चंडीगढ: हरियाणा की बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान हुई एडवोकेट जनरल ऑफिस में कानून अधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायत हुई है. याचिकाकर्ता ने सरकार पर आरोपी लगाते हुए कहा है कि कहा है कि कानून अधिकारियों की नियुक्तियों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिए थे निर्देश
हाई कोर्ट के वकील व याचिकाकर्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को खास निर्देश दिए थे. कि वो कानून अधिकारियों का चयन कर उनकी सूची हाइ कोर्ट के चीफ जस्टिस को दे और चीफ जस्टिस उस सूची में अंतिम मुहर लाकर कानून अधिकारियों की नियुक्ति करें.
'अपने चाहने वाले की दिया पद'
याचिकाकर्ता ने सरकार पर आरोपी लगाते हुए बताया कि सरकार ने अपनी नीति में चीफ जस्टिस को नजरअंदाज कर एडवोकेट जनरल को अपनी मर्जी से पांच वकीलों को बीना प्रॉसेस के चुनने का अधिकार दे दिया. इसके अलावा सरकार ने स्पेशल केस में भी किसी वकील को चुनने का अधिकार अपनी नीति में रखा हुआ है और अपने चेहते वकीलों को लाभ देने व लाभ के पद देने के लिए रखा हुआ है.
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