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सरकार ने तय की सब्जियों की MSP, मटर अब बिकेगा कम से कम 1100 रुपये क्विंटल

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पिचले दो साल के दौरान सब्जियों की भावांतर भरपाई योजना की अपार सफलता और इस योजना के प्रति किसानों की गहरी रुचि को देखते हुए कुछ और फसलों को इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है.

सरकार ने तय की सब्जियों की MSP
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Published : Nov 13, 2019, 11:30 PM IST

चंडीगढ़: भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भावांतर भरपाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई. इस बैठक के बाद खुद सीएम ने सब्जियों के सरकारी न्यूनतम मुल्यों के बारे में जानकारी दी.

कई अधिकारियों के बीच हुई समीक्षा
बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अलावा बागवानी विभाग के महानिदेशक और कृषि विभाग के महानिदेशक भी उपस्थित थे. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया है.

1100 रुपये प्रति क्विंटल बिकेगी मटर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां भावांतर भरपाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक बैठक में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि योजना के तहत गाजर का मूल्य 700 रुपये प्रति क्विंटल और मटर का मूल्य 1100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला मिर्च और बैंगन के मूल्य का निर्णय हरियाणा किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा.

ये पढ़ें- रिपोर्ट: सब्जियों की कीमतों में लगातार हो रहा उछाल, 80 पार हुआ प्याज

पोर्टल पर करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
सीएम ने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा और मंडियों में उनके उत्पाद की बिक्री पर यदि उन्हें अपनी फसल के लिए संरक्षित मूल्य से कम मूल्य मिलता है तो बिक्री मूल्य और संरक्षित मूल्य के अंतर की राशि को प्रोत्साहन के रूप में किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा करवाया जाएगा.

इन सब्जियों को भी किया गया है शामिल
भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया है, इस योजना में टमाटर, प्याज, आलू और गोभी की फसल पहले से शामिल है. वहीं शिमला मिर्च और बैंगन के मूल्य का निर्णय हरियाणा किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा.

चंडीगढ़: भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भावांतर भरपाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई. इस बैठक के बाद खुद सीएम ने सब्जियों के सरकारी न्यूनतम मुल्यों के बारे में जानकारी दी.

कई अधिकारियों के बीच हुई समीक्षा
बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अलावा बागवानी विभाग के महानिदेशक और कृषि विभाग के महानिदेशक भी उपस्थित थे. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया है.

1100 रुपये प्रति क्विंटल बिकेगी मटर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां भावांतर भरपाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक बैठक में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि योजना के तहत गाजर का मूल्य 700 रुपये प्रति क्विंटल और मटर का मूल्य 1100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला मिर्च और बैंगन के मूल्य का निर्णय हरियाणा किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा.

ये पढ़ें- रिपोर्ट: सब्जियों की कीमतों में लगातार हो रहा उछाल, 80 पार हुआ प्याज

पोर्टल पर करवाना होगा रजिस्ट्रेशन
सीएम ने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा और मंडियों में उनके उत्पाद की बिक्री पर यदि उन्हें अपनी फसल के लिए संरक्षित मूल्य से कम मूल्य मिलता है तो बिक्री मूल्य और संरक्षित मूल्य के अंतर की राशि को प्रोत्साहन के रूप में किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा करवाया जाएगा.

इन सब्जियों को भी किया गया है शामिल
भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया है, इस योजना में टमाटर, प्याज, आलू और गोभी की फसल पहले से शामिल है. वहीं शिमला मिर्च और बैंगन के मूल्य का निर्णय हरियाणा किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा.

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हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गत दो वर्षों के दौरान सब्जियों की भावांतर भरपाई योजना की अपार सफलता और इस योजना के प्रति किसानों की गहरी रुचि को देखते हुए कुछ और फसलों को इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है । भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू , प्याज , टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर , मटर , किन्नू , अमरूद , शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां भावांतर भरपाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक बैठक में यह जानकारी दी । बैठक में उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला , कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल , मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर के अलावा बागवानी विभाग के महानिदेशक और कृषि विभाग के महानिदेशक भी उपस्थित थे ।Body:वीओ -
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज , टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां भावांतर भरपाई योजना की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक बैठक में यह जानकारी दी । उन्होंने कहा कि योजना के तहत गाजर का मूल्य 700 रुपये प्रति क्विंटल और मटर का मूल्य 1100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला मिर्च और बैंगन के मूल्य का निर्णय हरियाणा किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना होगा और मंडियों में उनके उत्पाद की बिक्री पर यदि उन्हें अपनी फसल के लिए संरक्षित मूल्य से कम मूल्य मिलता है तो बिक्री मूल्य और संरक्षित मूल्य के अंतर की राशि को प्रोत्साहन के रूप में किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा करवाया जाएगा ।Conclusion:वीओ -
भावांतर भरपाई योजना के तहत आलू, प्याज , टमाटर और गोभी के अतिरिक्त अब गाजर, मटर, किन्नू, अमरूद, शिमला मिर्च और बैंगन को भी शामिल किया है । इस योजना में टमाटर, प्याज, आलू और गोभी की फसल पहले से शामिल है । वहीं शिमला मिर्च और बैंगन के मूल्य का निर्णय हरियाणा किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा ।
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