चंडीगढ़: हरियाणा में नूंह में हिंसा के बाद जिस तरह से पीला पंजा यानी बुलडोजर चला उसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इस कार्रवाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मॉडल पर पेश करना शुरू कर दिया था. योगी आदित्यनाथ के मुकाबले ताऊ का बुलडोजर हरियाणा में ट्रेंड करने लगा. लेकिन, इस बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट नेताओं के इस बुलडोजर पर रोक लगा दी.
ये भी पढ़ें: Nuh Violence: दुष्यंत चौटाला बोले- नूंह हिंसा प्रशासन और खुफिया विभाग की नाकामी, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
हरियाणा में नूंह में चलाए गए पीले पंजे के बाद प्रदेश में ताऊ का बुलडोजर सोशल मीडिया न सिर्फ ट्रेंड कर रहा था, बल्कि इसकी हरियाणा में चर्चा भी जोरों पर होने लगी थी. इसको लेकर लोग तरह तरह के कमेंट भी करने लगे थे. वहीं, नूंह में चले बुलडोजर की कार्रवाई की हाईकोर्ट ने कड़े शब्दों में आलोचना कर इस पर रोकने के आदेश दे दिए.
हाईकोर्ट के इस एक्शन पर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि, हाईकोर्ट संज्ञान लिया है हम इसका जवाब दाखिल करेंगे. हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि हाईकोर्ट ने यह भी अपने आदेश में लिखा है कि नूंह में एक वर्ग विशेष को बुलडोजर का निशाना बनाया जा रहा है, इस पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाईकोर्ट ने किस चीज को सोच कर स्वत: संज्ञान लिया है. अगर हाईकोर्ट ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई पर कोई फैसला लिया है और तोड़ने से पहले नोटिस देने की बात कही है तो इसे हम स्पष्ट करेंगे.
डिप्टी सीएम ने कहा कि, प्रदेश में अवैध कब्जों को लेकर नोटिस भी जारी हुए हैं. हम इस मामले में अपना जवाब हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे. हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है और हम इसका जवाब दाखिल करेंगे. हालांकि जब उनसे पूछा गया कि आप हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं? उन्होंने ने कहा कि उन्होंने स्वत: संज्ञान लेकर सरकार से जवाब मांगा है, सरकार उसका जवाब देगी.
ये भी पढ़ें: Haryana Nuh Violence: नूंह हिंसा पर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बयानों के क्या हैं मायने?
मैं इस बात का स्वागत करता हूं कि हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. कोई शख्स अगर कानून व्यवस्था को बिगाड़ने में शामिल रहा है और उसका कोई अवैध कब्जा है तो उसे पर सरकार एक्शन लेती है. हाईकोर्ट भी इस चीज को अनुमति देता है. अगर हमने 30 दिन का नोटिस दे रखा है तो कार्रवाई कर सकते हैं. हम इस संबंध में अपना जवाब हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे. - दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम, हरियाणा
बता दें कि सोमवार, 7 अगस्त को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच ने हरियाणा सरकार की नूंह में बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की आलोचना की थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि, इस कार्रवाई में विशेष वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है. कोर्ट में जो भी कहा था कि नियमों के खिलाफ नोटिस जारी किए बगैर निर्माण गिराना उचित नहीं है. सरकार की यह कार्रवाई लोगों के अधिकारों का हनन है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.
वहीं, हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि प्रदेश के गृह मंत्री बयान दे रहे हैं कि सांप्रदायिक हिंसा की जांच में बुलडोजर इलाज का हिस्सा है. कोर्ट ने गृह मंत्री से भी इस मामले में व्यक्तिगत हलफनामा देने का आदेश जारी किया था, लेकिन बाद में कोर्ट ने राज्य की मुख्य सचिव के साथ ही, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग और राज्य के डीजीपी को हलफनामा दायर करने के आदेश दिए. इसके साथ ही कोर्ट ने हरियाणा सरकार की एडवोकेट जनरल से जो भी पूछा था कि जो निर्माण सरकार ने गिराए हैं, क्या उनको नोटिस जारी किए गए थे? जिसको लेकर हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल ने कहा कि वह इस बात की जांच करवा कर कोर्ट को अवगत करवाएंगे.