चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस बैठक में हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत दी है. मंत्रिमंडल ने आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति को मंजूरी दे दी है. इस नीति के चलते अब हरियाणा में कर्मचारियों को आयुष चिकित्सा पद्धति का पैसा वापस मिल सकेगा. राज्य सरकार के इस निर्णय से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को लाभ होगा, इसके साथ ही आयुष प्रणाली को भी बढ़ावा मिल सकेगा.
आयुष चिकित्सा पद्धति से इलाज कराने वालों को मिलेगी राहत : हरियाणा में अधिकांश सरकारी कर्मचारी, पेंशन कर्मचारी आयुष चिकित्सा पद्धति से अपना इलाज करवाते हैं. हरियाणा में सूचीबद्ध आयुष अस्पताल नहीं होने के कारण उनके बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं हो पाती है. कर्मचारियों की इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति को मंजूरी दी गई है. इस नीति के अनुसार सभी सरकारी और निजी आयुष संस्थान और अस्पताल जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें सूचीबद्ध किया जाएगा.
आउटडोर इलाज की भी होगी प्रतिपूर्ति : इससे हरियाणा के आयुष निजी चिकित्सकों को भी बढ़ावा मिलेगा. हरियाणा सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित अब इन सूचीबद्ध आयुष अस्पतालों में भर्ती होकर अपना इलाज करा सकेंगे. इसमें कुछ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की पुरानी बीमारी के रोगियों के आउटडोर इलाज की भी प्रतिपूर्ति की जाएगी. क्योंकि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पतालों में बाह्य रोगियों के इलाज के लिए कोई दवा निर्धारित नहीं होती है.
निश्चित पैकेज दरों पर होगा इलाज: सरकारी कर्मचारियों और पेंशन कर्मचारियों से सूचीबद्ध निजी अस्पताल निश्चित पैकेज दरों पर शुल्क ले सकेंगे, जिसकी प्रतिपूर्ति बाद में संबंधित विभाग को बिल जमा कराने पर कर्मचारी को वापस कर दी जाएगी. इसमें कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार उनके कमरे का किराया भी तय किया जाएगा. इन सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी से इलाज कराने के लिए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को गैर-पैकेज के मामलों में भी कमरे का किराया और दवाओं की प्रतिपूर्ति की जाएगी.