चंडीगढ़: भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा गौजातीय प्रजनन एवं डेयरी विकास राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत शुरू किए गए राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) के अन्तर्गत राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड, 2022 के लिए फतेहाबाद जिले के गांव गिल्ला खेड़ा के जितेन्द्र सिंह का चयन किया गया है. उन्हें देशी नस्ल की गाय और भैंस पालन की सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान श्रेणी में पूरे देश में प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है.
पशुपालन एवं डेयरी विभाग हरियाणा (Animal Husbandry and Dairying Department Haryana) के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पुरस्कार 26 नवंबर, 2022 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह, 2022 के दौरान डॉ. बाबू राजेन्द्र प्रसाद अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र, जी.के.वी.के. परिसर बेंगलुरू, कर्नाटक में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला और पशुपालन एवं डेयरी विभाग भारत सरकार के सचिव राजेश कुमार सिंह की उपस्थिति में प्रदान किया जाएगा.
जितेन्द्र सिंह सबसे प्रगतिशील स्वेदशी मवेशी पालने वाले किसानों में से एक हैं. साहीवाल गाय की नस्ल के संरक्षण, उन्नयन और प्रसार हेतु उनके पास 50 दुधारू साहीवाल गायों का स्वदेशी मवेशी डेयरी फार्म है, जिनका न्यूनतम 3 हजार किलोग्राम दूध का मानक लेक्टेशन है. उन्होंने अपने फार्म में अच्छी मवेशी प्रबंधन तकनीकों के साथ-साथ कृत्रिम गर्भाधान (ए.आई.), भ्रूण स्थानांतरण प्रोद्योगिकी (ई.टी.टी.) और इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आई.वी.एफ.) जैसी वैज्ञानिक प्रजनन तकनीकों को अपनाया है.
जितेन्द्र सिंह के साहीवाल फार्म का भरूण स्थानांतरण प्रोद्योगिकी (ई.टी.टी.) के लिए एन.डी.डी.बी. और उच्च वंशावली के साहीवाल बैल के सैक्सड सोर्टिड सीमन से जनित भरूण के लिए आई.वी.एफ. तकनीक के लिए जे.के. बोवाजेनिक्स, जे.के. ट्रस्ट, जीनस ब्रीडिंग इंडिया प्रा.लि. से समझौता किया है.
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार पशुधन एवं डेयरी क्षेत्र के सर्वाेच्च राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है, जिसका उद्देश्य देसी नस्ल के पशुओं को पालने वाले किसानों, ए.आई. तकनीशियनों और डेयरी सहकारी समितियों/दुग्ध उत्पादक कंपनियों/डेयरी किसान उत्पादक संगठनों आदि को पहचानना तथा प्रोत्साहित करना है. प्रवक्ता ने बताया कि पशुपालन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यह राज्य के कृषि सकल घरेलू उत्पाद में 43 प्रतिशत योगदान देता है.
साथ ही यह लाखों लोगों को सस्ता एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त पशुपालन, डेयरी गतिविधियों विशेष रूप से भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसानों व महिलाओं के लिए आय के महत्वपूर्ण स्त्रोत की भूमिका निभाता है. राज्य में हरियाणा और साहीवाल जैसी स्वदेशी नस्लें काफी मजबूत हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखती हैं.
राजकीय और केंद्रीय योजनाओं और 'राष्ट्रीय गोकुल मिशन' जैसे कार्यक्रमों ने स्वदेशी नस्ल के मवेशियों के विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्य में उनकी संख्या में सुधार हुआ है. विभाग ने अपनी विभिन्न योजनाओं जैसे स्वदेशी नस्ल की गायों की दूध रिकॉर्डिंग, कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं, गायों को मुफ्त उपचार एवं मुंह खुर, एच.एस., एल.एस.डी. आदि बीमारियों से बचाव के लिए रोग निरोधी टीकाकरण द्वारा साहीवाल नस्ल की गाय के डेयरी फार्म को भरपूर सहयोग दिया है.
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाएगा. जिसमें देसी नस्ल की गाय/भैंस पालने वाला सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (ए.आई.टी.) और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी/दुग्ध उत्पादक कम्पनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) शामिल हैं. प्रवक्ता ने बताया कि इसके अंतर्गत प्रथम पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपये, योग्यता प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाते हैं. भारत सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा इस पुरस्कार हेतु आवेदन ऑनलाईन पोर्टल https://awards.gov.in के माध्यम से दिनांक1.8.2022 से 10.10.2022 के दौरान आमंत्रित किए गए थे. इस पुरस्कार के लिए भारत सरकार को कुल 2412 आवेदन प्राप्त हुए.