चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को चंडीगढ़ में 'हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पोलिसी-202' से संबंधित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के बाद हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों को ‘प्रथम ई-व्हीकल’ खरीदने पर विशेष रियायत दी जाएगी. वहीं प्रदेश में राज्य/राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध और विकास के लिए 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी.
बता दें डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, उन्होंने ‘हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2021’ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि ई-व्हीकल के लिए बनाई जा रही प्रदेश की ‘हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पोलिसी-2021’ पूरे देश में सबसे बेहतर हो. उन्होंने बताया कि प्रदेश में राज्य/राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में शोध एवं विकास के लिए 5 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि उक्त पॉलिसी के गठन के लिए अधिकारियों के साथ तीन दौर की चर्चा हो चुकी है और आज अंतिम विचार-विमर्श किया गया. उन्होंने बताया कि आगले एक महीने में इस पॉलिसी को रिलीज कर दिया जाएगा. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ई-व्हीकल निर्माता कंपनियों, प्रयोग करने वाले वाहन चालकों तथा चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाले लोगों को फोकस करके 'हरियाणा इलैक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2021' बनाई जा रही है जिसमें उनको विशेष छूट दी जाएंगी.
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोपहिया, तिपहिया तथा चारपहिया ई-व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है. उन्होंने बताया कि पॉलिसी में ई-व्हीकल को जहां रजिस्ट्रेशन के समय छूट दी जाएगी, वहीं जो कमर्शियल व्हीकल पैट्रोल, डीजल आदि से इलैक्ट्रिकल में परिवर्तित किया जाएगा उनको भी रियायत दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना है कि वर्ष 2022 में राज्य में ई-व्हीकलों की भारी तादाद हो.
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