चंडीगढ़: शनिवार को कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट (Haryana Congress Legal Department) की इंडेक्शन सेरेमनी में बतौर मुख्यातिथि अधिवक्ताओं को संबोधित किया. कार्यक्रम के दौरान औपचारिक तौर पर डिपार्टमेंट के नवनियुक्त पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे गए. इस दौरान हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि बीजेपी की केंद्र व प्रदेश सरकार आरएसएस के एजेंडे को देश प्रदेश में थोंपना चाहती है. आज जनता के संविधान प्रदत अधिकारों को कुचला जा रहा है. इसके खिलाफ अधिवक्ताओं को आगे आकर संविधान की रक्षा करनी होगी.
समारोह को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि देश की आजादी से लेकर अब तक, देश के विकास में वकीलों का अतुलनीय योगदान रहा है. आजादी से पूर्व चाहे लाला लाजपत राय की बात करें या राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल सरीखे अन्य देशभक्तों की बात करें, सभी ने बतौर अधिवक्ता देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान दिया, लेकिन जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से संविधान को दरकिनार करते हुए आरएसएस के एजेंडे को लागू करने का अभियान छेड़ा हुआ है.
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कुमारी सैलजा ने कहा कि संविधान की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां तक की देश की संवैधानिक संस्थाओं चाहे वह चुनाव आयोग हो या सीबीआई, ईडी, इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट या न्यायपालिका की बात करें, इन सभी के संविधान प्रदत अधिकारों में हस्तक्षेप करते हुए विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूर्व में वकीलों ने देश की आजादी में योगदान दिया था, उसी तरह आज भी वकीलों को आगे आकर संविधान की रक्षा में अपना योगदान देना होगा ताकि इन संवैधानिक संस्थाओं के अस्तित्व को बचाया जा सके और संविधान की मूल भावना से बीजेपी किसी प्रकार की छेडख़ानी न कर सके.
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में अब तक 16 बार जींद, पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र जैसे जिलो में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया है. भारत इंटरनेट बैन के मामले में दुनिया में काफी आगे है. देश में इस साल अब तक करीब 32 बार इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. इंटरनेट सेवा के बंद होने से न केवल आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता है बल्कि देश की आर्थिक व्यवस्था को भी इंटरनेट शटडाउन से काफी नुकसान उठाना पड़ता है. 2020 में 8,927 घंटों तक इंटरनेट बैन रहा था, जिससे सरकार को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है.
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कुमारी सैलजा इस सब के लिए मोदी जी और उनकी हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा सरकार सीधे तौर पर दोषी है. मोदी जी की निगरानी में मानवाधिकार समूहों पर दबाव बढ़ा है. पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है और विशेष रूप से मुस्लिमों के खिलाफ हमलों की बाढ़ आ गई है. इससे देश में राजनीतिक और नागरिक स्वतंत्रता का ह्रास हुआ है. मोदी जी के शासन के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मीडिया और नागरिक समाज का ह्रास सबसे आगे बढ़ गया है. भारत एक निरंकुश देश बनता जा रहा है .
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