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चंडीगढ़: ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने बनाई कमेटी, शामिल होंगे ये डॉक्टर्स

राजीव अरोड़ा ने विनियमों के संबंध में कहा कि इन विनियमों को ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021 ’ कहा जाएगा और ये प्रकाशन की तिथि से एक वर्ष के लिए वैध रहेगा.

Haryana government committee black fungus
चंडीगढ़: ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने बनाई कमेटी, शामिल होंगे ये डॉक्टर्स
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Published : May 18, 2021, 4:28 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मरीज, विशेष रूप से कोविड-19 मरीज, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है और खतरनाक महामारी ब्लैक फंगस के संदिग्ध प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ लागू किया है, जिनका पालन नहीं करने पर दोषी व्यक्ति/संस्था के विरुद्ध महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

इसके अतिरिक्त, इन विनियमों या इन विनियमों के तहत जारी किए गए आदेशों की अवहेलना को किसी भी व्यक्ति / संस्था या संगठन द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत किया गया दंडनीय अपराध माना जाएगा.

ये भी पढ़ें: नॉन कोविड मरीजों में भी मिल रहे हैं ब्लैक फंगस के लक्षण, सुनिए डॉक्टर्स ने क्या कहा

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति/संस्था या संगठन द्वारा इन नियमों के तहत जारी किसी भी आदेश या अधिसूचना की अवहेलना की समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी.

उन्होंने बताया कि आंतरिक चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, ईएनटी और महामारीविद् विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे जो ऐसी अवज्ञा की समीक्षा करेंगे. उन्होंने बताया कि यदि अवज्ञा सिद्ध होती है, तो संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा अधिसूचना के अनुसार किए गए अपराध/अनियमितता को दर्शाते हुए ऐसे व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: गोहाना का मेडिकल कॉलेज हुआ अलर्ट, ब्लैक फंगस से निपटने के लिए सरकार से 500 इंजेक्शन की मांग

तत्पश्चात, नोटिस के विरूद्ध व्यक्ति/संस्था या संगठन से प्राप्त उत्तर की उक्त जिला समिति द्वारा समीक्षा की जायेगी. यदि नोटिस की प्राप्ति के निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्राप्त नहीं होता है या यदि उत्तर समिति द्वारा असंतोषजनक पाया जाता है और ये पुष्टि की जाती है कि व्यक्ति/संस्था या संगठन ने नियमों की अवहेलना की है, तो संबंधित सिविल सर्जन द्वारा अपराधी व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरूद्घ महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

राजीव अरोड़ा ने विनियमों के संबंध में कहा कि इन विनियमों को ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ कहा जाएगा और ये प्रकाशन की तिथि से एक वर्ष के लिए वैध रहेगा. सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (सरकारी और निजी ) म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान और प्रबंधन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय/आईसीएमआर/राज्य सरकार द्वारा जारी और समय-समय पर संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगी.

ये भी पढ़ें: हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस को घोषित किया अधिसूचित रोग, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय

इन विनियमों के अनुसार, सभी स्वास्थ्य सुविधाएं संबंधित सिविल सर्जन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को म्यूकोर्मिकोसिस के प्रत्येक संदिग्ध या पुष्ट मामले की रिपोर्ट करेंगी. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति/संस्था या संगठन स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा की पूर्व अनुमति के बिना म्यूकोर्मिकोसिस के प्रबंधन के लिए कोई जानकारी या सामग्री प्रसारित या प्रचारित नहीं करेगा.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मरीज, विशेष रूप से कोविड-19 मरीज, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है और खतरनाक महामारी ब्लैक फंगस के संदिग्ध प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ लागू किया है, जिनका पालन नहीं करने पर दोषी व्यक्ति/संस्था के विरुद्ध महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

इसके अतिरिक्त, इन विनियमों या इन विनियमों के तहत जारी किए गए आदेशों की अवहेलना को किसी भी व्यक्ति / संस्था या संगठन द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत किया गया दंडनीय अपराध माना जाएगा.

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स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति/संस्था या संगठन द्वारा इन नियमों के तहत जारी किसी भी आदेश या अधिसूचना की अवहेलना की समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी.

उन्होंने बताया कि आंतरिक चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, ईएनटी और महामारीविद् विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे जो ऐसी अवज्ञा की समीक्षा करेंगे. उन्होंने बताया कि यदि अवज्ञा सिद्ध होती है, तो संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा अधिसूचना के अनुसार किए गए अपराध/अनियमितता को दर्शाते हुए ऐसे व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा.

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तत्पश्चात, नोटिस के विरूद्ध व्यक्ति/संस्था या संगठन से प्राप्त उत्तर की उक्त जिला समिति द्वारा समीक्षा की जायेगी. यदि नोटिस की प्राप्ति के निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्राप्त नहीं होता है या यदि उत्तर समिति द्वारा असंतोषजनक पाया जाता है और ये पुष्टि की जाती है कि व्यक्ति/संस्था या संगठन ने नियमों की अवहेलना की है, तो संबंधित सिविल सर्जन द्वारा अपराधी व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरूद्घ महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

राजीव अरोड़ा ने विनियमों के संबंध में कहा कि इन विनियमों को ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ कहा जाएगा और ये प्रकाशन की तिथि से एक वर्ष के लिए वैध रहेगा. सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (सरकारी और निजी ) म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान और प्रबंधन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय/आईसीएमआर/राज्य सरकार द्वारा जारी और समय-समय पर संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगी.

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इन विनियमों के अनुसार, सभी स्वास्थ्य सुविधाएं संबंधित सिविल सर्जन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को म्यूकोर्मिकोसिस के प्रत्येक संदिग्ध या पुष्ट मामले की रिपोर्ट करेंगी. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति/संस्था या संगठन स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा की पूर्व अनुमति के बिना म्यूकोर्मिकोसिस के प्रबंधन के लिए कोई जानकारी या सामग्री प्रसारित या प्रचारित नहीं करेगा.

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