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चंडीगढ़ को लेकर AAP हुई दो फाड़: कोई कर रहा अलग राज्य की मांग, तो किसी ने कही बंटवारे की बात - Chandigarh issue

पंजाब और हरियाणा के बीच चंडीगढ़ विवाद को लेकर लगातार खींचतान जारी है. इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी भी दो फाड़ होती नजर आ रही है. जहां हरियाणा के आप प्रभारी सुशील गुप्ता ने चंडीगढ़ का बंटवारा करने की बात कही तो वहीं चंडीगढ़ आप अध्यक्ष ने चंडीगढ़ पर यहां के लोगों के अधिकार की बात (Prem kumar Garg on Chandigarh Issue) कही है.

Prem kumar Garg on Chandigarh Issue
Prem kumar Garg on Chandigarh Issue
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Published : Apr 8, 2022, 9:47 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ के मुद्दे पर लगातार सियासत गर्म होती नजर आ रही है. जहां एक तरफ हरियाणा और पंजाब सरकार आमने-सामने हैं, तो वहीं अब आम आदमी पार्टी भी दो फाड़ होती नजर आ रही है. चंडीगढ़ पर अधिकार का मुद्दा (Chandigarh issue) पंजाब की आप सरकार ने शुरू किया था, लेकिन हरियाणा और चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के बयान पंजाब से अलग हैं. हालांकि चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के नेता यही कहते हैं कि चंडीगढ़ पर सिर्फ चंडीगढ़ के लोगों का अधिकार है और किसी राज्य का अधिकार नहीं है, लेकिन जब चंडीगढ़ नगर निगम में इसको लेकर बैठक बुलाई गई. तब आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस पर चर्चा नहीं की और पानी के मुद्दे को लेकर वॉक आउट कर दिया.

वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रभारी व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने बीते दिन झज्जर में चंडीगढ़ के मुद्दे पर अलग बयान दिया है. सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि (Sushil Kumar Gupta Controversial statement on Chandigarh) चंडीगढ़ मुद्दे को लेकर दोनों प्रदेश की सरकारों को केंद्र के पास जाना चाहिए था और आधा-आधा हिस्सा मांगना चाहिए था. साथी ही 20-20 हजार करोड़ रुपये की मांग की जानी चाहिए.

चंडीगढ़ को लेकर AAP हुई दो फाड़: कोई कर रहा अलग राज्य की मांग, तो किसी ने कही बंटवारे की बात

वहीं चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष प्रेम कुमार गर्ग का कहना है कि (Prem kumar Garg on Chandigarh Issue) चंडीगढ़ पर किसी भी राज्य का अधिकार नहीं है, बल्कि यहां के लोगों का ही अधिकार है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रेम कुमार गर्ग ने कहा कि इस मुद्दे पर चंडीगढ़ नगर निगम के पास चर्चा करने का कोई अधिकार नहीं है. आम आदमी पार्टी के पार्षद जब सदन की बैठक में पहुंचे तब भाजपा के पार्षदों ने इस मुद्दे को उठाया. जबकि नगर निगम में यह मुद्दा नहीं उठाया जाना चाहिए था. यह मुद्दा गृह मंत्रालय ही उठा सकता है.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस के इस नेता ने की हरियाणा के लिए अलग राजधानी की मांग

प्रेम कुमार गर्ग ने कहा कि हम आज भी यही कहते हैं कि चंडीगढ़ पर किसी राज्य का अधिकार नहीं है, बल्कि यहां के लोगों का ही अधिकार है. जब पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जिस राज्य में रहता है. वह उसी राज्य की बात करता है. भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री हैं, इसीलिए वह पंजाब की बात करेंगे और सुशील गुप्ता हरियाणा के प्रभारी हैं, इसलिए हरियाणा की बात करेंगे. हरियाणा की भाजपा सरकार हरियाणा की बात करती है, लेकिन अगर पंजाब में भाजपा की सरकार होती तो शायद तब वे पंजाब की बात करते, यह एक स्वाभाविक बात है.

चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि चंडीगढ़ पर अधिकार और एसवाईएल का मुद्दा, बड़ा मुद्दा है. जो इतनी आसानी से सुलझने वाला नहीं है. अब इस मुद्दे को सुलझाना है, तो चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब तीनों के प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और इस बारे में चर्चा करनी चाहिए. बशर्तें केंद्र सरकार इस बारे में जो भी फैसला करेगी वह सभी को मंजूर होगा. एसवाईएल को लेकर उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना चुकी है. इसीलिए हरियाणा को उसके हक का पानी मिलना चाहिए, लेकिन अगर पंजाब के पास खुद पर्याप्त पानी नहीं होगा, तो पंजाब हरियाणा को पानी कहां से देगा. इन सभी बातों पर चर्चा की जानी चाहिए तभी यह मुद्दे सुलझ सकते हैं.

