चंडीगढ़: विधानसभा में अकाली दल के विधायकों की तरफ से सीएम मनोहर लाल का घेराव करने के मामले में डीजीपी की ओर से गठित टीम ने हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अकाली दल के 9 विधायकों ने सोची समझी साजिश के तहत घटनाक्रम को अंजाम दिया था.
रिपोर्ट में लिखा गया है कि 10 मार्च को 5 बजकर 5 मिनट पर जब सीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो उस वक्त अकाली दल के विधायकों ने सीएम पर हमले का प्रयास किया. हालांकि इस रिपोर्ट से विधानसभा स्पीकर सहमत नजर नहीं हैं. उन्होंने फिर से रिपोर्ट वापस डीजीपी को भेजी है ताकि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. साथ ही इस मामले में कानूनी राय लेने को भी कहा गया है.
रिपोर्ट पर विधानसभा स्पीकर ने कहा सीआईडी को करीब 2 घंटे पहले अकाली दल के विधायकों की गतिविधि की जानकारी मिल गई थी. उन्होंने आगे कहा कि वो डीजीपी की गठित कमेटी की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं. ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा सीआईडी के पास जब 2 घंटे पहले जानकारी आ गई थी तो फिर जिम्मेदार अधिकारियों ने समय रहते कार्रवाई क्यों नही की?
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हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने आगे कहा कि डीजीपी की गठित कमेटी की रिपोर्ट में किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है, इसलिए उन्होंने दोबारा से रिपोर्ट वापस की है, ताकि अधिकारियों की ना सिर्फ जवाबदेही तह हो बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सके.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 10 मार्च को जब हरियाणा विधानसभा के सदन में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ जीत हासिल की थी और उसके बाद वो विधानसभा परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तो इसी दौरान अकाली दल के विधायकों ने सीएम मनोहर लाल खट्टर का घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया था.
उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा विधानसभा के बाहर जमकर हंगामा किया. काले झंडे लेकर पहुंचे विधायकों ने पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ नारेबाजी की. विधानसभा परिसर में पुलिस से धक्कामुक्की के बीच नारेबाजी करते हुए अकाली विधायक मुख्यमंत्री के करीब पहुंचे तो सुरक्षा कर्मचारियों ने सुरक्षा दीवार बनाकर उन्हें रोक दिया. अकाली दल के विधायकों ने विधानसभा परिसर में विधायकों द्वारा किसी भी वक्त आने-जाने के अधिकार का फायदा उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था.