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बजट से पहले किसानों को तोहफा, धान-कपास सहित इन फसलों का बढ़ा समर्थन मूल्य - किसान

नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट से पहले किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने किसानों की फसल के समर्थन मूल्य बढ़ा दिए हैं. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी.

खेत में काम करते किसान (फाइल फोटो)
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Published : Jul 3, 2019, 6:09 PM IST

चंडीगढ़/दिल्ली: आज हुई कैबिनेट बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हक में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) बढ़ा दिया है. सरकार ने खरीफ फसलों के दाम बढ़ा दिए हैं. इस न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों को बढ़ी राहत मिलेगी.

  • I thank PM @narendramodi ji for keeping promise with farmers & tackling farm distress by increasing paddy & cotton #MSP by Rs 65 & Rs 105 per quintal.This is in line with NDA resolve to ensure 50% profit on input costs. Hike will help fulfill PM goal to double farm income by 2022

    — Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) July 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इन फसलों का बढ़ा समर्थन मूल्य

  • धान की फसल की कीमत में 56 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है.
  • सूरजमुखी की कीमत में 262 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
  • सरकार ने अरहर दाल में 125 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी
  • तिल की कीमत में 236 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
  • कपास की फसल में 105 रुपये प्रति क्विटल की बढ़ोत्तरी
  • सोयाबीन की कीमत में 311 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
  • उड़द दाल की कीमत में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.

चंडीगढ़/दिल्ली: आज हुई कैबिनेट बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हक में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) बढ़ा दिया है. सरकार ने खरीफ फसलों के दाम बढ़ा दिए हैं. इस न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों को बढ़ी राहत मिलेगी.

  • I thank PM @narendramodi ji for keeping promise with farmers & tackling farm distress by increasing paddy & cotton #MSP by Rs 65 & Rs 105 per quintal.This is in line with NDA resolve to ensure 50% profit on input costs. Hike will help fulfill PM goal to double farm income by 2022

    — Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) July 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इन फसलों का बढ़ा समर्थन मूल्य

  • धान की फसल की कीमत में 56 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है.
  • सूरजमुखी की कीमत में 262 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
  • सरकार ने अरहर दाल में 125 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी
  • तिल की कीमत में 236 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
  • कपास की फसल में 105 रुपये प्रति क्विटल की बढ़ोत्तरी
  • सोयाबीन की कीमत में 311 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी
  • उड़द दाल की कीमत में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.
Intro:पानी को लेकर किसान और प्रशाशन हुए आमने सामने।
शहर की प्यास बुझाने को रोका था किसानों का पानी।
किसानों ने इकठ्ठा होकर खोल दिया सिंचाई का अपने हिस्से का पानी।
मांडोठी गांव के पास किसान नहर पर हुए इकठ्ठा।
बहादुरगढ प्रशाशन ने गुड़गांव माइनर पर मोटर लगाकर नहर में डाल रखा है पानी।
सिंचाई के लिए आया हुआ है नहर में पानी, बावजूद उसके रोक दिया था किसानों का पानी।
किसान पानी को लेकर टकराव के मूड में।
विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ एफआईआर करने की मांग।
विधायक के मौखिक आदेशों परसिंचाई विभाग ने पानी रोकने को दी है मंजूरी।
सिंचाई विभाग के अधिकारी बोले ,हम क्या करें।Body:एंकर:-
पानी को लेकर किसान और प्रशासन बहादुरगढ़ में उस वक्त आमने-सामने आ गए। जब प्रशासनिक अधिकारियों ने विधायक के कहने पर शहर की प्यास बुझाने के लिए किसानों के खेतों तक जाने वाला सिंचाई का पानी रोक दिया। मांडोठी गांव के पास किसान नहर पर इकट्ठा हुए और रोके गए पानी को खुद ही खोल दिया। इतना ही नहीं किसानों ने विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ उनका पानी चोरी करने के आरोप लगाए और पुलिस से विधायक के खिलाफ पानी चोरी का मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित में शिकायत भी दी। दरअसल विधायक नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए गुड़गांव माइनर पर मोटर लगाकर बहादुरगढ़ माइनर में पानी डालने के आदेश दिए थे। इतना ही नहीं सिंचाई के लिए आया हुआ पानी भी गांव में जाने से रोक दिया गया। इससे किसान भड़क गए।

