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हरियाणा में पशु पालकों की बल्ले-बल्ले! कई बड़ी योजनाओं को शुरू करने पर सरकार कर रही विचार

जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश में 2000 मछली पालन केंद्र शुरू करने का भी लक्ष्य रखा गया है. वहीं खारे पानी में झींगा मछली के पालन को लेकर प्रोत्साहन पर भी सरकार योजना तैयार कर रही है. इसके साथ-साथ प्रदेश में सीमन लैबोरेट्री स्थापित की जाने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि अच्छी नस्ल की गाय पैदा हो सके.

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हरियाणा में पशु पालकों की बल्ले-बल्ले!
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Published : Feb 15, 2020, 9:37 PM IST

चंडीगढ़: कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने पशुपालन और मछली पालन को लेकर सरकार की तरफ से किए जा रहे कई नए प्रयासों की अहम जानकारियां दी. पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर तेजी से काम करने और लगभग प्रदेश के 5000 गरीब किसानों को भेड़-बकरी के पालन के लिए लोन दिलवा जाएगा.

जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश में 2000 मछली पालन केंद्र शुरू करने का भी लक्ष्य रखा गया है. वहीं खारे पानी में झींगा मछली के पालन को लेकर प्रोत्साहन पर भी सरकार योजना तैयार कर रही है. इसके साथ-साथ प्रदेश में सीमन लैबोरेट्री स्थापित की जाने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि अच्छी नस्ल की गाय पैदा हो सके. जिससे राज्य में दूध उत्पादन में वृद्धि हो और आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिल सके.

कई बड़ी योजनाओं को शुरू करने पर सरकार कर रही विचार

हरियाणा में बनाई जाएंगी सीमन लैबोरेट्री

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में सीमन लैबोरेट्री स्थापित की जाएगी, ताकि अच्छी नस्ल की गाय पैदा हो सकें. जिससे राज्य में दूध उत्पादन में वृद्धि तो होगी ही साथ ही आवारा पशुओं की समस्या से भी निजात मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि अभी 400 रुपये में सीमन की एक डोज किसानों को दी जाती है. इसे सस्ती करने पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बछियां ज्यादा पैदा हो ये प्रयास सरकार का है. इसके अलावा गाय भैंस की किस नस्ल की किसान बछियां चाहता है ये उनपर निर्भर करेगा उनकी पसंद होगी.

पशु क्रेडिट कार्ड देने पर विचार

वहीं सरकार की तरफ से पशु क्रेडिट कार्ड बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.प्रदेश के 4 से 5000 बकरी और भेड़ पालकों को सरकार की तरफ से लोन देने पर विचार किया जा रहा है, ताकि वो अपने व्यवसाय को और बढ़ा सकें.

ये भी पढ़िए: 'केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों के सहयोग से गरीबों की जेब पर डाला डाका'

इसके अलावा सरकार की तरफ से प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या को रोकने के लिए सभी गौशालाओं, पंचायत ब्लॉक समितियों को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा जा रहा है. पशुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि दो-तीन सदस्य डॉक्टरों की एक टीम, जीपीएस युक्त मोबाइल बैंक के साथ गांव-गांव में जाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच करें.

चंडीगढ़: कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने पशुपालन और मछली पालन को लेकर सरकार की तरफ से किए जा रहे कई नए प्रयासों की अहम जानकारियां दी. पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर तेजी से काम करने और लगभग प्रदेश के 5000 गरीब किसानों को भेड़-बकरी के पालन के लिए लोन दिलवा जाएगा.

जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश में 2000 मछली पालन केंद्र शुरू करने का भी लक्ष्य रखा गया है. वहीं खारे पानी में झींगा मछली के पालन को लेकर प्रोत्साहन पर भी सरकार योजना तैयार कर रही है. इसके साथ-साथ प्रदेश में सीमन लैबोरेट्री स्थापित की जाने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि अच्छी नस्ल की गाय पैदा हो सके. जिससे राज्य में दूध उत्पादन में वृद्धि हो और आवारा पशुओं की समस्या से निजात मिल सके.

कई बड़ी योजनाओं को शुरू करने पर सरकार कर रही विचार

हरियाणा में बनाई जाएंगी सीमन लैबोरेट्री

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में सीमन लैबोरेट्री स्थापित की जाएगी, ताकि अच्छी नस्ल की गाय पैदा हो सकें. जिससे राज्य में दूध उत्पादन में वृद्धि तो होगी ही साथ ही आवारा पशुओं की समस्या से भी निजात मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि अभी 400 रुपये में सीमन की एक डोज किसानों को दी जाती है. इसे सस्ती करने पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बछियां ज्यादा पैदा हो ये प्रयास सरकार का है. इसके अलावा गाय भैंस की किस नस्ल की किसान बछियां चाहता है ये उनपर निर्भर करेगा उनकी पसंद होगी.

पशु क्रेडिट कार्ड देने पर विचार

वहीं सरकार की तरफ से पशु क्रेडिट कार्ड बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.प्रदेश के 4 से 5000 बकरी और भेड़ पालकों को सरकार की तरफ से लोन देने पर विचार किया जा रहा है, ताकि वो अपने व्यवसाय को और बढ़ा सकें.

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इसके अलावा सरकार की तरफ से प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या को रोकने के लिए सभी गौशालाओं, पंचायत ब्लॉक समितियों को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा जा रहा है. पशुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि दो-तीन सदस्य डॉक्टरों की एक टीम, जीपीएस युक्त मोबाइल बैंक के साथ गांव-गांव में जाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच करें.

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