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मुख्य सचिव ने हरियाणा में आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन को लेकर की बैठक, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

स्कूल न जाने वालों बच्चों को शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए हरियाणा सरकार लगातार प्रयास कर रही है. सरकार की ये मुहिम कहां तक पहुंची है बच्चे स्कूल जाने को लेकर कितने जागरूक हैं इसको लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बैठक (meeting regarding out of school children in haryana) की.

Sanjeev Kaushal held a meeting regarding out of school children in haryana
मुख्य सचिव ने हरियाणा में आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन को लेकर की बैठक
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Published : Jan 27, 2023, 7:35 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में 'आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन' के संबंध में बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल न जाने वाले बच्चों को फिर से शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए अथक प्रयास कर रही है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित न रहे. इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों को स्कूलों में बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने और आयोग के साथ भी जानकारी साझा करने के निर्देश दिए.

इस दौरान हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 12 (1) (सी) के प्रावधानों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एसओपी के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. बैठक में श्रम, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल

हरियाणा में स्कूल न जाने वाले 1575 बच्चों की पहचान: मुख्य सचिव ने कहा कि, हरियाणा में स्कूल न जाने वाले 1575 बच्चों की पहचान की गई है, जिनमें से 787 को राज्य के विभिन्न स्कूलों में नामांकित किया गया है, जबकि दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया और बाकी बच्चों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने का काम चल रहा है. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्कूल न जाने वाले बच्चों की जिलेवार वर्तमान स्थिति को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बालस्वराज पोर्टल पर 28 जनवरी, 2023 तक अपलोड करने के निर्देश दिए.

इन बच्चों में दिव्यांग, घर से पढ़ाई करने वाले बच्चे, चाइल्ड लेबर, अनमैप्ड मदरसों और प्रवासी बच्चे और ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान दोनों या एकल माता-पिता को खो दिया है उनकी जानकारी भी शामिल है. इसके अलावा संबंधित विभाग भी निजी स्कूलों में नामांकित बच्चों, जिन्हें आरटीई अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत लाभ नहीं मिल रहा है और सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को राज्य में खुले शेल्टर की संख्या की वर्तमान स्थिति, संस्थागत देखभाल में रखे गए और केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़े बच्चों की जानकारी भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.

ये भी पढ़ें: New Education Policy: हरियाणा में पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चों की न्यूनतम उम्र में बढ़ोतरी

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में 'आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन' के संबंध में बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल न जाने वाले बच्चों को फिर से शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए अथक प्रयास कर रही है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित न रहे. इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने अधिकारियों को स्कूलों में बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने और आयोग के साथ भी जानकारी साझा करने के निर्देश दिए.

इस दौरान हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 12 (1) (सी) के प्रावधानों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एसओपी के कार्यान्वयन के संबंध में वर्तमान स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. बैठक में श्रम, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल

हरियाणा में स्कूल न जाने वाले 1575 बच्चों की पहचान: मुख्य सचिव ने कहा कि, हरियाणा में स्कूल न जाने वाले 1575 बच्चों की पहचान की गई है, जिनमें से 787 को राज्य के विभिन्न स्कूलों में नामांकित किया गया है, जबकि दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया और बाकी बच्चों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने का काम चल रहा है. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्कूल न जाने वाले बच्चों की जिलेवार वर्तमान स्थिति को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के बालस्वराज पोर्टल पर 28 जनवरी, 2023 तक अपलोड करने के निर्देश दिए.

इन बच्चों में दिव्यांग, घर से पढ़ाई करने वाले बच्चे, चाइल्ड लेबर, अनमैप्ड मदरसों और प्रवासी बच्चे और ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान दोनों या एकल माता-पिता को खो दिया है उनकी जानकारी भी शामिल है. इसके अलावा संबंधित विभाग भी निजी स्कूलों में नामांकित बच्चों, जिन्हें आरटीई अधिनियम की धारा 12 (1) (सी) के तहत लाभ नहीं मिल रहा है और सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के बारे में स्टेटस रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को राज्य में खुले शेल्टर की संख्या की वर्तमान स्थिति, संस्थागत देखभाल में रखे गए और केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जुड़े बच्चों की जानकारी भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.

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