चंडीगढ़: बरोदा उपचुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है. सोमवार देर रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने की. बैठक में बरोदा उपचुनाव सहित दूसरे कई मुद्दों पर चर्चा की गई. साथ ही बरोदा उपचुनाव के लिए कांग्रेस के तमाम विधायकों की ड्यूटी भी लगा दी गई है. बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद हुड्डा ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बरोदा उपचुनाव जीतने का दावा किया.
बरोदा उपचुनाव को लेकर दी गई चुनौती के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से किए कटाक्ष पर हुड्डा ने कहा कि बरोदा की जनता जानती है कि बीजेपी के 6 साल में कितने काम हुए हैं और मुख्यमंत्री को पूर्व में ना जाकर हाल की स्थितियों पर ध्यान देना चाहिए. लोकसभा चुनाव में मुद्दे अलग होते हैं और मैंने उनको हाल ही की स्थिति और उनके द्वारा किए विकास कार्यों को लेकर ये चुनौती दी है.
हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनकी ओर से हरियाणा में अनेकों विकास कार्य किए गए हैं तो अभी 2024 दूर है, इसलिए उन्हें अपनी स्थिति जानने के लिए ये उपचुनाव लड़ लेना चाहिए. हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण देने का प्रारूप तय होने पर हुड्डा ने कहा कि ये फैसला कोई नया नहीं है. 2011 में भी ये फैसला पारित कर दिया गया था, उसका रिकॉर्ड निकाल कर देखा जा सकता है.
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायक दल की बैठक के दौरान लिए गए एक अहम फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस बैठक में एक शैडो कैबिनेट बनाने का सुझाव रखा गया. जिस पर सभी विधायकों ने सहमति जताई है. विधायकों का कहना है कि शैडो कैबिनेट के जरिए तमाम सरकारी महकमों की कारगुजारियों को जनता के सामने अच्छे से एक्सपोज किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इससे सरकार की विफलताओं के बारे में जनता को बेहतर तरीके से जानकारी मिल पाएगी.
समझिए क्या होती है शैडो कैबिनेट?
शैडो अंग्रेजी का शब्द है, जिसे हिंदी में छाया कहा जाता है. जैसे हर एक चीज की छाया होती है वैसी ही कैबिनेट की छाया, यानी कि शैडो कैबिनेट में शामिल लोग साये की तरह मंत्रियों के पीछे लगे रहेंगे. शैडो कैबिनेट विपक्षी पार्टी की ओर से बनाई जाती है.
दरअसल, हर राज्य सरकार की अपनी कैबिनेट होती है. उसमें कैबिनेट मंत्री होते हैं. कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग मंत्रालय दिए जाते हैं. मंत्री अपने मंत्रालय के अनुसार ही काम करते हैं और इन मंत्रियों के काम पर नजर बनाने के लिए शैडो कैबिनेट होती है. इसका हर एक सदस्य किसी सरकारी मंत्री के लिए विपक्षी मंत्री की तरह होता है. ये कोई संवैधानिक पद नहीं है और न ही कोई मंत्रालय है. एक तरह से कह सकते हैं कि व्यक्तिगत तौर पर या समूह में मंत्रियों के काम का लेखा-जोखा रखना. जनता को मंत्रियों के काम की जानकारी देना शैडो कैबिनेट का काम है.