चंडीगढ़: एक बार फिर से पराली जलाने (stubble burning case) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस मुद्दे पर करारा जवाब दिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री (manohar lal on bhagwant mann) हर चीज में राजनीति ढुंढ़ते है. हमें किसानों के हित में काम करने होंगे. उन्होंने कहा कि अपने एजेंडे के लिए भगवंत मान केंद्र और दूसरे राज्यों को गाली देना बंद करें. पिछले साल की तुलना में हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं.
25 फीसदी केस कम होकर हरियाणा में इस साल 2249 पराली के केस हुए हैं. वहीं पंजाब में 20 फीसदी केस बढ़कर हुए 21500 मामले हैं. किसानों को पराली के निपटान के लिए 50 फीसदी जबकि गौशाला और अन्य उद्योगों को 500 रुपये टन सब्सिडी देते हैं. सरकार कस्टम हाईरिंग सेंटर के जरिए 80 फीसदी सब्सिडी देती है. किसानों को पराली निपटारे के लिए 72000 यंत्र दिए, इस साल ये संख्या 7500 और यंत्र देकर 80000 तक पहुचाएंगे. बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि हमने केंद्र से पहले ही अपील कर दी थी. उन्होंने 1500 रुपये मुआवजे की अपील नहीं मानी.
ये भी पढ़ें- दीपावली के बाद पराली जलाने में आई भारी कमी, पंजाब में हरियाणा से 5 गुना ज्यादा मामले
हमने केंद्र को एक और समाधान दिया था. बायो गैस उद्योग के लिए जो मांगा था, वो भी मंजूर नहीं हुआ. अब केंद्र सरकार पंजाब सरकार पर सवाल उठा रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा और राजस्थान के कई शहरों का एक्यूआई पंजाब से भी खराब है. फरीदाबाद इस सूची में सबसे ऊपर है. केंद्र इन राज्यों पर सवाल क्यों नहीं उठाता? पंजाब के सीएम ने कहा कि हर पत्र में केंद्र सरकार पूछती है कि किसानों पर कितने पत्र दर्ज किए गए हैं. क्या पंजाब का किसान अपराधी है? शायद केंद्र सरकार को है किसानों से बहुत नफरत. केंद्र सरकार कृषि आंदोलन के कारण किसानों से नफरत करती है. पंजाब के किसान इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.