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हरियाणा में धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को मिलेंगे 7 हजार रुपये प्रति एकड़

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए 'मेरा पानी मेरी विरासत' कार्यक्रम की घोषणा है. सीएम ने जिन क्षेत्रों में पानी की गहराई ज्यादा है वहां किसान से धान ना बोने की अपील की है. धान बोना छोड़ने वाले किसानों को सरकार की ओर से 7 हजार रुपये प्रति एकड़ सीजन में प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

haryana cm manohar lal
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Published : May 6, 2020, 8:01 PM IST

Updated : May 6, 2020, 8:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भूजल स्तर पर चिंता जताई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में कुछ एरिया ऐसा है जिसे हम डार्क जोन कहते है. इस डार्क जोन में 20 साल से जमीनी पानी का स्तर नीचे जा रहा है. सोचे समझे बिना पानी का उपयोग इस समस्या को आगे बढ़ा रहा है. हरियाणा में 36 जोन ऐसे है जहां पानी 12 साल में 2 गुना नीचे चला गया है.

इसी गति से पानी नीचे गया तो 12 साल बाद पानी इतना नीचे चला जाएगा, जिसका उपयोग मुश्किल हो जाएगा. खासकर किसान इस ओर ध्यान दें. अगर किसान पानी को जमीन से निकालता है तो आने वाली पीढ़ी के लिए भी संकट खड़ा कर रहा है. ये मानकर चलें कि जमीन जहां मेरी संपत्ति है तो पानी भी उसके साथ जमीन विरासत में देनी है. बिना पानी के जमीन भी उपयोग की नहीं रहेगी.

हरियाणा में धान ना बोने वाले किसानों को मिलेंगे 7 हजार रुपये प्रति एकड़

सीएम ने कहा पहले चरण में ऐसे ब्लॉक लिए है जहां 40 मीटर से ज्यादा पानी की गहराई है. हरियाणा में 19 ब्लॉक ऐसे हैं. दक्षिण हरियाणा के 11 ब्लॉक ऐसे है जहां धान की बुवाई नहीं होती. 8 ब्लॉक में पानी 40 मीटर से गहरा है और धान की बवाई होती है. पॉवर का लोड 50 हॉर्स पॉवर से ऊपर है. वहां भी धान के किसानों से अपील करते है कि पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत बुआई करें. 50 प्रतिशत जहां बुआई नहीं करेंगे. वहां मक्का, दालें भी बोई जा सकती हैं. कई इलाकों में कपास और सब्जियों समेत तिल की खेती हो सकती है.

सीएम ने कहा कि 8 ब्लॉक कैथल का सीवन और गुलहा, सिरसा, फतेहाबाद में रतिया, कुरुक्षेत्र के शाहाबाद, इस्माइलाबाद, पिपली और बबैण शामिल है. वहीं पंचायती जमीन जो ठेके पर दी जाती है. वहां 35 मीटर तक गहराई पर ठेका देने पर भी धान की बिजाई वर्जित रहेगी. इसे 5 ब्लॉक उनमें पेहवा, जाखल, पटौदी, थानेसर और फतेहाबाद है. ऐसे क्षेत्रों में प्रोत्साहन राशि पंचायतों को दी जाएगी. सीएम ने कहा की ये योजना 10 से 15 साल पहले शुरू होनी चाहिए थी. सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से अपने पानी का हिस्सा लेने के लिए योजना बना रहे है रेणुका डैम, किसाऊ, लखवार डैम हो साथ ही एवाईएल की लड़ाई जारी है.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

