चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो प्रदेश में इन दिनों ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. खास बात ये है कि एसीबी के हाथ केवल छोटे कर्मचारियों तक ही नहीं बल्कि बड़े अधिकारियों के गिरेबान तक पहुंच रहे हैं. पिछले 3 दिन में एसीबी ने दो आईएएस अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है. पंचकूला सीबीआई की विशेष कोर्ट के जज रहे सुधीर परमार पर कार्रवाई हो या फिर प्रदेश सरकार में कार्यरत अधिकारी, एसीबी के रडार पर इस समय भ्रष्टाचार में शामिल सरकार के बड़े अधिकारी हैं. वहीं, इश बीच हरियाणा सरकार ने आईएएस अधिकारियों को लेकर एक नया फरमान जारी किया है.
हरियाणा सरकार ने IAS अधिकारियों के लिए संपत्ति लेनदेन को लेकर दिए नए निर्देश?: अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामले हरियाणा सरकार के लिए चुनौती बन हुए हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार समय-समय पर अधिकारियों को कई दिशा निर्देश जारी करती रही है. वहीं, सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने आईएएस अधिकारियों के लिए नई दिशा निर्देश जारी किए हैं. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने आईएएस अधिकारियों के लिए एडवाईजरी जारी करते हुए कहा है कि अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 16(3) के अनुसार अपने स्वामित्व वाली या अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर किसी भी अचल या चल संपत्ति को खरीदने एवं बेचने से पहले सरकार को सूचित करना होगा.
तीन दिन में 2 IAS अधिकारी गिरफ्तार- हरियाणा में बीते तीन दिन में एसीबी ने दो आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक आईएएस अधिकारी विजय दहिया हैं तो दूसरे जयवीर आर्य. दोनों अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है. विजय दहिया को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हुए आईएएस जयवीर आर्य को एक दिन की रिमांड पर लिया है.
एसीबी के रडार पर कई और बड़े अधिकारी- हरियाणा में सिर्फ आईएएस अधिकारी ही नहीं आईपीएस और एसीएस के साथ-साथ एचसीएस अधिकारी भी भ्रष्टाचार के मामलों में एंटी करप्शन ब्यूरो के रडार पर हैं. भ्रष्टाचार के आरोपों में 40 से अधिक अधिकारी घिरे हुए हैं. इनमें 10 से अधिक आईएएस (जिनमें सेवानिवृत आईएएस भी शामिल हैं), तीन आईएफएस (इनमें एक सेवानिवृत्त), दो आईपीएस, 20 के करीब एचसीएस (चार सेवानिवृत हैं ), चार एचपीएस अधिकारी शामिल हैं. इनके खिलाफ एसीबी ने केस भी दर्ज किए हैं, जिसकी जांच जारी है.
एसीबी पर सरकार का भी हाथ- एंटी करप्शन ब्यूरो को सरकार का भी पूरा साथ मिल रहा है. सरकार भी लगातार एंटी करप्शन ब्यूरो को दागी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुमति दे रही है. जिसके चलते आने वाले दिनों में कई और दागी अधिकारी एंटी करप्शन ब्यूरो के शिकंजे में आ सकते हैं. वहीं सरकार का पूरा साथ मिलने की वजह से ही एंटी करप्शन ब्यूरो अपने काम को अंजाम देने में सफल हो रहा है.