चंडीगढ़: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हरियाणा सरकार ने एक और बढ़ा फैसला लिया है. इस महीने रिटायर होने वाले चिकित्सा, पैरा-मेडिकल स्टाफ और दूसरे आवश्यक विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों की सेवाओं को एक्सटेंशन देने का फैसला किया गया है. इस संबंध में संबंधित प्रशासनिक विभागों की ओर से एक प्रस्ताव अधिकारी से मंजूरी लेने के बाद वित्त विभाग को भेजा जाएगा.
बता दें कि ये निर्णय मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोजित संकट समंवय समिति की बैठक में लिया गया. मुख्य सचिव ने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अधिनियम के तहत कोविड-19 को शामिल करने के लिए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है और अधिसूचित किए गए दिशानिर्देशों को सभी प्रशासनिक सचिवों और उपायुक्तों को पालन करने के लिए भी निर्देश दिए हैं.
बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान सभी जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और डोर टू डोर खुदरा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं. जरूरी वस्तुओं को डोर टू डोर पहुंचाने के लिए खुदरा विक्रेताओं की ओर से प्रचार भी किए जाएंगे.
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बैठक में ये भी बताया गया कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि जमीनी स्तर पर तैनात पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के पास आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों और सामानों की आवाजाही के बारे में स्पष्ट निर्देश और प्रोटोकॉल हों, ताकि दूध और सब्जियां इत्यादि की आपूर्ति बाधित न हों. इसके अलावा, सरकार और स्वैच्छिक प्रयासों के माध्यम से जरूरतमंदों, गरीब लोगों और झुग्गियों में रहने वाले लोगों को भोजन के पैकेट देना भी सुनिश्चित किया जाएगा.