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ के मुद्दे पर लगातार सियासत गर्म होती नजर आ रही है. जहां एक तरफ हरियाणा और पंजाब सरकार आमने-सामने हैं, तो वहीं अब आम आदमी पार्टी भी दो फाड़ होती नजर आ रही है. चंडीगढ़ पर अधिकार का मुद्दा (Chandigarh issue) पंजाब की आप सरकार ने शुरू किया था, लेकिन हरियाणा और चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के बयान पंजाब से अलग हैं. हालांकि चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के नेता यही कहते हैं कि चंडीगढ़ पर सिर्फ चंडीगढ़ के लोगों का अधिकार है और किसी राज्य का अधिकार नहीं है, लेकिन जब चंडीगढ़ नगर निगम में इसको लेकर बैठक बुलाई गई. तब आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस पर चर्चा नहीं की और पानी के मुद्दे को लेकर वॉक आउट कर दिया.

वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी हरियाणा के प्रभारी व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने बीते दिन झज्जर में चंडीगढ़ के मुद्दे पर अलग बयान दिया है. सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि (Sushil Kumar Gupta Controversial statement on Chandigarh) चंडीगढ़ मुद्दे को लेकर दोनों प्रदेश की सरकारों को केंद्र के पास जाना चाहिए था और आधा-आधा हिस्सा मांगना चाहिए था. साथी ही 20-20 हजार करोड़ रुपये की मांग की जानी चाहिए.

चंडीगढ़ को लेकर AAP हुई दो फाड़: कोई कर रहा अलग राज्य की मांग, तो किसी ने कही बंटवारे की बात

वहीं चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष प्रेम कुमार गर्ग का कहना है कि (Prem kumar Garg on Chandigarh Issue) चंडीगढ़ पर किसी भी राज्य का अधिकार नहीं है, बल्कि यहां के लोगों का ही अधिकार है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रेम कुमार गर्ग ने कहा कि इस मुद्दे पर चंडीगढ़ नगर निगम के पास चर्चा करने का कोई अधिकार नहीं है. आम आदमी पार्टी के पार्षद जब सदन की बैठक में पहुंचे तब भाजपा के पार्षदों ने इस मुद्दे को उठाया. जबकि नगर निगम में यह मुद्दा नहीं उठाया जाना चाहिए था. यह मुद्दा गृह मंत्रालय ही उठा सकता है.

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प्रेम कुमार गर्ग ने कहा कि हम आज भी यही कहते हैं कि चंडीगढ़ पर किसी राज्य का अधिकार नहीं है, बल्कि यहां के लोगों का ही अधिकार है. जब पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार के बारे में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जिस राज्य में रहता है. वह उसी राज्य की बात करता है. भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री हैं, इसीलिए वह पंजाब की बात करेंगे और सुशील गुप्ता हरियाणा के प्रभारी हैं, इसलिए हरियाणा की बात करेंगे. हरियाणा की भाजपा सरकार हरियाणा की बात करती है, लेकिन अगर पंजाब में भाजपा की सरकार होती तो शायद तब वे पंजाब की बात करते, यह एक स्वाभाविक बात है.

चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि चंडीगढ़ पर अधिकार और एसवाईएल का मुद्दा, बड़ा मुद्दा है. जो इतनी आसानी से सुलझने वाला नहीं है. अब इस मुद्दे को सुलझाना है, तो चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब तीनों के प्रतिनिधियों को केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और इस बारे में चर्चा करनी चाहिए. बशर्तें केंद्र सरकार इस बारे में जो भी फैसला करेगी वह सभी को मंजूर होगा. एसवाईएल को लेकर उन्होंने कहा कि हालांकि इस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना चुकी है. इसीलिए हरियाणा को उसके हक का पानी मिलना चाहिए, लेकिन अगर पंजाब के पास खुद पर्याप्त पानी नहीं होगा, तो पंजाब हरियाणा को पानी कहां से देगा. इन सभी बातों पर चर्चा की जानी चाहिए तभी यह मुद्दे सुलझ सकते हैं.

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