चंडीगढ़: ई-टेंडरिंग अभी शांत होता दिखाई नहीं दे रहा है. एक तरफ सरपंच एसोसिएशन ने ऐलान किया हुआ है कि 9 मार्च को अगर बातचीत विफल होती है तो वह 11 मार्च को करनाल में सीएम आवास के घेराव करेंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस मामले को लेकर राजभवन पहुंचने वाले हैं और सरपंचों की आवाज राज्यपाल तक पहुंचने के लिए तैयार हैं.
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 6 मार्च यानि सोमवार के कार्यक्रम के मुताबिक दोपहर बाद 3 बजे पहले वे सेक्टर 7 स्थित अपने आवास पर कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक लेंगे. इसके बाद शाम 4:30 बजे पार्टी नेता महामहिम राज्यपाल को ई-टेंडरिंग और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे. इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी अध्यक्ष चौधरी उदयभान के साथ ही पार्टी विधायक एवं वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. बता दें कि दो मार्च को नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ई-टेंडरिंग और महंगाई के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए मांगा था.उन्होंने इस मामले में कहा था कि सरकार ई-टेंडरिंग के जरिए पंच-सरपंचों को शक्तिविहीन और गांव को विकास से वंचित रखना चाहती है.और ई टेंडरिंग भ्रष्टाचार का नया अड्डा साबित होगा.
इधर, हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रधान रणबीर सिंह ने ऐलान किया है कि सीएम के साथ अगर 9 मार्च की वार्ता विफल हो जाती है तो 11 मार्च को सभी सरपंच अपनी मांगों को लेकर सीएम सिटी करनाल के लिए कूच करेंगे. जहां मुख्यमंत्री आवास का घेराव का करेंगे. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन जारी रहेगा.
क्या है ई-टेंडरिंग?: ग्राम पंचायतों में होने वाले कामों में Corruption को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया बनाई है. जिसके तहत दो लाख से ज्यादा का काम करवाने के लिए ई-टेंडर जारी किया जाएगा. उसके बाद अधिकारियों की देखरेख में ठेकेदारों से काम करवाया जाएगा. वहीं, इसके अलावा सरपंचों को गांवों के विकास कामों के बारे में सरकार को ब्योरा देना होगा. सरकार का ऐसा मानना है कि ऐसा करने से भ्रष्टाचार को रोकने में सफलता मिलेगी.
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