चंडीगढ़: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (Haryana Civil Medical Services Association) के आह्वान पर प्रदेश भर के सरकारी डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर (doctors strike in haryana) रहे. वहीं डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया और छह महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया. हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने ये आदेश जारी किए.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सारा देश कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहा है. ऐसे समय मे डॉक्टरों के एक समूह ने हड़ताल पर जाने की घोषणा करके इस लड़ाई में बाधा डाल दी इसलिए एस्मा लगाना (ESMA in haryana) पड़ा. अनिल विज ने कहा कि हमने जो इनकी मांगे थी वह हमने स्वीकार करके मुख्यमंत्री और अन्य विभागों के पास भेज दी. कल मुख्यमंत्री के साथ बैठक होने के बाद इसकी संवैधानिक मंजूरी दे दी गई जिसके बाद बातचीत के लिए एसीएस राजीव अरोड़ा 2 घंटे तक उनका इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आये. हमें लगता है इनके पीछे कोई है जो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में विध्न डाल रहा है.
बता दें कि हरियाणा में सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कैडर बनाने, पोस्ट ग्रेजुऐट डिग्री धारक डॉक्टरों की 40 फीसदी सीट आरक्षित करने, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग (Doctors demand in Ambala) को लेकर मंगलवार को डॉक्टर हड़ताल पर हैं. अंबाला एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. मुकेश कंधरा ने बताया कि इस बारे में दिसंबर महीने में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सभी डॉक्टरों को उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री से मिलकर 31 दिसंबर तक हल करवाने का आश्वासन दिया था.
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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तो उनके हक में हैं लेकिन उच्च अधिकारी स्तर पर उनकी मांगों को सुलझाने में देरी की जा रही है. इसी के चलते सभी डॉक्टरों ने एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश स्तर पर ओपीडी बन्द रखने का निर्णय लिया है. साथ ही डॉ. मुकेश कंधरा ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार ने त्वरित कोई निर्णय न लिया तो डॉक्टर 14 जनवरी को ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं भी बन्द कर देंगे. वहीं मंगलवार देर शाम हरियाणा सरकार ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया और छह महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया.
वहीं प्रदेश में नेताओं द्वारा कोरोना नियमों की अनदेखी करने को लेकर पूछे गए सवाल पर अनिल विज ने कहा कि निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि कहीं पर भी कोई भी रैली धरना नहीं कर सकता. यदि कोई ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी, और यह नियम प्रदेश में सभी लोगों पर लागू होता है इसलिए लोगों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए. वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुए है विज ने कहा कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है. यहां पर लोगों को देश के प्रति सम्मान सिखाया जाता है. अब जो लोग देश के हित में नहीं सोचते हैं उनको तो आरएसएस को रेग टू अ बुल नजर आता है. बता दें कि दिग्विजय सिंह ने आरएसएस को आतंकी संगठन कहा था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के कोरोना नियमों को एनसीआर क्षेत्र में लागू करने को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि केजरीवाल अपनी कमियों के लिए हमेशा दूसरों को दोषी ठहराते हैं. इस लड़ाई को सांझे तौर पर लड़ने की आवश्यकता है.
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