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Human Rights Day: हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पास इस साल आई 2 हजार से अधिक शिकायतें, सबसे ज्यादा पुलिस के खिलाफ

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Published : Dec 10, 2021, 9:32 PM IST

मानव अधिकार न सिर्फ अपने देश का बल्कि पूरी दुनिया में बड़ा मुद्दा है. हरियाणा मानवाधिकार आयोग (Haryana Human Rights Commission) के सदस्य दीप भाटिया ने बताया कि प्रदेश में ज्यादा मामले पुलिस के खिलाफ शिकायत के आते हैं.

Human Rights Commission member Deep Bhatia Interview
Human Rights Commission member Deep Bhatia Interview

चंडीगढ़: 10 दिसंबर यानी आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) है. पूरे विश्‍व में प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, इस साल भी यह धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल की थीम- 'समानता-असमानताओं को कम करना, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना' है. मानव अधिकार का मुद्दा न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ा मुद्दा है. जिसको लेकर कई स्तरों पर मानव अधिकार आयोग बनाए गए हैं.

हरियाणा मानव अधिकार आयोग (Haryana Human Rights Commission) प्रदेश के लोगों को अधिकार और इंसाफ दिलाने के लिए लगातार काम कर रहा है. हरियाणा मानव अधिकारी की कार्यकारिणी को लेकर ईटीवी भारत ने आयोग के सदस्य दीप भाटिया से बातचीत (Deep Bhatia) की. जिसमें उन्होंने बताया कि हरियाणा मानव अधिकार के पास सबसे ज्यादा शिकायत पुलिस के खिलाफ ही आती हैं. मानव अधिकार के कार्यों के बारे में दीप भाटिया ने बताया कि 1 जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2021 तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो इस बीच आयोग के पास कुल 2 हजार 378 मामले (Human Right Cases Haryana) आए हैं.

हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पास इस साल आई 2 हजार से अधिक शिकायतें, सबसे ज्यादा पुलिस के खिलाफ

इनमें से 1 हजार 728 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. जबकि 650 मामले अभी लंबित हैं. दीप भाटिया ने बताया कि इन मामलों में सबसे ज्यादा मामले पुलिस से जुड़े हुए थे. ऐसे मामले जिनमें पुलिस के खिलाफ शिकायत की गई, इनकी संख्या 987 थी. वहीं बच्चों से जुड़े 27 मामले, महिलाओं से जुड़े 143 मामले, स्वास्थ्य से जुड़े 60 मामले, जेल से जुड़े तीन मामले, एससी-एसटी से जुड़े 12 मामले समेत अन्य कई मामले सामने आए.

दीप भाटिया ने बताया कि सबसे ज्यादा संख्या पुलिस से जुड़े मामलों की है. जिनमें कई लोगों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार, मारपीट और कई एनकाउंटर करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हमने इन सभी मामलों की जांच की और इन मामलों का निपटारा किया. साथ ही इस तरह के मामलों में किसी भी पुलिसकर्मी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की गई. दीप भाटिया ने बताया कि दुर्भाग्य से हमारे पास ऐसे भी कई मामले आते हैं. जिसमें अपराधी जानबूझकर मानव अधिकार आयोग का सहारा लेकर बचने की कोशिश करते हैं. वह पुलिस पर झूठे आरोप लगा देते हैं. जिससे खुद बच सकें. हम ऐसे मामलों की भी जांच करते हैं और अगर मामले में कुछ नहीं पाया जाता तो हम किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते.

ये भी पढ़ें- CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी पंचतत्व में विलीन, बेटियों ने दी मुखाग्नि

इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान अस्पतालों से जुड़े भी कई मामले सामने आए. जिसमें मरीज का पार्थिव शरीर समय पर न देना, ईलाज में लापरवाही की शिकायत आदि ऐसे कई मामलों में हमने कार्रवाई की है. जहां तक बात ईलाज में लापरवाही की है, तो उसके लिए सीएमओ के अंतर्गत एक कमेटी का गठन किया गया है. जब तक वह कमेटी रिपोर्ट नहीं देती तब तक हम संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते.

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चंडीगढ़: 10 दिसंबर यानी आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) है. पूरे विश्‍व में प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, इस साल भी यह धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल की थीम- 'समानता-असमानताओं को कम करना, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना' है. मानव अधिकार का मुद्दा न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ा मुद्दा है. जिसको लेकर कई स्तरों पर मानव अधिकार आयोग बनाए गए हैं.

हरियाणा मानव अधिकार आयोग (Haryana Human Rights Commission) प्रदेश के लोगों को अधिकार और इंसाफ दिलाने के लिए लगातार काम कर रहा है. हरियाणा मानव अधिकारी की कार्यकारिणी को लेकर ईटीवी भारत ने आयोग के सदस्य दीप भाटिया से बातचीत (Deep Bhatia) की. जिसमें उन्होंने बताया कि हरियाणा मानव अधिकार के पास सबसे ज्यादा शिकायत पुलिस के खिलाफ ही आती हैं. मानव अधिकार के कार्यों के बारे में दीप भाटिया ने बताया कि 1 जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2021 तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो इस बीच आयोग के पास कुल 2 हजार 378 मामले (Human Right Cases Haryana) आए हैं.

हरियाणा मानवाधिकार आयोग के पास इस साल आई 2 हजार से अधिक शिकायतें, सबसे ज्यादा पुलिस के खिलाफ

इनमें से 1 हजार 728 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. जबकि 650 मामले अभी लंबित हैं. दीप भाटिया ने बताया कि इन मामलों में सबसे ज्यादा मामले पुलिस से जुड़े हुए थे. ऐसे मामले जिनमें पुलिस के खिलाफ शिकायत की गई, इनकी संख्या 987 थी. वहीं बच्चों से जुड़े 27 मामले, महिलाओं से जुड़े 143 मामले, स्वास्थ्य से जुड़े 60 मामले, जेल से जुड़े तीन मामले, एससी-एसटी से जुड़े 12 मामले समेत अन्य कई मामले सामने आए.

दीप भाटिया ने बताया कि सबसे ज्यादा संख्या पुलिस से जुड़े मामलों की है. जिनमें कई लोगों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार, मारपीट और कई एनकाउंटर करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हमने इन सभी मामलों की जांच की और इन मामलों का निपटारा किया. साथ ही इस तरह के मामलों में किसी भी पुलिसकर्मी की लापरवाही पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की गई. दीप भाटिया ने बताया कि दुर्भाग्य से हमारे पास ऐसे भी कई मामले आते हैं. जिसमें अपराधी जानबूझकर मानव अधिकार आयोग का सहारा लेकर बचने की कोशिश करते हैं. वह पुलिस पर झूठे आरोप लगा देते हैं. जिससे खुद बच सकें. हम ऐसे मामलों की भी जांच करते हैं और अगर मामले में कुछ नहीं पाया जाता तो हम किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करते.

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इसके अलावा उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान अस्पतालों से जुड़े भी कई मामले सामने आए. जिसमें मरीज का पार्थिव शरीर समय पर न देना, ईलाज में लापरवाही की शिकायत आदि ऐसे कई मामलों में हमने कार्रवाई की है. जहां तक बात ईलाज में लापरवाही की है, तो उसके लिए सीएमओ के अंतर्गत एक कमेटी का गठन किया गया है. जब तक वह कमेटी रिपोर्ट नहीं देती तब तक हम संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते.

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