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निजी स्कूल द्वारा फीस वसूलने को लेकर सरकार ने फिर खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को बच्चों के अभिभावकों से सभी तरह की फीस वसूलने की अनुमति दे दी थी. इस फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार ने याचिका दायर की है.

Haryana govt filed appeal in High Court against private school fees
Haryana govt filed appeal in High Court against private school fees
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Published : Sep 21, 2020, 10:54 PM IST

चंडीगढ़: निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस, वार्षिक शुल्क और ट्रांसफर फीस वसूलने को लेकर हाई कोर्ट में लड़ाई जारी है. पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट की एकल बेंच ने निजी स्कूलों को बच्चों और अभिभावकों से मासिक फीस के साथ वार्षिक शुल्क, बिल्डिंग चार्ज और पासपोर्ट फीस लेने की छूट दी थी.

हरियाणा सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर करते हुए अभिभावकों के हितों की पैरवी की है. हाईकोर्ट के जस्टिस आरके जैन और जस्टिस अशोक कुमार वर्मा पर आधारित डबल बेंच में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई. हरियाणा सरकार ने अपनी अपील में सिंगल बेंच के आदेशों को रद्द करने की मांग की है.

फीस वसूलने को लेकर सरकार ने फिर खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, देखें वीडियो

सरकार ने कहा कि सिंगल बेंच ने सरकार के पक्ष को अनदेखा कर अपना फैसला दिया है. सिंगल बेंच का फैसला वास्तविक स्थिति के विपरीत है. हाईकोर्ट के जस्टिस रविंद्र जैन ने 27 जुलाई को अपने आदेशों में निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के साथ ही वार्षिक शुल्क ट्रांसपोर्ट की और बिल्डिंग चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी थी. इसे फीस माफी की आस लगाए बैठे लाखों अभिभावकों को झटका लगा था.

बता दें कि, इससे पहले हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि निजी स्कूल सभी तरह की फीस वसूल सकते हैं. जस्टिस रविंद्र जैन ने पंजाब के एक मामले में जस्टिस निर्मलजीत कौर द्वारा 30 जून को सुनाए गए फैसले के आधार पर हरियाणा के निजी स्कूलों को ये राहत दी थी. सिंगल बेंच ने कहा था कि लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल अपने वार्षिक चार्ज भी वसूल सकते हैं.

ये भी पढ़ें- 50 लाख की चोरी के मामले में शातिर चोर गिरफ्तार, चोरी के बाद भाग गया था कोलकाता

कोर्ट ने ये भी कहा था कि निजी स्कूल इस साल से अपनी फीस को नहीं बढ़ा सकते हैं. सिंगल बेंच ने ये भी कहा कि ऑनलाइन ना पढ़ाने वाले निजी स्कूल भी ट्यूशन फीस और दाखिला फीस ले सकते हैं. लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस, बिल्डिंग चार्ज के तौर पर सिर्फ वही फीस वसूले जितने खर्च वास्तविक तौर पर वहन करने पड़ते हैं स्कूल खुलने के बाद की अवधि के लिए वे पूर्व निर्धारित दरों के हिसाब से वार्षिक चार्ज ले सकते हैं.

चंडीगढ़: निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस, वार्षिक शुल्क और ट्रांसफर फीस वसूलने को लेकर हाई कोर्ट में लड़ाई जारी है. पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट की एकल बेंच ने निजी स्कूलों को बच्चों और अभिभावकों से मासिक फीस के साथ वार्षिक शुल्क, बिल्डिंग चार्ज और पासपोर्ट फीस लेने की छूट दी थी.

हरियाणा सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर करते हुए अभिभावकों के हितों की पैरवी की है. हाईकोर्ट के जस्टिस आरके जैन और जस्टिस अशोक कुमार वर्मा पर आधारित डबल बेंच में सोमवार को मामले की सुनवाई हुई. हरियाणा सरकार ने अपनी अपील में सिंगल बेंच के आदेशों को रद्द करने की मांग की है.

फीस वसूलने को लेकर सरकार ने फिर खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, देखें वीडियो

सरकार ने कहा कि सिंगल बेंच ने सरकार के पक्ष को अनदेखा कर अपना फैसला दिया है. सिंगल बेंच का फैसला वास्तविक स्थिति के विपरीत है. हाईकोर्ट के जस्टिस रविंद्र जैन ने 27 जुलाई को अपने आदेशों में निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस के साथ ही वार्षिक शुल्क ट्रांसपोर्ट की और बिल्डिंग चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी थी. इसे फीस माफी की आस लगाए बैठे लाखों अभिभावकों को झटका लगा था.

बता दें कि, इससे पहले हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि निजी स्कूल सभी तरह की फीस वसूल सकते हैं. जस्टिस रविंद्र जैन ने पंजाब के एक मामले में जस्टिस निर्मलजीत कौर द्वारा 30 जून को सुनाए गए फैसले के आधार पर हरियाणा के निजी स्कूलों को ये राहत दी थी. सिंगल बेंच ने कहा था कि लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल अपने वार्षिक चार्ज भी वसूल सकते हैं.

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कोर्ट ने ये भी कहा था कि निजी स्कूल इस साल से अपनी फीस को नहीं बढ़ा सकते हैं. सिंगल बेंच ने ये भी कहा कि ऑनलाइन ना पढ़ाने वाले निजी स्कूल भी ट्यूशन फीस और दाखिला फीस ले सकते हैं. लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस, बिल्डिंग चार्ज के तौर पर सिर्फ वही फीस वसूले जितने खर्च वास्तविक तौर पर वहन करने पड़ते हैं स्कूल खुलने के बाद की अवधि के लिए वे पूर्व निर्धारित दरों के हिसाब से वार्षिक चार्ज ले सकते हैं.

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