चंडीगढ़: राम रहीम की पैरोल का मामला एक बार फिर से तूल पड़ रहा है. शनिवार को 40 दिन की पैरोल पर राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गया है. जेल से राम रहीम उत्तर प्रदेश के बरनावा स्थिति आश्रम में गया है. यहां से वो अब ऑनलाइन सत्संग कर अपने समर्थकों को संबोधित करेगा. राम रहीम की पैरोल पर अब हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने प्रतिक्रिया दी है. रणजीत चौटाला ने कहा कि हर आदमी को साल में दो बार पैरोल मिलती है.
नियम के तहत कोई भी 10 सप्ताह की पैरोल ले सकता है, जो कि मार्च से मार्च होती है. पिछले साल उन्होंने नवंबर में पैरोल थी. अब नया साल शुरू हो गया है. अब उन्होंने नए साल में पैरोल मांगी और हमने उनके पेपर को रेफर कर दिया. उन्होंने कहा कि डिविजनल कमिश्नर ने उसे पास कर दिया और राम रहीम को 40 दिन की पैरोल दे दी. बार बार पैरोल मिलने के सवाल पर जेल मंत्री ने कहा कि उनको हम आम कैदी की तरह ही देखते हैं.
जेल के अंदर राम रहीम को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाता. उनकी ओर से जेल प्रशासन को कभी भी कोई दिक्कत नहीं आई है. जब भी उन को पैरोल मिली है वो समय से वापस आ जाते हैं. उनका जेल के अंदर व्यवहार भी सही है. हमें इस तरह की कोई भी आपत्ति नहीं मिली है. पैरोल लेना हर कैदी का अधिकार है. 1 साल में वो 10 सप्ताह की पैरोल ले सकता है. इसके साथ ही 4 हफ्ते की कैदी को फरलो भी मिल सकती है.
इस दौरान कैदी के व्यवहार पर उसकी अगली फरलो तय होती है. उन्होंने कहा कि फरलो हम देते हैं और पैरोल कोर्ट देता है. हमारे पास उसके संबंधित एप्लीकेशन आती है और उसे हम आगे दे देते हैं. जब कोर्ट किसी भी कैदी को सजा देता है तो हम उसे जेल में जेल मैनुअल के हिसाब से रखते हैं. उसमें ये नहीं होता है कि हमारे पास बाबा राम रहीम है या कोई और है. हमारे पास 25 हजार कैदी हैं. उनको भी पैरोल मिलती है.
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सरकार पर ये आरोप लगता है कि वो अपने फायदे के लिए राम रहीम को पैरोल देती है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब कौन सा चुनाव आ रहा है, जहां तक लोग 2024 के चुनाव की बात कर रहे हैं, तो उसके लिए भी अभी डेढ़ साल का वक्त पड़ा है. उन्होंने कहा कि कभी किसी घटना का 6 महीने से ज्यादा असर नहीं रहता है. इसलिए ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. इस साल वो एक बार और पैरोल पर आ सकते हैं, तो फिर क्या उसको भी चुनाव से जोड़ा जाएगा. ये सब गलत बातें हैं.