सीएम ने कहा कि फसलों की खरीद भी हो रही है. 1800 गेंहू और 200 सरसों की मंडियों में खरीद हो रही है. अभी तक साढे 4 लाख मिट्रिक टन से अधिक सरसों और 50 लाख टन से ऊपर गेहूं की खरीद हो चुकी है. 820 करोड़ गेहूं के लिए और 800 करोड़ सरसों के लिए जारी कर दिए हैं. ये राशि किसानों के खातों में चली जाएगी. सीएम ने कहा मजदूर के मन में कौतूहल आया है उन्हें आश्वाशन देना चाहते है एक एक मजदूर को घर छोड़ने का काम करेंगे. हरियाणा में रह रहे मजदुरों को वापस छोड़ने की जिम्मेवारी हमने अपने कंधों पर ली है. हिसार से बिहार के लिए ट्रेन चलाई गई है.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भूजल स्तर पर चिंता जताई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में कुछ एरिया ऐसा है जिसे हम डार्क जोन कहते है. इस डार्क जोन में 20 साल से जमीनी पानी का स्तर नीचे जा रहा है. सोचे समझे बिना पानी का उपयोग इस समस्या को आगे बढ़ा रहा है. हरियाणा में 36 जोन ऐसे है जहां पानी 12 साल में 2 गुना नीचे चला गया है.

इसी गति से पानी नीचे गया तो 12 साल बाद पानी इतना नीचे चला जाएगा, जिसका उपयोग मुश्किल हो जाएगा. खासकर किसान इस ओर ध्यान दें. अगर किसान पानी को जमीन से निकालता है तो आने वाली पीढ़ी के लिए भी संकट खड़ा कर रहा है. ये मानकर चलें कि जमीन जहां मेरी संपत्ति है तो पानी भी उसके साथ जमीन विरासत में देनी है. बिना पानी के जमीन भी उपयोग की नहीं रहेगी.

हरियाणा में धान ना बोने वाले किसानों को मिलेंगे 7 हजार रुपये प्रति एकड़

सीएम ने कहा पहले चरण में ऐसे ब्लॉक लिए है जहां 40 मीटर से ज्यादा पानी की गहराई है. हरियाणा में 19 ब्लॉक ऐसे हैं. दक्षिण हरियाणा के 11 ब्लॉक ऐसे है जहां धान की बुवाई नहीं होती. 8 ब्लॉक में पानी 40 मीटर से गहरा है और धान की बवाई होती है. पॉवर का लोड 50 हॉर्स पॉवर से ऊपर है. वहां भी धान के किसानों से अपील करते है कि पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत बुआई करें. 50 प्रतिशत जहां बुआई नहीं करेंगे. वहां मक्का, दालें भी बोई जा सकती हैं. कई इलाकों में कपास और सब्जियों समेत तिल की खेती हो सकती है.

सीएम ने कहा कि 8 ब्लॉक कैथल का सीवन और गुलहा, सिरसा, फतेहाबाद में रतिया, कुरुक्षेत्र के शाहाबाद, इस्माइलाबाद, पिपली और बबैण शामिल है. वहीं पंचायती जमीन जो ठेके पर दी जाती है. वहां 35 मीटर तक गहराई पर ठेका देने पर भी धान की बिजाई वर्जित रहेगी. इसे 5 ब्लॉक उनमें पेहवा, जाखल, पटौदी, थानेसर और फतेहाबाद है. ऐसे क्षेत्रों में प्रोत्साहन राशि पंचायतों को दी जाएगी. सीएम ने कहा की ये योजना 10 से 15 साल पहले शुरू होनी चाहिए थी. सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से अपने पानी का हिस्सा लेने के लिए योजना बना रहे है रेणुका डैम, किसाऊ, लखवार डैम हो साथ ही एवाईएल की लड़ाई जारी है.

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सीएम ने कहा कि फसलों की खरीद भी हो रही है. 1800 गेंहू और 200 सरसों की मंडियों में खरीद हो रही है. अभी तक साढे 4 लाख मिट्रिक टन से अधिक सरसों और 50 लाख टन से ऊपर गेहूं की खरीद हो चुकी है. 820 करोड़ गेहूं के लिए और 800 करोड़ सरसों के लिए जारी कर दिए हैं. ये राशि किसानों के खातों में चली जाएगी. सीएम ने कहा मजदूर के मन में कौतूहल आया है उन्हें आश्वाशन देना चाहते है एक एक मजदूर को घर छोड़ने का काम करेंगे. हरियाणा में रह रहे मजदुरों को वापस छोड़ने की जिम्मेवारी हमने अपने कंधों पर ली है. हिसार से बिहार के लिए ट्रेन चलाई गई है.

Last Updated : May 6, 2020, 8:49 PM IST
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