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हरियाणा सरकार का फैसला, पंचकूला में 4 मंजिला इमारत निर्माण पर रोक

पंचकूला में अब चार मंजिला इमारत पर सरकार ने रोक लगा (four storey building Ban in Panchkula) दी है. पंचकूला में लगातार आ रही समस्याओं को देखते हुए हरियाणा सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है.

four storey building Ban in Panchkula
पंचकूला में 4 मंजिला इमारत निर्माण पर रोक
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Published : Feb 14, 2023, 9:24 PM IST

चडीगढ़: पंचकूला में बढ़ रही समस्याओं को लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की मांग पर प्रदेश सरकार ने 3 मंजिल के ऊपर निर्माण की अनुमति के लिए लंबित सभी आवेदनों को रद्द कर दिया है. वहीं, भविष्य में इस प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का भी निर्णय सरकार ने लिया है.

बता दें कि विधानसभा स्पीकर पिछले सोमवार को ही इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि शहर वासियों की मांग के अनुसार जल्द समाधान कर दिया जाएगा. एक हफ्ते के भीतर इस पर ठोस और सकारात्मक निर्णय ले लिया गया है. वहीं, पिछले वर्ष हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पंचकूला शहर में तल क्षेत्र अनुपात में परिवर्तन कर आवासीय प्लॉटों पर 3 मंजिल के ऊपर भी निर्माण की अनुमति दी थी.

इस अनुमति के बाद कई लोगों ने 4 मंजिल तक घर बना लिए, जिस कारण उनके पड़ोसियों की हवा और रोशनी प्रभावित हुई. अनेक मकानों में दरारें भी आईं और कुछ स्थानों पर इमारतें झुकने तक लगीं. समस्या को लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन आदि अनेक संस्थाओं तथा स्थानीय नागरिकों ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से संपर्क किया था. पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने भी स्पीकर के सामने इस समस्या को रखा.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों का प्रदर्शन, 12 मार्च को परिवहन मंत्री के घर का करेंगे घेराव

जनरल वीपी मलिक ने बीते साल 12 सितम्बर को ज्ञान चंद गुप्ता को दिए गए ज्ञापन में कहा था, कि आरडब्ल्यूए और स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण भूतल पर पार्किंग स्थल के साथ 4 मंजिला निर्माण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था. लेकिन हाल ही में ऐसे निर्माण फिर से शुरू हो गए हैं. पुराने सेक्टरों में संकरी 'बी' और 'सी' सड़कों पर ये निर्माण कार्य पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक है और लोगों के स्वास्थ्य और शहर पर प्रतिकूल असर डालने वाले हैं.

इससे पड़ोस के घरों में ताजी हवा का प्रवाह बाधित हुआ और सूरज की रोशनी भी रुक गई. ज्ञापन में यह भी कहा गया कि ऊंची मंजिलों से लोगों को संकरी सड़कों के पार रहने वाले लोगों के घरों में देखने की अनुमति देकर निवासियों की प्रीवेसी और सुरक्षा का उल्लंघन है. इसके अलावा जनसंख्या घनत्व में वृद्धि से सेक्टरों में पानी की आपूर्ति, जल निकासी और सीवरेज पर भी दबाव पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: कुरुक्षेत्र जेल अधीक्षक को दी जान से मारने की धमकी, आरोपी के खिलाफ केस दर्ज

चडीगढ़: पंचकूला में बढ़ रही समस्याओं को लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की मांग पर प्रदेश सरकार ने 3 मंजिल के ऊपर निर्माण की अनुमति के लिए लंबित सभी आवेदनों को रद्द कर दिया है. वहीं, भविष्य में इस प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगाने का भी निर्णय सरकार ने लिया है.

बता दें कि विधानसभा स्पीकर पिछले सोमवार को ही इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर चुके हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि शहर वासियों की मांग के अनुसार जल्द समाधान कर दिया जाएगा. एक हफ्ते के भीतर इस पर ठोस और सकारात्मक निर्णय ले लिया गया है. वहीं, पिछले वर्ष हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पंचकूला शहर में तल क्षेत्र अनुपात में परिवर्तन कर आवासीय प्लॉटों पर 3 मंजिल के ऊपर भी निर्माण की अनुमति दी थी.

इस अनुमति के बाद कई लोगों ने 4 मंजिल तक घर बना लिए, जिस कारण उनके पड़ोसियों की हवा और रोशनी प्रभावित हुई. अनेक मकानों में दरारें भी आईं और कुछ स्थानों पर इमारतें झुकने तक लगीं. समस्या को लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन आदि अनेक संस्थाओं तथा स्थानीय नागरिकों ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से संपर्क किया था. पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने भी स्पीकर के सामने इस समस्या को रखा.

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जनरल वीपी मलिक ने बीते साल 12 सितम्बर को ज्ञान चंद गुप्ता को दिए गए ज्ञापन में कहा था, कि आरडब्ल्यूए और स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण भूतल पर पार्किंग स्थल के साथ 4 मंजिला निर्माण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था. लेकिन हाल ही में ऐसे निर्माण फिर से शुरू हो गए हैं. पुराने सेक्टरों में संकरी 'बी' और 'सी' सड़कों पर ये निर्माण कार्य पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक है और लोगों के स्वास्थ्य और शहर पर प्रतिकूल असर डालने वाले हैं.

इससे पड़ोस के घरों में ताजी हवा का प्रवाह बाधित हुआ और सूरज की रोशनी भी रुक गई. ज्ञापन में यह भी कहा गया कि ऊंची मंजिलों से लोगों को संकरी सड़कों के पार रहने वाले लोगों के घरों में देखने की अनुमति देकर निवासियों की प्रीवेसी और सुरक्षा का उल्लंघन है. इसके अलावा जनसंख्या घनत्व में वृद्धि से सेक्टरों में पानी की आपूर्ति, जल निकासी और सीवरेज पर भी दबाव पड़ेगा.

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