चंडीगढ़: हरियाणा सरकार नेगन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को अपने निवास संत कबीर कुटीर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि किसानों के हितों की रक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की है कि चूंकि गन्ने के भाव में वृद्धि की गई है, इसलिए अब किसान गन्ने को मिलों में ले जाना शुरू करें, ताकि मिलें सुचारू रूप से चल सकें.
सीएम ने कहा कि, चीनी मिलों का बंद होना न तो किसानों के हित में है और न ही मिलों के ही हित में है. मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों के हित में आज गन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा की. इस बढ़ोतरी के बाद अब गन्ने का मूल्य 372 रुपये हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है, फिर भी हम चीनी की कीमत की तुलना में गन्ना किसानों को अधिक कीमत दे रहे हैं.
चीनी मिलों पर 5293 करोड़ रुपये का घाटा: मुख्यमंत्री ने कहा कि, चीनी मिलें लगातार घाटे में चल रही हैं, लेकिन फिर भी हमने समय-समय पर किसानों के हितों की रक्षा की है. उन्होंने बताया कि इस समय राज्य की चीनी मिलों पर 5293 करोड़ रुपये का घाटा है. सरकारी मिलों में चीनी की रिकवरी का प्रतिशत 9.75 है, जबकि निजी मिलों का प्रतिशत 10.24 है. उन्होंने कहा कि चीनी की रिकवरी बढ़ाने और मिलों को अतिरिक्त आय के लिए मिलों में एथेनॉल और ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के साथ-साथ सहकारी चीनी मिलों की क्षमता बढ़ा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसने गन्ना किसान की मांगों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी. समिति ने किसानों, सहकारी विभाग, निजी मिलों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं और अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की सिफारिश की. उन्होंने कहा कि इस मौसम में सर्दी अधिक पड़ी है, जिसके कारण सरसों की फसल काफी प्रभावित हुई है.
5 फरवरी से नियमित गिरदावरी: नुकसान का आकलन करने के लिए 5 फरवरी से नियमित गिरदावरी शुरू की जाएगी और जहां-जहां नुकसान हुआ है, किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में गन्ना किसानों का समय पर भुगतान किया जाता है. वर्ष 2020-21 में 2628 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इस वर्ष को कोई भी बकाया नहीं है. इसी प्रकार, वर्ष 2021-22 में केवल 17.94 करोड़ रुपये नारायणगढ़ चीनी मिल के पीडीसी को छोड़कर 2727.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मिलों को निर्देश दिए हुए हैं कि एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान किया जाए. उन्होंने कहा कि किसानों को भी ऑफर दी गई है कि यदि वे चीनी मिलों का संचालन करना चाहें तो सरकार इस पर भी विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पटवारियों ने सरकार के समक्ष अपने वेतन में वृद्धि की मांग रखी थी. इसका सरकार ने अध्ययन किया और माना कि वेतन में वृद्धि की जानी चाहिए. इसलिए पटवारियों को पे-स्केल बढ़ाया है और अब उनका वेतन 25 हजार से 32,100 रुपये हो गया है. इस बारे में 24 जनवरी को अधिसूचना जारी की जा चुकी है.
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