चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. चुनाव के नजदीक आते ही सियासी समीकरण बदलने लगे हैं. एक तरफ जहां बीजेपी में नेताओं के जाने का सिलसिला जारी था, वहीं अब कांग्रेस में भी इनेलो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने जाकर प्रदेश की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है.
कांग्रेस को मिले नए साथी
रविवार को हरियाणा कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है. वैसे तो कई दिनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष रहे अशोक अरोड़ा कांग्रेस में शामिल होंगे, लेकिन रविवार को आखिरकार उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम ही लिया.
प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और सीएलपी लीडर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में सिर्फ अशोक अरोड़ा ही शामिल नहीं हुए बल्कि कलायत से निर्दलीय विधायक जय प्रकाश, सुभाष गोयल और प्रदीप चौधरी के साथ पेहवा से पूर्व स्वर्गीय विधायक जसविंद्र संधु के पुत्र गगनजीत संधु भी कांग्रेस में शामिल हुए.
जोश में है कांग्रेस !
नए साथी मिलने के बाद हरियाणा कांग्रेस जोश में है और पार्टी नए साथियों के साथ मिलकर बीजेपी से मुकाबला करने को तैयार है. वैसे तो हाई कमान के हरियाणा कांग्रेस में बदलाव के बाद से ही कांग्रेस बीजेपी से मुकाबला करने के लिए तैयार दिखने लगी थी, लेकिन नए साथी मिलने से इस जोश में और इजाफा हुआ है.
हुड्डा के हाथ में कमान, बदल सकते हैं समीकरण!
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में कांग्रेस की चुनावी कमान आने के बाद उनके समर्थकों में जोश का आलम है. इसके बाद से कांग्रेस प्रदेश की 40 से अधिक सीटों पर बीजेपी को टक्कर देने में सक्षम नजर आ रही है. जेजेपी और बीएसपी का गठबंधन टूटने के कारण भी कांग्रेस को फायदा हो रहा है क्योंकि जाट वोटर कांग्रेस की तरफ ज्यादा जाता हुआ नजर आ रहा है.
बीजेपी के सामने होगी कांग्रेस की चुनौती !
लोकसभा चुनाव में सभी दलों को चारों खाने चित करने वाली बीजेपी दोबारा हरियाणा की सत्ता में वापसी के दम भर रही है, लेकिन कुछ दिनों से प्रदेश की सियासत में जो बदलाव हुए हैं उससे बीजेपी को विपक्ष से टक्कर मिलने की चर्चाएं भी तेज हो रही हैं. जिसके चलते बीजेपी के लिए अब मिशन 75 हासिल करना आसान नहीं होगा.
भूपेंद्र हुड्डा के हाथ में कांग्रेस की कमान आने, जेजेपी और बीएसपी का गठबंधन टूटने, टिकटों को लेकर बीजेपी में बड़ी बगावत के आसार के चलते आगामी विधानसभा चुनाव के परिणाम और रौचक होने के आसार हैं.
बीजेपी के लिए होगी टिकट बंटवारे की चुनौती !
प्रदेश में बदलते राजनीति समीकरणों में आए दिन हो रहे बदलाव के बीच बीजेपी अभी भी 2 दर्जन से अधिक सीटों पर भारी दिखाई दे रही है, लेकिन बाकी सीटों पर उसकी स्थिति उम्मीदवारों के एलान के बाद ही साफ हो पाएगी. यानी टिकटों का बंटवारा कैसे होगा, बीजेपी के लिये काफी कुछ उस पर भी निर्भर होगा. बीजेपी ने अगर जिताऊ और टिकाऊ उम्मीदवार मैदान में न उतारे और अगर उसमें कोई भी गड़बड़ हुई तो उसके 75 सीटों पर जीत का आंकलन गड़बड़ा भी सकता है.
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