मांडोठी और आसौदा गांव के किसान आज नहर पर इकट्ठे हुए और किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में उन्होंने बहादुरगढ़ प्रशासन द्वारा रोका गया पानी खुद ही खोल दिया। किसानों का कहना है कि महीने में 1 सप्ताह के लिए ही सिंचाई करने वाली नहर में पानी आता है जिसे बांध लगाकर बहादुरगढ़ प्रशासन से रोक दिया। ताकि बहादुरगढ़ शहर के लोगों की पीने के पानी की आपूर्ति की जा सके। लेकिन किसानों ने अपने खेतों में धान की फसलें लगाई हैं। जो पानी के अभाव में सूख रही हैं। जिससे उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है। इसलिए किसानों में रोष है।
बाइट रामकुमार किसान

पानी रोकने के आदेश बहादुरगढ़ के विधायक नरेश कौशिक की ओर से प्रशासन को दिए गए थे। ताकि पानी की किल्लत से जूझ रहे बहादुरगढ़ के लोगों को कुछ राहत मिल सके। लेकिन सिंचाई का पानी रोकने से किसान नाराज हो गए और पानी को लेकर टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है की यह पानी किसानों के लिए आया था जिसे शहर में जलापूर्ति करने के लिए रोक दिया गया। ऐसे में सीधे-सीधे विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ पानी चोरी करने का केस बनता है। इसलिए किसानों ने पुलिस से विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है और एक लिखित शिकायत भी पुलिस को सौंपी गई है जिसमें विधायक नरेश कौशिक के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की गई है।
बाइट:- रमेश दलाल किसान नेता।

वही सिंचाई विभाग के एक्सईएन एमपी तवर का कहना है कि उन्होंने विधायक नरेश कौशिक को बताया था कि इस नहर में गांव के लोगों के खेतों में सिंचाई करने के लिए पानी आए हैं। लेकिन उन्होंने दबाव बनाकर पानी रोक दिया और बहादुरगढ़ माइनर में मोटर द्वारा लिफ्टिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि किसानों के लिखित शिकायत आने पर विधायक नरेश कौशिक पर एफ आई आर करने के लिए रिकमेंड कर दिया गया है। उनका साफ कहना है कि विधायक नरेश कौशिक के मौखिक आदेशों के बाद सिंचाई विभाग ने पानी रोकने की मंजूरी दी थी।
बाइक:- एमपी तवर एक्सईएन सिंचाई विभाग

वही मौके पर पहुंचे मांडोठी पुलिस चौकी प्रभारी बीर सिंह का कहना है क्यों ने अभी शिकायत मिली है और जिस प्रकार का मामला यहां बनता होगा वैसी ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
बाइट बीर सिंह मांडोठी चौकी प्रभारी

हम आपको बता दें कि बहादुरगढ़ शहर इन दिनों पानी की किल्लत के चलते लोग बेहद परेशान है। बहादुरगढ़ शहर और सेक्टरों को पानी सप्लाई करने वाले सभी टैंक खाली पड़े हैं। इसलिए विधायक नरेश कौशिक ने गांव की खेतों में सिंचाई के लिए जाने वाले पानी को रोककर बहादुरगढ़ तक पहुंचाने के आदेश दिए थे। लेकिन शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए गांव के खेतों तक जाने वाले पानी को रोकना भी एक अपराध है। क्योंकि यह पानी सिंचाई के लिए आना था और इस पानी के अभाव में किसानों की बेशकीमती फसलें सूखने के कगार पर है। Conclusion:शहर में पानी नहीं पहुंचने की मुख्य वजह अधिकारियों और शासन-प्रशासन की उदासीनता है। क्योंकि अगर समय रहते अगर बहादुरगढ़ माइनर की सफाई और मरम्मत करवा दी गई होती। तो पानी की किल्लत से लोगों को जूझना नहीं पड़ता।
प्रदीप धनखड़
बहादुरगढ़।
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