चंडीगढ़ः सिख महिलाओं के लिए हेलमेट जरूरी किए जाने के मामले पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा कि नाकों के दौरान ये कैसे पता किया जा सकेगा कि टू व्हीलर चलाने वाली महिला सिख है या नहीं.
'हेलमेट खुद की सुरक्षा के लिए है'
हाईकोर्ट ने पूछा कि ऐसे में बिना पगड़ी पहनने वाली महिलाओं के चालान क्यों नहीं किए जा सकते. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने कहा कि हेलमेट खुद की सुरक्षा के लिए है, फिर सभी सिख महिलाओं को छूट क्यों दी गई है.
केंद्र सरकार को नोटिस जारी
चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि दस्तार पहनने वाली सिख महिलाओं को हेलमेट से छूट दिए जाने को लेकर नोटिफिकेशन जारी की गई थी, लेकिन केंद्र ने इसे अप्रूव नहीं किया. इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.
पहले भी चलाए गए जागरुकता अभियान
चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस की तरफ से इससे पहले कोर्ट में कहा गया था कि महिलाओं को हेलमेट के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाए गए. इसमें 30 हजार महिलाओं को जागरूक किया गया. 17 हजार स्टीकर और पेंफ्लेट बांटे गए. 1400 हेलमेट बांटे गए और 1200 कॉफी मग बांटे गए. इसके अलावा मोबाइल पर महिलाओं को हैलमेट के प्रति जागरूकता वाले संदेश भेजे गए.