विधानसभा के डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर हमला हुआ. उनकी गाड़ी तोड़ी गई, गाड़ी पर लाठियां बरसाई गई. अगर आंदोलनकारी किसी व्यक्ति का नुकसान करेंगे तो वह व्यक्ति उनके खिलाफ मामला दर्ज तो करवाएगा ही और पुलिस को भी मामला दर्ज करना ही पड़ेगा.

कांग्रेस ने सत्र के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा भी उठाया. जिस पर बात करते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि हमने सभा में विपक्ष को यह जवाब दे दिया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रही. हरियाणा में बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आए, लेकिन किसी भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई. उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ऑक्सीजन की सप्लाई को देख रहा था. मेरे पास प्रदेश के 2 जिले थे और हमने हर जिले में और हर अस्पताल में जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जिससे प्रदेश में एक भी दिन ऑक्सीजन की कमी देखने को नहीं मिली.

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