चंडीगढ़ः नशे को लेकर चंडीगढ़ में 7 राज्यों की मीटिंग हुई. जिसमें हरियाणा के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. जिसमें हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे उन्होंने फैसला लिया कि महाराष्ट्र के 'मकोका' की तर्ज पर हरियाणा में 'हरकोका' कानून बनेगा. मकोका और हरकोका कानून क्या है और कैसे काम करता है इसे हम नीचे बताएंगे पहले आप पढ़िए कि इस मीटिंग में और क्या-क्या फैसले लिए गए.
बैठक में क्या हुआ ?
- सभी राज्य केंद्र से नेशनल ड्रग पॉलिसी बनाने का आग्रह करेंगे.
- नशा तस्करी रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं पर संयुक्त अभियान चलेगा.
- सभी राज्य आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे.
- अधिकारियों की ट्रेनिंग के लिए चंडीगढ़ में रीजनल ट्रेनिंग सेंटर खोलने पर सहमति बनी.
- चंडीगढ़ में रीजनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर खुलेगा.
- सभी राज्य नशे के खिलाफ बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएंगे.
- पंचकूला के ड्रग कंट्रोल सेक्रेटेरियट में हर राज्य के नोडल अधिकारी बैठेंगे.
- हरियाणा में इसी सत्र में 'हरकोका' कानून लाया जाएगा.
क्या है 'हरकोका'(HARCOCA) कानून ?
महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर ये कानून लाया जा रहा है. 'हरकोका' यानि हरियाणा कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट. जिसके तहत हरियाणा में बढ़ रही नशा तस्करी और ऑर्गेनाइज्ड क्राइम पर नकेल कसने की कोशिश होगी.
क्या है 'मकोका'(MCOCA) ?
महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था. इसके तहत संगठित अपराध जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं जैसे मामले शामिल हैं.
बैठक में कौन-कौन शामिल ?
इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, चंडीगढ़ डीजीपी संजय बेनीवाल, हिमाचल के डीजीपी सीताराम मरडी, पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता, हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव और दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर ने हिस्सा लेने पहुंचे थे.