चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक में हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 और हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 में संशोधन के अध्यादेश को स्वीकृति प्रदान की गई. इन अध्यादेशों को हरियाणा नगर निगम (संशोधन) अध्यादेश, 2023 कहा जाएगा.
संशोधन के अनुसार, प्रत्येक नगर पालिका में पिछड़े वर्ग 'ए' के लिए सीटें आरक्षित होंगी और आरक्षित सीटों की संख्या जितनी संभव होगी उतनी रहेगी. नगर पालिका में सीटों की कुल संख्या के समान अनुपात में उस नगर पालिका की कुल आबादी के लिए पिछड़े वर्ग ‘ए’ जनसंख्या के अनुपात का 0.5 या ज्यादा होने की स्थिति में अगले उच्च पूर्णांक तक पूर्णांकित किया जाता है.
वहीं, अनुसूचित जाति के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों को छोडक़र पिछड़े वर्ग 'ए' की सबसे अधिक प्रतिशत आबादी वाले पिछड़े वर्ग 'ए' के आरक्षण के लिए प्रस्तावित सीटों की संख्या के अधिकतम तीन गुना सीटों में से ऐसी सीटों को ड्रा द्वारा आवंटित किया जाएगा और बाद के चुनावों में भी बारी-बारी से आवंटित की जाती रहेंगी. मंत्रिपरिषद ने 8 मई को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पिछड़ा वर्ग-ए को नगर पालिकाओं के चुनाव लड़ने में आरक्षण के अनुपात के प्रावधान के लिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी थी.
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जैसे कि राज्य विधानसभा सत्र में नहीं है और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव जल्द से जल्द होने हैं. इसलिए हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के अनुसार नगर निगमों और नगर परिषदों/समितियों के चुनावों में पिछड़ा वर्ग-ए को आरक्षण के प्रावधान के लिए, अधिनियम, 1994 की धारा 6 और धारा 11 और अधिनियम, 1973 की धारा 10 में प्रावधान करने के लिए अध्यादेश लाने की आवश्यकता है.